I feel like something is stuck in my throat.. Nd also having acidity... Is it serious... I hv this prblm since 7 days. What to do?
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Read moreनमस्ते
शरीर में अम्ल की अधिकता के कारण कफ, पित्त और वात का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे गले में संक्रमण पैदा हो रहा है।
एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।
शरीर को यह ज्ञान है कि ख़ुद को स्वस्थ कैसे रखना है। हम इस बात से अनभिज्ञ हैं। जब हमारी प्राणशक्ति हमें ऊर्जा दे रही होती है तो वह स्वास्थ्य की स्थिति है। जब हमारी प्राण शक्ति हमारे शरीर के अंदर विषाणुओं (toxic) को साफ़ करने में लग जाती है तो वह अस्वस्थ होने की स्थिति होती है।
इस बीमारी का मूल कारण हाज़मा और क़ब्ज़ है।
शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।
पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I
खुली हवा में बैठें या टहलें।
3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
नीम के पत्ते + खीरा का पेस्ट अपने गले पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
5. पृथ्वी तत्व - कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
नमस्ते,
भोजन का सही से पाचन, अवशोषण और निष्कासन न होने की वजह से वह आंत में ही पड़ा पड़ा सड़ने लगता है, जिससे अम्लीयता तथा अन्य कई प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं !
योग व नेचुरोपैथी द्वारा इसको ठीक किया जा सकता है !
क्रिया -वमन धौति -2 लीटर गुनगुने पानी में दो चम्मच नमक मिलाकर जल्दी-जल्दी पीकर , मुंह में अंगुली डालकर जीभ के अन्तिम सिरेेे को दबाकर वमन कर देना - इससे पेट व भोजन नली में स्थित अशुद्धियां बाहर निकल कर निकल जाती हैं!
गुनगुने पानी, नींबू और शहद का सेवन- पेट में स्थित अम्लीयता को कम कर देता,दूषित पदार्थों को बाहर निकालनेे में सहायता करता है !
गर्दन का स्थानीय वाष्प स्नान - गर्दन में स्थित अशुद्धियों को बाहर कर देता है ,रक्त संचार बढ़ जाता है !
डॉ .राजेश कुमार
योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन
Depends on how long you have been having a heart burn with acidity. The acids from the liver and other organs in the GUT can burn the oesophagus. A small ulcer or a burn can make you feel the discomfort too. Check if you have an inflammed thyroid too.
Due to an incorrect lifestyle, accumulation of toxins gut would have become the breeding ground for a lot of bacteria and viruses in the body. This weakens your gut and weakens the liver which becomes a storeroom for the pile of toxins. Anything that does not belong to category of fruits veggies and greens goes to the list of toxins - bad smells , chemicals medicines anything. Overtime bile becomes less potent and this taxes thestomach and strength of HCL in the stomach becomes less. As that becomes less , this can increase the acidity of the stomach due to other bad acids and bacteria that’s thriving. So the acid reflux happens. It’s not the HCL of the body which actually is protecting you. It’s other things that’s not supposed to be there comes out burning your oesophageal lining.
Do the following sincerely to see changes. I have seen this working in people.
- To start off with start your day with a 500 ML of cucumber juice.
- Have only fruits for breakfast and nothing else.
- Carry vegetable salads with leafy greens for your lunch.
- Avoid all kinds of animal products which are acidic and is a drain in your system - dairy eggs meat fish
- Avoid sugar, refined oils, refined flour, fried food sugar laden foods and anything containing dairy.
- spend some time In yoga and Pranayam.
- If possible try to expose yourself for 30 minutes in the morning sun before you leave to the office
- Although you have a stressful job try to help find happiness inside yourself stay happy live in gratitude and show compassion to all the living beings.
- Avoid coffee tea and green tea as they are stimulants and will further cause a dip in your energy.
- Place a wet towel on the stomach for 30 mins daily. Make sure it’s wet and cold.
More cucumber juices, ashgourd juices will help you. For 15 days drink about 1-2 lts of such juices and very limited gluten free , oilfree cooked food in the night. Rest of the day when hungry have juicy fruits like melons and sweet fruits like banana papaya. Keep your stomach as less busy as possible without any solids but flooding with liquids as this helps your bad acids clear up. Solids will delay and rot and create a mess until you heal
Be blessed
Smitha Hemadri (Educator of natural healing practices)
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