How to remove uric acid and allergy in winter of breathing and respiration? I have repeated typhoid in body. How to remove all diseases?
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Read moreनमस्ते ,
अनियमित दिनचर्या, गलत खानपान की आदतों की वजह से भोजन का सही से पाचन नहीं हो पाता जिससे अशुद्धियां आंतों में ही सड़ने लगती है ,रक्त दूषित हो जाता है जिससे किडनी अपना काम सुचारू रूप से नहीं कर पाता यूरिक अम्ल की मात्रा उसमें बढ़ने लगती है और तमाम प्रकार के रोग -टाइफाइड इत्यादि होने लगते हैं ।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी व नींबू का सेवन करें इससे यूरिक अम्ल की मात्रा घटती है ।
- प्रतिदिन सूर्योदय के बाद 45 मिनट धूप में व्यतीत करें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है ,विटामिन डी की पूर्ति होती है!
- जूस/सूप- प्रतिदिन मौसमी फल या सब्जियों के सूप का प्रयोग प्रातः 7:00 से 9:00 के बीच करें !
- भोजन -जैविक घड़ी के हिसाब से प्रतिदिन प्रातः 9:00 से 11:00 के बीच हल्की, सुपाच्य 80% मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को चबाकर करें ,इससे भोजन का पाचन आसानी से हो जाता है ।
- उपवास -सप्ताह में एक दिन उपवास रहें, इससे शरीर में स्थित अशुद्धियां बाहर निकल जाती है ,पाचन अंगों को आराम मिलता है ।
- जल का सेवन- प्रतिदिन भोजन से 30 मिनट पहले व भोजन के 90 मिनट बाद बैठकर धीरे-धीरे जल का सेवन करें !
- प्राणायाम -कपालभाति, अनुलोम -विलोम ,शरीर में स्थित अशुद्धियों को बाहर निकालता है ,पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है ,जिससे रक्त शुद्ध होता है !
निषेध -चाय ,चावल ,चीनी, अचार ,मिठाईयां ,नमक -नमकीन ,मांस ,ठंडे पेय पदार्थ ,रात्रि जागरण ,सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग ,क्रोध ,ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव !
डॉ.राजेश कुमार
योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन
All the conditions are a result of accumulation of toxins.
Your wrong lifestyle including food habits first causes acidic environment in the body which slowly leads to severe conditions such as typhoid and respiratory issues. Uric acid is also as a result of the build up. Worth reading this
My own journey http://www.wellcure.com/health-journeys/37/my-body-won-me-freedom-from-allergies-and-respiratory-issues
To heal this condition., It is best that you start cleaning the GUT, which in turn will clean the liver, which in turn will be ready to absorb and deliver nutrients throughout the body and eventually cleaning the intestine as well. If the previous organs in the process have done their job, the colon will not have to take a hit. it’s very important that the liver starts doing its job to heal any kind of intestinal issues/organs of excretion so that the unwanted food , pathogens and heavy metals doesn’t end up in the intestines and colon. Ideally these are supposed to thrown out naturally after altering its state, but when they end up as-is, they attract more issues in the colon which the colon might not be geared up to do . Your intestinal permeability has become very weak and all the food particles are reaching the bloodstream. The blood is hence trying to fight the foreign invaders in the blood and trying to eliminate it
When body organs are clean, they do their job perfectly well. With a right lifestyle this can be achieved .
You must switch to a low fat plant based lifestyle. Low fat here because fats also come in low % from raw foods like fruits vegetables and greens.
Follow a holistic approach to lifestyle. Body changes its needs as it wants and we must focus on the natural principles of living . If your body has triggers like smells or motions that releases certain chemicals to trigger a regurgitation. Once a balance is established, the organs will not make erratic unexpected eliminations.
- High raw foods - fruits greens veggies
- Respecting the circadian rhythm https://www.wellcure.com/body-wisdom/15/circadian-rhythm-of-the-body
- Natural Hydration to ensure body has enough to maintain homeostasis - 2-3 lts fruit veg juices per day. Fruits for much and veg later. The more full raw days the better
- Enough exercise like yoga
- Breathing - Pranayam
- Mental poise - mental peace and positive thinking
- Resting well - sleeping in time and following circadian rhythm
- Experience natural elements - exposure to sun daily
- Not medicating the body to suppress any eliminations - are chemicals used to suppress natural elimination from body. Avoid
- Not overloading the body with toxic foods the body can’t recognise - things unnatural that we can’t chew and digest in its raw state. Man made fake foods . Dairy eggs meat fish sugar wheat maida refined oil white rice salty store bought foods fried foods etc
- Freeing the body off digestion every few days - fasting
- Spending time Connecting with oneself the form of meditation
- Ensure that your bowel movements are regular . Take enema under guidance from an expert.
Thanks and let us know if you have any questions
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
हेलो,
कारण - इस बीमारी का मुल कारण क़ब्ज़ और ख़राब हाज़मा है।
समाधान- बेल पत्ते का जूस लें। शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाएँ। फल के बाद 3 घंटे का gap रखें। सलाद बाद 5 घंटे का अंतराल रखें। पका हुआ खाना के बाद 12 घंटा का अंतराल रखें।
नमक केवल एक बार लें पका हुआ खाना में। मुख्य भोजन कच्चा हो जैसे की फल, कच्चे सब्ज़ी के जूस और सलाद बिना नमक निम्बू के लें।
जीवन शैली - जीवन शैली - शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।
पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I
दौड़ लगाएँ। सूर्य नमस्कार 5 बार करें।
3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
पेट पर खीरा का पेस्ट 20 मिनट लगाएँ। फिर साफ़ कर लें। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5. पृथ्वी तत्व- कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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