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Q&A
09:45 AM | 15-08-2019

Hi am 27 years female having severe bakpain pain increases while standing or sitting for 10 mins. Having a 2 year old son. Plz helped out.


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

01:02 PM | 16-08-2019

Hy saira...
1. I suggest you to do yoga asanas at least twice per day for 10-15 min per day, Asana like-

  • adasana
  • Makrasana
  • Bhujangasana
  • Dhanurasana
  • spinal twisting poses.

2. Hot fomentation on the back for half an hour daily thrice

3. Mustard oil massage with camphor mixed in oil, warm it and do massage on the affected area.

Dr. Ruchika Sharma

 



11:14 AM | 16-08-2019

Dear Saira,

Suggest you:

  1. Read the journey of Shreelalitha N who cured her back pain naturally
  2. Follow the thread to a similar query related to a stiff back, click here
  3. Read this blog from our Body Wisdom section - Do you understand pain?

Team Wellcure



09:43 PM | 16-08-2019

नमस्ते,

 

शरीर में अम्लीयता अधिक होने से यह समस्या होती है।आपके शरीर में excess प्रोटीन बन रहा या जमा है। आपका पाचन तंत्र (digestive system) प्रोटीन को पचा नहीं पा रहा है।अपच (undigested) प्रोटीन के वजह से आपके शरीर में 

परेशानी हो रही है। आप प्रोटीन युक्त भोजन से परहेज़ करें।जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। चीनी को बदल लें गुड से और सेंधा नमक अपने खाने में लें।

इस बीमारी का मूल कारण हाज़मा और क़ब्ज़ है।

शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

दर्द वाले भाग पर गीली मिट्टी लगाएँ या खीरा + धनिया + तिल पीस कर पेस्ट बना लें। लगाएँ 20 मिनट के लिए और फिर साफ़ कर लें। इससे दर्द में तुरन्त आराम मिलेगा।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करें।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।

 मेरुदंड (spine) की दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा  (clockwise)में

और घड़ी की उलटी दिशा  (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं देना है।

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें। ताज़ा नारियल पीस कर मिलाएँ। कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ। नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की मात्रा dopahar के खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती है। एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।

ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद। 

धन्यवाद।

रूबी, Ruby

प्राकृतिक जीवनशैली शिक्षिका (Nature Cure Educator)


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