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Q&A
02:23 PM | 20-09-2019

Is there any treatment for open pores?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

05:47 PM | 20-09-2019

Namaste

1 Do not use any chemical based products on your skin.

2 Use only cold water for bathing or washing.

3 Apply Multani Mitti regularly.

4 Eat a Whole Plant Based diet. 50% of your daily intake could be locally grown fresh seasonal fruits, 35% of your diet could be fresh vegetables, 10% could be grains and 5% can be soaked nuts and seeds.

5 Get physically active to move your toxins out. It could be yoga, gardening or walking or any sport.

6 Get in touch with nature and spend time in early morning sunlight, breathing in fresh air and stying in touch with the earth.

Be Happy Be Healthy Always

Swati Dhariwal

Nature Cure Practitioner



05:48 PM | 20-09-2019

नमस्ते

कारण -चेहरे का रोम छिद्र बड़ा मुँहासों के वजह से हो जाता है या चेचक के वजह से भी हो जाता है। त्वचा हमारे शरीर का सहज ज़रिया है अम्ल (acid) को प्रतिबिम्बित करने का। शरीर (elimination)निष्कासन की प्रक्रिया में लगा है। हम उसको आहार शुद्धि से मदद करें।

समाधान - अधिक पके हुए केले में बर्फ़ के दो तीन टुकड़े डाल कर पीस लें और प्रतिदिन चेहरे पर लगाएँ। 20 मिनट बाद गुलाब जल से साफ़ करें।

खीरा+एलोवेरा का पल्प का पेस्ट वंहा लगाएँ जंहा परेशानी है।  20मिनट के लिए लगाएँ।

त्वचा को गुलाब जल + बेसन और हल्दी से साफ़ करें। साबुन या कोई भी क्रीम का प्रयोग बंद कर दें।

बार बार कुछ भी खाने से बचे फल के बाद 3 घंटे का अंतराल (gap) रखें। क्षार (alkaline) जूस के बाद 1घंटे का अंतराल रखें। कच्चे सब्ज़ियों के सलाद के बाद 5 घंटे का अंतराल रखें। अनाज और पकी हुई सब्ज़ी अगर तेल रहित (oil free) के बाद 8 घंटे का तेल घी का प्रयोग किया गया हो तो 12 से 13 घंटे का अंतराल रखें।

जीवन शैली - रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। त्वचा या शरीर के किसी भी हिस्से को स्वस्थ प्रदान करने के लिए ज़रूरी है।

सुबह लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

सुबह ख़ाली पेट आधा खीरा 5 पुदीने या करी पत्ते के साथ पिस कर उसमें 100ml पानी मिला कर पिएँ।

जूस को मुँह में रख कर एक बार सहज स्वाँस लें फिर घूँट अंदर लें।

2 घंटे बाद कोई भी एक तरीक़े का फल नाश्ते में लें।फल को ठीक से चबा कर खाएँ। कोई नमक या चाट मसला या चीनी, दूध मिक्स ना करें। 

दोपहर 12 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस 100ml पानी मिला कर लें।

नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। 

सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ।

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें।अपने मेरुदंड को उस पर रखें।

नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं। नीम का रस भी बहुत फ़ायदा करेगा।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



05:48 PM | 20-09-2019

नमस्ते ,

वर्तमान समय में तमाम प्रकार के रासायनिक शैंपू, तेल व साबुन का प्रयोग, अनियमित दिनचर्या, खानपान की गड़बड़ी की वजह से अंतः स्रावी ग्रंथियों में स्थित हार्मोंस का असंतुलन हो जाता है ।
 

  • नींद -रात्रि में 7 -8 घंटे सोएं -इससे शरीर में स्थित अशुद्धियां बाहर निकलती हैं व कोशिकाओं के निर्माण में सहायता मिलती है
  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबू व शहद का सेवन करें इससे आंतों में स्थित अशुद्धियां साफ होती हैं व उनकी कार्य क्षमता बढ़ जाती है।
  •  भोजन में 80% मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करें- इससे रक्त में स्थित क्षारीयता संतुलित रहती है रक्त वाहिनीयों में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से चलता है व सभी अंग सही तरीके से कार्य करते रहते हैं ।
  • उपवास-( सप्ताह में 1 दिन )शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, पाचन अंगों को आराम मिलता है व उनकी कार्य क्षमता बढ़ जाती है ।
  • जल का सेवन -प्रतिदिन 3 से 4 लीटर जल बैठकर धीरे-धीरे पीएं- इससे शरीर से अशुद्धियां बाहर निकलती हैं व शरीर के लिए आवश्यक जल की आपूर्ति होती रहती है।
  •  प्रतिदिन गमले में लगे हुए फूल व पौधों की देखरेख करें ।
  • केले के छिलकों को ले लीजिए उस को पीसकर पेस्ट बना लें व चेहरे पर लेप करें (अवधि 15 मिनट )उसके बाद गर्म जल से चेहरे को धो लें , केले के छिलके में ल्यूटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है जिससे त्वचा में कसावट आती है छिद्र बंद हो जाते हैं ।
  • एक बर्फ का टुकड़ा ले ले उसे 20 से 30 सेकंड तक खुले हुए रोम छिद्र पर चारों तरफ घूमाए -रक्त वाहिनीयां सिकुड़ जाती हैं, त्वचा में कसावट आ जाती है।

निषेध -चाय, चावल ,चीनी ,अचार ,मिठाईयां ,नमक -नमकीन ,ठंडे पेय पदार्थ, तली भुनी चीजें ,मांस, नशे की वस्तुएं, क्रोध ,ईर्ष्या , चिंता, आलस्य ।

डॉ.राजेश कुमार 

योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन


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