My b12 level is low,. I m suffering low memory body pain and low energy. What should I do?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreVitamin b12 is a very important vitamin ; the source of which is bacteria from a healthy soil only. This is not present in any fruit or vegetable or nut or seed. However our bodies are capable of manufacturing some b12 but not all of it. Some of the beneficial bacteria can be found on top of fresh natural produce grown without any chemicals if consumed after just a brief rinse and not thoroughly washing.
Over 90% of the worlds population is deficient in b12 vegan and non vegan both alike.
There is a rumour that some non vegans are not deficient, but it's not true.
Some Vegans are deficient in b12 because they don't get them from animals.
Animals don't wash their food, they eat it right off the soil and eating meat or milk from animals contain traces of the vitamin. However , the catch is, due to a highly acidic environment in their stomach and bodies because of consumption of animal products, the b12 that comes into the body does not get assimilated . So they remain deficient. If they take b12 supplements or injections, they do see a boost in their levels but it drops eventually as that cannot be retained in the body. Body makes or acts on the food.
Vegans of course are relatively healthier but don't get their b12. If they get their supplements then they tend to improve and stick on
So b12 deficiency is not seen in people who consume raw vegetables and fruits and off the soil that is organic and not contaminated with pesticides and unnatural manure. We live in a world of soaps and washing hands all the time is considered a good hygiene and hence we don't get anything from the dirt. River water, streams and such also carry the bacteria, but we drink chlorinated water in a daily basis to kill all the bacteria and pathogens in the water.
So unless you get your hands dirty daily in a good organic soil that's growing plants and sees all seasons, expect a deficiency.
Back in the old days man was in a forest or was farming eventually..But due to urbanization that is out of question.
B12 bacteria forms a coating over the soil or over organic untampered produce. Remember these survive winds rains and harsh weathers. Unlike factory produced probiotics, these special biotics are able to survive a healthy gut environment or digestion process and make it to your ileum the final section of your small intestinal tract that creates more b12 critical to your body’s functioning. Be selective about what food we eat raw and unwashed. If you have a organic terrace garden, you can pick off the plant and have it or rinse under running water and eat it.
The steady supply of uncontaminated foods in the past kept our ancestors relatively less vulnerable compared to the current times although their intake of raw was less. Whatever little raw they had was enough plus their contact with ground was more.
B12 deficiency if severe has seen to cause dementia Alzheimer's and many other diseases due to poor functioning of the overall bodily functions. B12 fortifies our neurotransmitters boosting mental functions and keeps depressions also away. B12 is the key to most of our bodily functions and communications tat happen inside the body. Critical processes, maintenance of your organs and recovery from traumatic states .
Even if your levels are right today as per the tests it’s quite likely that the tests are faulty and we can’t rely on those for accurate results.
The only way as long as you live in a city and live a city life and not a raw organic vegan, but continue to have cooked too, you might continue to jeopardize your overall functioning .
If deficient take a b12 bacterial supplement as prescribed. . The beauty of this is that a very small portion is absorbed and rest passes our through the urine. I have consulted various naturopaths and they advice the same. This is not recommended in nature cure principle as in nature cure food is always raw and over a period of time b12 balances out in raw Vegans.
In my opinion although NC does not recommend any supplements, unless you are on full raw organic and leading a lifestyle as close to nature as possible you will be deficient and is better to supplement.
Consume raw foods that come from greens fruits and vegetables. Get the gut cleaned like this and overtime the body will slowly start making b12 in few years.
Be blessed
Smitha Hemadri (Educator of natural healing practices)
नमस्ते
हमारे शरीर में सभी पोषक जो शरीर के संचालन हेतु ज़रूरी हैं, वो संतुलित मात्रा में दिए गए हैं। शरीर में अम्ल की मात्रा अधिक होने से ये गौण रूप में शरीर में मौजूद रहते हैं जैसे ही अम्ल (acid) से क्षार (alkaline) रूप में शरीर बदलेगा ये कमियाँ अपने आप ठीक हो जाएगा।
एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।सूर्य नमस्कार 5बार करें। दौड़ लगाएँ। भर्मारी प्राणायाम करें।
सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व
नमस्ते ,
आज के परिवेश में उत्तेजक एंटीबायोटिक दवाओं व अधिकतर अम्लीय भोज्य पदार्थों के सेवन से विटामिन B12 की कमी हो जाती है जिससे आंत में स्थित फ्लोरा या तो चपटी हो जाती है या नष्ट हो जाती है, कभी-कभी तो रक्त हीनता, संज्ञा सुन्नता भुजाओं में कड़ापन या आंशिक पक्षाघात की संभावना भी बन जाती है !
- प्राणायाम -कपालभाति, अनुलोम -विलोम व भ्रामरी इससे मस्तिष्क की नाड़ियों को शक्ति मिलती है, पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है , मन शांत होता है व याददाश्त क्षमता बढ़ती है !
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबू और शहद का सेवन करें इससे आपकी मांसपशियों में जमा मल ढीला हो जाता है जिससे वे बाहर निकलने लगती हैं !
- प्रतिदिन भोजन में 80% मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें इससे हमारे रक्त की क्षारीयता संतुलित रहती है व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है !
- प्रतिदिन प्रातः गेहूं के ज्वारे का जूस /चुकंदर का जूस पिए इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन B12 होते हैं जो रक्त की कोशिकाओं को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं और रक्त वाहिनीयों को श्वसन में सहायता मिलती है !
- चना, मूंग व सोयाबीन के बीज को अंकुरित करके (400 -500ग्राम) प्रतिदिन खाएं , इससे आवश्यक विटामिन B12 की पूर्ति हो जाती है !
डॉ. राजेश कुमार
योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन
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