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Q&A
07:08 PM | 08-08-2019

My dadi, a 86 year old lady is suffering from a severe leg pain. Is there any home remedy?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

06:04 PM | 09-08-2019

Pls read here.



03:46 PM | 27-09-2019

नमस्ते ,

गलत खानपान, अनियमित दिनचर्या, चिंता, तनाव , क्रोध ,ईर्ष्या की वजह से भोजन का पाचन अवशोषण व मल का निष्कासन सही से नहीं हो पाता, दर्द वाले रोग आरंभ हो जाते हैं।

 

  •  प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी नींबू और शहद का सेवन करें इससे पेट साफ होता है।
  • प्रतिदिन 45 मिनट सूर्योदय के पश्चात धूप में बैठे इससे आवश्यक विटामिन डी की पूर्ति होती है ,दर्द में आराम मिलता है।
  • खीरा, टमाटर का सलाद या जूस प्रतिदिन सेवन करने के लिए दीजिए।
  •  80% मौसमी फल व सब्जियों का सेवन करें इससे रक्त की क्षारीयता बनी रहती है, सभी अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं।
  • गर्म सरसों के तेल में कपूर मिलाकर दर्द वाली जगह पर मालिश करें , जोड़ों में जकड़न, सूजन व दर्द में आराम मिलेगा।

निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,दूध व दूध के उत्पाद ,मांस ,मैदे से बनी चीजें, ठंडे पेय पदार्थ!



04:11 PM | 25-09-2019

Yes at this age the lifestyle would have resulted in / reached its peak accumulation. 

  • A wet compress will help. Start with 5 mins warm and 15-20 mins cold. Twice a day 
  • Feed her lots of fruits and juices throughout the day
  • See if you can reduce her intake of dairy meat eggs fish as applicable- this will majorly reduce the leg pain

Thanks and let me know if you have any questions
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)



09:35 AM | 25-09-2019

हेलो जी,

 

कारण - इस दर्द का कारण प्रदाह  (inflammation)

है। पाचन तंत्र में अधिक acid बंनने से ऐसा होता है।

समाधान - दर्द वाले जगह पर धनिया + खीरा का पेस्ट लगाएँ 20 मिनट के लिए। 

(liquid) ले सकते हैं।

दर्द वाले भाग पर गीली मिट्टी लगाएँ या खीरा + धनिया + तिल पीस कर पेस्ट बना लें। लगाएँ 20 मिनट के लिए और फिर साफ़ कर लें। इससे दर्द में तुरन्त आराम मिलेगा।

दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में

और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

जीवन शैली - पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I

खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें।

5. पृथ्वी तत्व - कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और  नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी

 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


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