I am suffering from irregular periods problem and also hormones problem. Pls can you suggest me any treatment?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
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The menstrual cycle is supposed to be painless, regular and smooth. But due to unhealthy lifestyle and food habits lots of toxins get accumulated in our system. The toxic build up hinders the secretion of our hormones normally. And the hormonal imbalances result in irregular menstrual cycles. The get back the rhythm of the body we need to support it in eliminating the toxins and help our glands to function normally. And to achieve that we need to just remove things that are taxing on our vitality and introduce practices that help the body in cleansing and healing. Here is what you can do
Foods to be removed
1 All packaged and processed outside food-like substances.
2 Refined flour and refined oil
3 All types of stimulants like tea and coffee. If you drink alcohol then that too must be stopped.
4 All overcooked, deep-fried oily food.
5 Dairy, eggs and meat
Foods to be included
1 Fresh locally grown seasonal fruits - 50% of daily intake
2 Fresh seasonal vegetables and greens - 35% of daily intake
3 Grains - soaked or sprouted or steamed - 10 % of daily intake
4 soaked nuts and seeds - 5% of daily intake
And understand this - it is not only the food that influences your quality of healtg but many other things too matter equally.
1 Learn Pranayam and yoga for relaxing your mind, improving your flexibility and activating your lymphatic system.As you slowly learn the asanas your glands will start working better and assist well in your cleansing and healing. You can see relief in pain just after a months practice too. If you follow rest of the advice also properly.
2 Get good sun exposure either in the early hours of the morning or a couple of hours before sunset.
3 Get in touch with Mother Earth. Do some gardening with your hands or at least walk barefoot on sand or mud. Sit in parks or lie on the ground or lawns and relax.
4 Keep an eye on your bowel movement. See to it that your bowels are always functioning normally. Eliminate larger quantities than what you eat.
5 Rest and relax well. Sleep in the earlier part of the night and sleep through the night. Wake up before or with the sun. Cleansing and healing happens best when you are in rest.
6 Be well hydrated. Consume a lot of juicy fruits veggies and greens to hydrate yourself well.
7 Get your body moving, do yoga or participate in any outdoor sport, walk or do some gardening. Moving your body will support the removal of toxins and free flow of vitality
8 Be happy always. Don’t let life’s negativities to bog you down. Always be positive.
9 You may take a hip bath every evening.
10 You can also take acspinal bath every morning.
For information on the spinal and hip baths you may refer to
https://www.wellcure.com/body-wisdom/259/magic-of-water-hydrotherapy-part-1
https://www.wellcure.com/body-wisdom/265/magic-of-water-hydrotherapy-part-2
Follow these principles and as you go on eliminating toxins and discarding all damaged unhealthy tissues you will start seeing a great change in your overall health.
Swati Dhariwal
Nature Cure Practitioner
नमस्ते ,
अनियमित खानपान ,गलत दिनचर्या, अधिकतर अम्लीय भोज्य पदार्थ जैसे -चाय ,चावल ,चीनी ,अचार, मिठाईयां ,नमक ,नमकीन ,ठंडे पेय पदार्थ ,दूध से बने उत्पाद , रक्त की कमी,क्रोध, ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव ,आलस्य की वजह से भोजन का सही से पाचन, अवशोषण व मल का निष्कासन नहीं होता जिससे शरीर के अंग सुचारू रूप से अपना कार्य नहीं कर पाते,रक्त दूषित हो जाता है, इससे इस तरह की समस्याएं आ जाती हैं ।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी, नींबू शहद का सेवन करें ,आंत से अशुद्धियां बाहर निकल जाती है ।
- प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के पश्चात 45 मिनट धूप में व्यतीत करें इससे शरीर की समस्त अंतः स्रावी ग्रंथियां सुचारू रूप से कार्य करती हैं।
- प्रतिदिन खीरा, लौकी या अनार के जूस का सेवन करें।
- भोजन- हल्के, सुपाच्य 80%मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन का सेवन करें ,शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है।
- चार चम्मच मेथी एक गिलास पानी में उबालें जब आधा रह जाए उसे उतारकर छानकर गरमा गरम सेवन करें।
- प्रतिदिन हींग का सेवन करें।
- प्रसन्न चित्त रहें ,खुलकर हंसे।
- प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में टहलें।
हेलो जी,
कारण - पाचन तंत्र के स्वास्थ बिगड़ने पर शरीर में मौजूद संक्रमित जीवाणु (toxin) हार्मोन के संतुलन में दोष पैदा करते है।शरीर के में हार्मोन के संतुलन के बिगड़ने से शरीर का चया पचय (metabolism) का संतुलन बिगड़ जाता है।
समाधान - नीम के पत्ते का पेस्ट और खीरा अपने गर्भाशय पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। त्रिकोण आसन, धनुरासन, भुजंग और मार्जरी आसन करें। अनुलोम विलोम, भ्रामरी और उज्जायी प्राणायाम करें।
शरीर को यह ज्ञान है कि ख़ुद को स्वस्थ कैसे रखना है। हम इस बात से अनभिज्ञ हैं। जब हमारी प्राणशक्ति हमें ऊर्जा दे रही होती है तो वह स्वास्थ्य की स्थिति है। जब हमारी प्राण शक्ति हमारे शरीर के अंदर विषाणुओं (toxic) को साफ़ करने में लग जाती है तो वह अस्वस्थ होने की स्थिति होती है।
प्राण शक्ति ने सिर्फ़ अपना काम बदल लिया क्योंकि हमने अपनी ग़लत आदतों के वजह से उसे ऐसा करने पर मजबूर किया है। अब उसको सही खुराक से मदद करें और उसपर विश्वास बनाए रखें।
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।
पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I
खुली हवा में बैठें या टहलें।
3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। इसी प्रकार हरा गोभी, बंद गोभी, गाजर, चुकन्दर भी कद्दूकस करके डालें। हर दिन मुख्य सब्ज़ी किसी एक की मात्रा अधिक बाँकि सब थोड़ा थोड़ा डालें। ताज़ा नारियल पीस कर मिलाएँ। कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ। नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की मात्रा दोपहर के खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती है। रात का खाना 8 बजे खाएँ।एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।
ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ का सेवन करें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें और 2 घंटे बाद सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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