How to manage mood swings, anger, negativity?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreJaisa khaye ann, vaisa hove mann.
In my own case, I have observed that after removing all forms of animal products in my diet and increasing raw foods and improving sleep, these have reduced to a great extent.
In addition to self introspection, acceptance and to some extent detachment, pls work on building a healthy mind with a proper diet.
नमस्ते
कई बार अत्यधिक मानसिक तनाव इस बीमारी की शुरुआत कर सकता है|
प्राकृतिक रूप से मस्तिष्क के रसायनों में होने वाले असंतुलन को न्यूरोट्रांसमीटर कहा जाता है। ये मानसिक और मूड विकारों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
परिवार में पहले किसी को यह विकार होना, जैसे माता-पिता या भाई-बहन आदि।
बहुत ज़्यादा तनाव से गुज़रना, शराब की लत या नशे की लत, जीवन में किसी तरह के अत्यधिक दुख से गुजरना जैसे किसी प्रियजन की मौत होना या अन्य अन्य दर्दनाक अनुभव। ये सभी कारण है। हर समस्या का समाधान भी है। उस पर ध्यान दें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें। योग निद्रा करें 20 मिनट। भ्रामरी प्राणायाम करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
hii,
To avoid mood swings n negativity you first should stay away from negative people. avoid inflammatory food.
Programme your food n water before eating.
Avoid dairy food, oily n spicy food.
Eat more fruits.
Listen to good music, read good books, see motivational things, movies.
Engage yourself in a hobby.
Do some activities like planting, painting, dance, meditation n exercise.
Groom your self n learn new skills.
नमस्ते,
चिड़चिड़ापन,क्रोध व नकारात्मक विचार पानी कम पीने, अधिकतर मसालेदार , नमक- नमकीन,सिगरेट, अधिक टेलीविजन देखने, कंप्यूटर व मोबाइल चलाने वालों , बंद कमरे में रहने वालों और देर रात तक जागने वालों को होता है !
आपने लिखित योग व प्राकृतिक उपचार से छुटकारा पा सकते हैं-
*प्राणायाम- अनुलोम-विलोम कुंभक के साथ,भस्त्रिका, भ्रामरी !
*क्रिया- जलनेति ,वमन धौति , त्राटक !
*आसन- वृक्षासन, गरुड़ासन,मयूरासन !
*ध्यान,
*योग निद्रा
*प्रतिदिन प्रातःकाल गुनगुने पानी का सेवन !
*गुनगुने पानी ,नींबू व शहद का एनिमा !
*पेट व माथे पर मिट्टी की पट्टी !
*ठंडा रीढ़ फुहार स्नान(अवधि 10 से 15 मिनट)
*पूरे शरीर की मालिश व वाष्प स्नान (अवधि सप्ताह में एक दिन)
*पूरे शरीर का मिट्टी स्नान (अवधि सप्ताह में एक दिन)
*जूस -नीबू /संतरा /अनन्नास/लौकी /गेहूं के ज्वारे !
*सलाद - गाजर ,खीरा ,टमाटर, संतरा, सेव ,नाशपाती !
*प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी पीना आवश्यक है !
डॉ .राजेश कुमार
योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन
Hello, do you realize that you have asked for help to control your own thoughts and you have stressed yourself and got to this condition because you think others are not meeting your expectations. People issues are the most stressful according to studies. Anger hatred jealousy etc are going to create a break in your own rate of blood flow and thus causing physical issues. The person who you shout at will not change a bit. Others thinking or behaviour is not in your control at all. Experiences come to you so that you can learn positive qualities in your like and shed the negative.
When u are seeking help for yourself, you must understand that others have a different mind and body and they are not going to listen to you.
Expectations is one of the biggest reasons for emotional and physical health issues. If emotionally a person is derailed, physical problems are a sureshot. Even with healthy eating u won’t be able to battle physical issues that were caused because of emotional stress. U can’t carry a mental baggage all day and go around because it’s a waste and won’t help anyone .
Practice living in gratitude irrespective of the situations in your life. You have give more of what u lack to see abundance. Practice this in the link
http://www.wellcure.com/body-wisdom/284/the-magical-power-of-blessings-part-1
and in parallel eat a whole food plant based lifestyle with more fruits vegetables greens.
1) if you can slowly remove all kinds of animal products from your life which would be feeding the virus / adding more toxins to the system. It is very important to remove dairy meat eggs fish.
2) Remove sugar, maida, bakery goods, wheat, any gluten-based products made from wheat, greasy foods, store bought products that are ready to eat etc
3) Do not cook with any oil. Learn to cook oil free. There are many YouTube videos on the same or you can refer to the Wellcure recipe section.
4) Increase consumption of juices from fruits greens and vegetables to at least 1 to 2 L per day.
5) Feed on least one 1 KG of fruits per day.
6) Increased exposure to sunlight to 1 hour per day
7) yoga and pranayama will improve the blood oxygen levels.
This will help clean your body and thinking.
Be blessed
Smitha Hemadri (Educator of natural healing practices)
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