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Q&A
10:05 AM | 18-09-2019

I feel very weakness whole time why it is and I am suffering from common cold and headache since 2 months. What to do?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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5 Answers

05:24 PM | 19-09-2019

Hi. Adopting a natural lifestyle will help you in reclaiming your health. Wellcure’s Buddy Program helps you in making the transition, step by step. If you would like to know more, please let us know.



05:40 PM | 20-09-2019

Hello Nitesh,

Be on a complete plant based diet. 

Avoid any carbonated drinks and beverages. 
Also,say no to caffeinated drinks. 

Avoid packing food, processed foods,deep fried foods, oily and spicy foods. 

Have fresh homemade fruit juices. 
Have tender coconut water. 

Perform yoga and pranayam regularly. 
Do anulom-vilom. 
Also, do neti.



05:24 PM | 19-09-2019

you should drink fresh sweet lime n orange juice daily.
include lemon n fruits in your diet.
avoid potato, heavy grains n starchy n spicy food.



05:23 PM | 19-09-2019

नमस्ते

कारण - शरीर में fluid की कमी से ऐसा हो सकता है। शरीर में आकाश तत्व की कमी के वजह से ऐसा होता है। आकाश तत्व की कमी से होता क्या है की शरीर ने पोषक तत्व जो पाया आपके भोजन से उसको पुरे शरीर में  प्रसार (circulate) नहीं कर पाता है। जैसे की आपके पास पैसे हैं पर आपके लिए जो काम करने वाले लोग हैं उन तक उनकी फ़ीस पहुँच नहीं रही है तो वो काम कैसे करेंगे। ठीक ऐसे ही पोषक तत्व आया मगर शरीर के रक्त, मांसपेशी, कोशिकाओं तक पहुँचा नहीं। क्योंकि उसको पहुँचने के लिए जो (gap) की ज़रूरत है, वो हम नहीं दे रहे है।

समधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाएँ। फल के बाद 3 घंटे का gap रखें। सलाद बाद 5 घंटे का अंतराल रखें। पका हुआ खाना के बाद 12 घंटा का अंतराल रखें। 

जीवन शैली - शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I

दौड़ लगाएँ। सूर्य नमस्कार 5 बार करें।

3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।

पेट पर खीरा का पेस्ट 20 मिनट लगाएँ। फिर साफ़ कर लें। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

5. पृथ्वी तत्व- कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है।  सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और  नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



05:42 PM | 20-09-2019

नमस्ते ,

भोजन का सही से पाचन अवशोषण  व मल का सही से निष्कासन ना होने की वजह से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता जिससे शरीर में कमजोरी का अनुभव होता है।

  •   रात्रि में 7 - 8 घंटे अवश्य सोएं-इससे शरीर में स्थित अशुद्धियां बाहर निकलती हैं व कोशिकाओंं की टूट-फूट का निर्माण होता है।
  • प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के बाद व सूर्यास्त से 1 घंटे पहले धूप में समय व्यतीत करें इससे शरीर को आवश्यक विटामिन डी मिलती है व शरीर ऊर्जावान बना रहता है।
  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबू और शहद का सेवन करें- इससे अशुद्धियां बाहर निकलती है।
  •  प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी बैठकर धीरे-धीरे पीएं इससे शरीर को आवश्यक पानी की आपूर्ति होती है व अशुद्धियां बाहर निकलती रहती हैं ।
  • भोजन हल्का सुपाच्य होना चाहिए व उसमें 80% मौसमी फल व हरी  पत्तेदार सब्जियों का समावेश होना चाहिए इससे शरीर में अम्ल क्षार की का संतुलन बना रहता है।
  • प्राणायाम-कपालभाति, अनुलोम -विलोम व भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें- इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है ।
  • योगिक सूक्ष्म व्यायाम -इससे शरीर के समस्त जोड़ों में लचीलापन बना रहता है।
  • गमले या बगीचे में  सुंदर सुगंधित पुष्प के पौधों को लगाएं उनका प्रतिदिन देख देख करें।

#निषेध- चाय ,चावल, चीनी ,अचार, मिठाइयां ,नमक -नमकीन, ठंडे पेय पदार्थ , नशीली वस्तुएं,मांस ,क्रोध ,ईर्ष्या, चिंता -रक्त में अम्लियता बढ़ती है जिससे रक्त अशुद्ध हो जाता है ।

डॉ.राजेश कुमार 

योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन


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