Phlegm formation is my problem. No coughing is happening though. What should I do?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read morePhlegm can be irritable if you want to dissolve it have cloves and fennel seeds tea with mulethi. It will surely help you to deal with it.
Thank you
Cold is also an elimination. Stay on a high juice ( veg juices and fruit juices made at home fresh without any additives) diet ( juices for all morning and as needed )
Don’t medicate any other symptom. This will ensure you are fine.
There are many factors that can lead to respiratory issues. It could be stress-based, it could be based on what you inhale that will inflammate the bronchial passage, it could be due to nerve inflammations due to a bad lifestyle, It could also be due to a viral activity. Meds and Inhalers can help ease symptoms temporarily but they will cause more issues later.
See many of these irritants can get accumulated in the lungs and can cling to your bronchial walls and go up and down as you breathe irritating the bronchial tubes. This overtime causes inflammation of the lungs. Mucus is one of the bodies protective mechanisms to trap viruses and other irritants that are entering the body. However in places where the mucus must not be present if you can start accumulating, it can be very hard for the internal organs like the lungs to breathe. We eliminate healthy mucus when we have cold and cough this is because that is bodies natural response to eliminating the virus and accumulation in the body. However mucus starts getting excessively produced in the internal organs such as the gut, the intestinal walls the lungs where it is unnecessary, If you eat foods that produces excess mucus. Excess mucus putrifies and hardens overtime and refuses to leave the body in all the attempts that the body makes. Such is the time when you will have also have breathing issues.
Follow this :-
Morning on empty stomach
- 500ml filtered / ash gourd juice / cucumber juice
- Followed by Green juice or fruit / any watery vegetable like ashgourd / cucumber / ridge gourd / bottle gourd / carrot / beet with ginger and lime filtered
- More hunger - tender coconut water or more pure juice
Afternoon from 12 :-
- A bowl of fruits - don’t mix melons and other fruits. Eat melons alone. Eat citrus alone
- Followed by a bowl of veg salad if needed or more fruits are fine.
- Dinner 2-3 hrs before sleep with Gluten free - millets rice quinoa , oilfree unpolished grains or dals 30% and 70% veggies
- Include some exercises that involves moving all your parts ( neck , shoulder, elbows, wrist , hip bending twisting , squats, knees, ankles ) . Join a yoga or gym and sweat out. We need to eliminate via skin also
- See if u can go to the morning sun for sometime in a day 30 mins atleast. It’s v imp for healing
- Ensure that you are deep asleep between 10-2 which is when the body needs deep sleep.
- Place a wet cloth on your tummy for 30 mins daily if time permits to improve the blood circulation in the gut and heal faster
What to Avoid :-
- Avoid refined oils, fried food , packaged ready to eat foods, dairy in any form including ghee, refined salt and sugar , gluten , refined oils , coooking with oil, medicines
- Avoid mental stress by not thinking about things you cannot control. Present is inevitable. Future can be planned. Stay happy. Happiness is only inside yourself . The world around you is a better place if you learn to stay happy inside yourself. Reach us if you need more help in this area. Emotional stress can cascade the effects. Thank your body and love it.
gargle with turmeric and salt for 5-6 times daily even if the symptoms are not there.
This is a journey for your reading for a long term cure
Thanks to let me know if you have any questions
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
हेलो आर. के. भारद्वाज जी,
कारण - आँत में अधिक अम्ल (acid) से प्रदाह (inflammation) उत्पन्न होता है जिसके कारण
शरीर में ऑक्सिजन की कमी होती है और कफ की अधिकता हो जाती है। पाचन तंत्र के स्वस्थ ना होने के कारण शरीर गैस अधिक बनती है और निष्कासन में अवरोध पैदा करती है। शरीर अन्य माध्यम जैसे नाक, कान, गले से विषाणुओं को निकालने का प्रयासों में लग जाता है। सही माध्यम से निष्कासन हो तो इसकी रोकथाम की जा सकती है।
समाधान - कच्चे सब्ज़ी का जूस और बेल पत्ते का जूस ख़ाली पेट लें। अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें। दुध या दुध से बना कोई चीज़ ना लें। नीम के पत्ते का और खीरा पेस्ट अपने पेट पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।
पेट पर गिली पट्टी रखें। खीरे का पेस्ट रखें। 20मिनट तक रख साफ़ कर लें। ताड़ासन, कटिचक्रआसन, तिर्यकताड़ासन, पवनमुक्तासन करें। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
जीवन शैली - पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I
दौड़ लगाएँ। सूर्य नमस्कार 5 बार करें।
3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
पेट पर खीरा का पेस्ट 20 मिनट लगाएँ। फिर साफ़ कर लें। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5. पृथ्वी तत्व- कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
नमस्ते,
शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण होने ,अधिक मात्रा में चीनी व चीनी से बने उत्पाद- मिठाईयां इत्यादि के सेवन से शरीर में श्लेष्मा बनने लगती है!
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी , नींबू व शहद का सेवन करें, इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- प्रातः सूर्योदय के पश्चात 45 मिनट धूप में व्यतीत करें इससे शरीर में स्थित नोड्स सक्रिय होते हैं, रक्त संचार बढ़ता है।
- भोजन- हल्के ,सुपाच्य मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर सेवन करें , इससे भोजन का पाचन आसानी से होता है।
- प्यास लगने पर बैठकर, धीरे धीरे जल का सेवन शान्त चित्त से करें।
- एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर जिनमें 4 बार सेवन करें।
- प्राणायाम -कपालभाति,अनुलोम -विलोम ,भ्रामरी शरीर से अशुद्धियों को बाहर निकालती है ,पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है।
- निषेध- चाय- काफी ,चीनी, अचार, मिठाइयां ,नमक नमकीन ,ठंडे पेय पदार्थ, दूध व दूध सेेे बने पदार्थ, जानवरों सेे प्राप्त पदार्थ,रात्रि जागरण दूषित वातावरण में रहना ,सोने से 2 घंटे पहले टेलीविजन ,कंप्यूटर ,मोबाइल का प्रयोग।
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Dr. Khushbu Suthar
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