I have been suffering through a mind illness and it's cleared. But I really don't know what is that disorder exactly is. I have been taking the psychiatrist treatment as well,but not getting desire results. So now I am totally so desperate. Actually what happen in my condition. See, I can not concentrate on any particular thing which I am doing, lack of interest , lack of enthusiasm, forgetfulness, I don't even remember the thing which I did before 15 minutes. What to do?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreDear health seeker, as a precursor I may assure you that all your health issues regarding mental health are radically curable.
We the natural hygienists believe that the general health of the patient is of prime importance, brain including. The health of the brain can not be looked into isolation. If the general health is not up to the stipulated mark, the health of other organs can not be said to be ok.
The endeavor of the patient should be to improve the health as a whole and the health of other organs will automatically follow suit. We don't recommend any specifics for any specific ailments, all over food is highly alkaline in nature providing all the food essences for nurturing all the organs of our organism. Supply all the nutrients required, not only to nourish the body as a whole and the brain in particular from the plant kingdom. There are abundant of alkaline foods available in fruits and vegetables, raw and cooked conservatively without spices and condiments.
You could start including more of these Divine foodstuffs in the diet at the earliest. Have sun ripped, sun-soaked fruits, juices, green leafy vegetables as they provide the highest quality of food essences needed to nourish the brain. The diet should consist of 80% of fruits and vegetables and rest carbs, nuts, and seeds.
It is expected of all the patients to shy away from all enervating devitalizing habits and foods. Stimulants like tea, coffee, alcohol, animal products, and manufactured items.
Please refrain from watching TV, laptops, and other screens these devices badly affect the brain and the mind.
Be in the company of people with a positive attitude towards life who don't have an ax to grind, no vested interests, who will not mock or chide the weakness.
Proper exercise, relaxation mental poise will certainly help to tide over the brain fag or the neurological afflictions if any.
V.S.Pawar Member Indian institute of natural therapeutics 1980
Naturopathy and yoga would work very well in your condition.
- Consider taking raw fruits and vegetables diet for 2 to 3 days. This would clear all your mental confusuons and also would provide you lots of minerals and vitamins.
- Learn and practise yoga especially pranayama and meditation as this would reduce your thoughts which eventually would help you to concentrate on what you do .
Hi ,
Emotional and mental health is very much connected to our gut. Our gut is sometimes also known as "our second brain".It is important to maintain a healthy gut. When your body is fit, your mind is also calm and happy. You could easily modify your lifestyle choices and achieve good health. Among them, proper rest, food choices, sleep and physical activity are of prime importance. They could also be regarded as your 4 pillars to achieve good health. Let us look at the other lifestyle changes as well.
- Include plenty of raw fruits and raw vegetables in your diet. These contain essential nutrients which are important components of many hormones and many body functions.
- Make sure you sleep well. Your body recovers and repairs during this time. Sleeping well is extremely important both for the brain and body.
- Avoid all packed, processed, sugary and fried foods. All of them are high in sugar, oil and colouring agents. These all create a hormonal imbalance which in turn affects your moods.
- Physical activity is important. This helps to kick off the production of "good happy hormones".
- Soak in sunshine. This helps to calm the mind.
- Write down a list of all things that you are grateful for which includes your senses of sight, smell, your movement of the body etc. The more grateful we are you will find contentment and happiness.
- Try helping others in whatever way you can. This helps in the release of oxytocin, a good hormone.
You could take help and guidance from any of the nature cure coaches to help you with this under Nature Natures Program
Wishing You Good Health Always!
Thank you
Regards
नमस्ते,
न्यूरोट्रांसमीटर स्वाभाविक रूप से मस्तिष्क के रसायनों को मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों में ले जाते हैं,जब इन रसायनों से जुड़े तंत्रिका तंत्र ठीक से काम नहीं करते, तो तंत्रिका रिसेप्टर्स और तंत्रिका तंत्र में परिवर्तन आने से, गर्भ में पर्यावरणीय तनाव, उत्तेजनात्मक स्थितियां, विषाक्त पदार्थ, शराब या ड्रग्स के संपर्क में आने से, सिर में गंभीर चोट लोगों के द्वारा दुर्व्यवहार, क्रोध, ईर्ष्या, चिंता, तनाव रात्रि जागरण इत्यादि वजह से इस तरह की समस्याएं प्रारंभ हो जाती है ।
- नींद- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद लें, इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं मस्तिष्क की कोशिकाओं के टूट-फूट की मरम्मत होती है ,मस्तिष्क तनाव मुक्त होता है।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी , नींबू एवं शहद का सेवन करें, इससे आंतों में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- प्रतिदिन सूर्योदय के 45 मिनट धूप में रहे इससे शरीर में आवश्यक विटामिन डी की आपूर्ति होती है ,शरीर की अंतः स्रावी ग्रंथियां सुचारू रूप से अपना कार्य करती हैं, हार्मोंस साम्यावस्था में आते हैं।
- प्रतिदिन नारियल पानी, एलोवेरा या आंवला के जूस का सेवन करें ,इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है।
- भोजन में 50% ताजे मौसमी फल , 35% ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां, 10% साबुत अंकुरित अनाज एवं 5% सूखे मेवे का प्रयोग करें, यह हल्के सुपाच्य होते हैं, शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त होता है सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं।
- प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें, इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में जल की आपूर्ति होती है ,तंत्रिका तंत्र सुचारू रूप से अपना कार्य करता है।
- सप्ताह में कम से कम 1 दिन उपवास रहें,इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, शरीर के अंगों की कार्यक्षमता बढ़ जाती हैi
- प्रतिदिन कपालभाति, अनुलोम विलोम, भस्त्रिका एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें ,इससे मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, मन शांत एवं तनाव मुक्त होता है।
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट ध्यान एवं योगनिद्रा का अभ्यास अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में ही करें, इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है।
- प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में प्रसन्न चित्त होकर ओंस पड़ी हुई घास पर नंगे पांव टहलें, इससे मन शांत एवं प्रसन्न चित्त रहता है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
- निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चाय, चीनी, नमक ,नमकीन, ठंडे पेय पदार्थ, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, क्रोध, चिंता तनाव रात्रि जागरण सोने से पहले मोबाइल टेलीविजन कंप्यूटर का प्रयोग।
Hi,
Please read this article - How are mental disorders formed in our Body Wisdom section. You should work closely with a good Mental Health Coach to reclaim your health. Let us know if you want us to connect you with one.
हेलो,
कारण - आत्मबिश्वास की कमी, दर्दनाक या तनावपूर्ण घटनाओं का अनुभव से भी ऐसा हो सकता है।अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकार जैसे चिंता, डिप्रेशन, मादक द्रव्यों का सेवन से ऐसा हो सकता है।
समाधान - भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन
वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
जीवन शैली - 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।ह
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- 4 पहर का स्नान करें। सुबह सूर्य उदय से पहले, दोपहर के खाने से पहले, शाम को सूर्यअस्त के बाद, और रात सोने से पहले स्नान करें। नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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