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Q&A
02:22 PM | 04-10-2019

मेरी उमर अडतालीस मेरे पाव मे हमेशा दर्द रहता है I


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

06:06 PM | 04-10-2019

Pains /discomfort in the lower extremities often is found in people who are on a bad lifestyle but may not have diabetes too. Diabetes will make the condition more prominent. Due to the consumption of dairy and animal products, their calcium levels gets depleted and is leeched from the bones. Detailed explainations can be found under search on osteoporosis. The reason is the same.

. Due to excess glucose / toxins in the blood even if the medical tests show less, it’s there. That thickens the blood like a  syrup. Heart tries hard to pump viscous blood and in people with type 2 longer than a decade, their legs usually start becoming weaker due to lack of proper blood flow. 

Solution is to ensure it’s managed with a good lifestyle. 

Switch to whole food plant based diet. Meaning of whole food is explained under the body wisdom section in detail. Removing any form of fat is first important .Remove oils in the food, have raw foods like fruits vegetables greens for the whole day for one month and such pains usually normalises unless ur on this condition for more than a decade. Continue on the raw as much as you can. That will reverse both leg issues and diabetes. Drink 1-2lts if vegetable juices per day. Eat fruits in plenty. Don’t medicate . Medicines cause more harm than they appear. Avoid dairy eggs meat fish sugar wheat maida oils fried food refined foods bakery products and any junk. Apply a cold wet towel for 30 mins for immediate pain relief. Start with 5 min of hot wet towel 

 

Be blessed

Smitha Hemadri ( Educator in natural healing practices)



06:06 PM | 04-10-2019

हेलो

कारण - शरीर में दर्द का कारण पाचन तंत्र में प्रदाह (inflammation) के कारण हो सकता है। अम्ल (acid) और क्षार (alkaline) के संतुलन के बिगड़ने से ऐसा हो जाता है।

समाधान - आहार में परिवर्तन आयु के हिसाब से करना चाहिए। 9 साल के बाद दुध या दुध से बना सामान नहीं पचता है। 20 साल के बाद प्रोटीन के बाहरी स्रोतों से परहेज़ ज़रूरी है। 30 साल के बाद अनाज, तेल घी से परहेज़ ज़रूरी है और चीनी की ज़रूरत कभी नहीं है। उसके जगह गुड़ या सुखा फल लें। खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें और मात्रा कम लें। आप प्रोटीन युक्त भोजन से परहेज़ करें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

इस बीमारी का मूल कारण हाज़मा और क़ब्ज़ है।

जीवन शैली - शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करें। खीरा + नीम के पत्ते का पेस्ट दर्द वाले हिस्से पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। सुर्य की रोशनी उसी जगह पर लगाएँ।

दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें। ताज़ा नारियल पीस कर मिलाएँ। कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ। नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की मात्रा dopahar के खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती है। एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।

ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद। 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



06:06 PM | 04-10-2019

नमस्ते ,

उम्र बढ़ने के साथ शरीर की हड्डियां अपना लचीलापन खोती चली जाती हैं, कुछ पोषक  तत्वों विटामिन डी ,कैल्शियम फास्फोरस इत्यादि की कमी या यूरिक अम्ल बढ़ने की वजह से पैरों में दर्द शुरू हो जाते हैं।
 

  •  रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर को आराम मिलता है।
  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी ,नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
  • प्रतिदिन सूर्योदय के पश्चात 45 मिनट धूप में व्यतीत करें, इससे शरीर को आवश्यक विटामिन डी की पूर्ति होती है, हड्डियां मजबूत होती हैं।
  • जूस-लौकी, अनन्नास।
  • रात्रि में 1 आलू के पतले  टुकड़े काटकर एक गिलास पानी में भीगा दे प्रातः खाली पेट उसका सेवन करें।
  • भोजन में 80% मौसमी फल हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें इससे भोजन का पाचन आसानी से होता है ।
  • मिट्टी के घड़े में रखे जल को जब भी प्यास लगे बैठकर धीरे-धीरे साथ सेवन करें।
  • एक सूती कपड़ा ले लीजिए उसमें बालू ,सेंधा नमक व सरसों लेकर पोटली बना लीजिए ,तवे पर सरसों का तेल डालकर गर्म करें गरमा गरम पोटली से धीरे-धीरे दर्द वाली जगह की सिकाई करें ।
  • एक बाल्टी पानी गर्म कर लीजिए उसमें  सौ ग्राम सेंधा नमक  डाल दीजिएऔर उसमें दोनों पैरों के दर्द में आराम मिलेगा।
  • पैरों का योगिक सूक्ष्म व्यायाम करें, समस्त हड्डियां, मांसपेशियों व स्नायु में लचीलापन बना रहेगा ।

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,चीनी और मैदे से बनी हुई चीजें ,मसालेदार -डिब्बाबंद पदार्थ, ठंडे पेय पदार्थ, तनाव ,रात्रि जागरण।


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