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Q&A
10:02 PM | 16-08-2019

My mom pain all body


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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5 Answers

07:07 PM | 18-08-2019

 

Namaste Ronak Choudhary

Body Pain is due enervation resulting in toxins being accumulated in the body. In nature cure we say "pain is the monitor and rest is the cure". It means that the pain is there to remind you or tell you that you need to slow down rest relax and listen to your body. When we say rest is is not just going back to sleep, but it means resting at all levels, physical, mental and physiological. How do you do that?

Stop eating foods that would drain out your vitality, like

1 All packaged and processed outside food-like substances.

2 Refined flour and refined oil

3 All types of stimulants like tea and coffee. If you drink alcohol then that too must be stopped.

4 All overcooked, deep-fried oily food.

5 All dairy products, meat and eggs

What foods can your body digest most easily without draining much of your vitality

1 Fresh locally grown seasonal fruits - 50% of daily intake

2 Fresh seasonal vegetables and greens - 35% of daily intake

3 Grains - soaked or sprouted or steamed - 10 % of daily intake

4 soaked nuts and seeds - 5% of daily intake

And understand this - it is not only the food that influences your quality of blood but many other things too matter equally.

1 Learn Pranayam and yoga for relaxing your mind, improving your flexibility and activating your lymphatic system.

2 Get good sun exposure either in the early hours of the morning or a couple of hours before sunset.

3 Get in touch with Mother Earth. Do some gardening with your hands or at least walk barefoot on sand or mud. Sit in parks or lie on the ground or lawns and relax.

4 Keep an eye on your bowel movement. See to it that your bowels are always functioning normally. Eliminate larger quantities than what you eat.

5 Rest and relax well. Sleep in the earlier part of the night and sleep through the night. Wake up before or with the sun.

6 Be well hydrated. Consume a lot of juicy fruits veggies and greens to hydrate yourself well.

7 Get your body moving, do yoga or participate in any outdoor sport, walk or do some gardening. Moving your body will support the removal of toxins and free flow of vitality

8 Be happy always. Don’t let life’s negativities to bog you down. Always be positive.

Follow these principles and as you go on eliminating toxins and discarding all damaged unhealthy tissues. Slowly with each day she will experience lesser pain and will start enjoying life as she did when she was young.

Be Happy Be healthy always

Swati Dhariwal

Nature Cure Practitioner



11:03 AM | 15-09-2019

नमस्ते

 

शरीर में अधिक अम्ल बनने के कारण जो शरीर में (inflammation) होता है वह दर्द का मुख्य कारण है।

शरीर में पोटेशियम की कमी से भी पुरे शरीर में दर्द होता है। पाचन में अधिक समय लेने वाला आहार भी ठीक से शरीर में ना पचे तो पाचन तंत्र में दोष पैदा करता है और उससे शरीर में तंत्रिका दोष (nurvous system) उत्पन्न होता है। यह भी शरीर में दर्द का एहसास कारण हो सकता है।

 आहार में परिवर्तन आयु के हिसाब से करना चाहिए। 9 साल के बाद दुध या दुध से बना सामान नहीं पचता है। 20 साल के बाद प्रोटीन के बाहरी स्रोतों से परहेज़ ज़रूरी है। 30 साल के बाद अनाज, तेल घी से परहेज़ ज़रूरी है और चीनी की ज़रूरत कभी नहीं है। उसके जगह गुड़ या सुखा फल लें। खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें और मात्रा कम लें। आप प्रोटीन युक्त भोजन से परहेज़ करें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

इस बीमारी का मूल कारण हाज़मा और क़ब्ज़ है।

शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करें। खीरा + नीम के पत्ते का पेस्ट दर्द वाले हिस्से पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। सुर्य की रोशनी उसी जगह पर लगाएँ।

दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में

 

और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें। ताज़ा नारियल पीस कर मिलाएँ। कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ। नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की मात्रा dopahar के खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती है। एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।

ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद। 

धन्यवाद।

रूबी, Ruby

प्राकृतिक जीवनशैली शिक्षिका (Nature Cure Educator)



07:09 PM | 18-08-2019

Namaste,

An ice pack or Hot pack.

Apply an ice or hot pack to the aching areas.
Leave it on for 10 minutes and repeat 2 to 3 times.

You must follow this remedy thrice daily to reduce body pain.

Add an inch or two of ginger to a cup of water.
Bring this to a boil in a saucepan. Simmer for 5 minutes and strain.
Add some honey to it.
Consume the tea before it turns cold.

Stay healthy.



02:15 PM | 16-09-2019

नमस्ते,
भोजन के सही सेेेे पाचन ,अवशोषण व मल का सही से निष्कासन ना होने की वजह से आंत में ही सड़ने लगता है -

 

*दो गिलास गुनगुने पानी को पिलाएं !
 

*10 लीटर गुनगुने पानी में एप्सम नमक 250 ग्राम डालकर अच्छे तरीके से मिला लें और उससे स्नान करें !

 

*कभी -कभी अधिक परिश्रम करने की वजह से शरीर में थकान हो जाती है व दर्द प्रारंभ हो जाता है ,दाहिने करवट की तरफ लेट जाए बायां स्वर  चलने लगेगा व दर्द में आराम मिल जाएगा !



02:15 PM | 16-09-2019

Follow a holistic approach to lifestyle. Body changes its needs as it wants and we must focus on the natural principles of living . Toxins accumulation can create pains everywhere. Once a balance is established, the organs will not make erratic unexpected eliminations.

  • High raw foods - fruits greens veggies 
  • Respecting the circadian rhythm https://www.wellcure.com/body-wisdom/15/circadian-rhythm-of-the-body
  • Natural Hydration to ensure body has enough to maintain homeostasis - 2-3 lts
  • Enough exercise like yoga
  • Breathing - Pranayam 
  • Mental poise - mental peace and positive thinking 
  • Resting well - sleeping in time and following circadian rhythm 
  • Experience natural elements - exposure to sun daily
  • Not medicating the body to suppress any eliminations - are chemicals used to suppress natural elimination from body. 

Avoid 

 

  • Not overloading the body with toxic foods the body can’t recognise - things unnatural that we can’t chew and digest in its raw state. Man made fake foods . Dairy eggs meat fish sugar wheat maida refined oil white rice salty store bought foods fried foods etc 
  • Freeing the body off digestion every few days - fasting 
  • Spending time Connecting with oneself the form of meditation 
  • Ensure that your bowel movements are regular

 

 

Thanks and let us know if you have any questions

 

Be blessed

Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)


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