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Q&A
12:52 PM | 07-10-2019

Haath se kandhe se lekar gardan tak dard h.. Age 52.. Pls upay bataye


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

06:40 PM | 07-10-2019

Answered the reasons for pain here. I think your throat might be painful because of swelling of thyroid and rest of the hands and shoulder due to spondylitis. Both are caused by toxins accumulation. I have given the solution here

http://www.wellcure.com/questions-answers/1820/iam-suffering-from-hypothyroidism-spondylitis-also-my-age-is-39-pls-suggest-me-some-home-remedies

 

thanks and let me know if you have any questions
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)



06:40 PM | 07-10-2019

हेलो,

 

कारण - शरीर में अम्ल (acid) बढ़ने से प्रदाह (inflammation) उत्पन्न होता है जो को शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द का कारण बन सकता है।

इसके अलावा ग़लत posture में सोने, झुकने और भार उठाने से भी हो सकता है।

समाधान - प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाने से हाज़मा और क़ब्ज़ की समस्या ठीक होगा। ऐसा होने से दर्द से छुटकारा मिल जाएगा। आइए प्राकृतिक जीवन शैली में हम 5 प्रकार के आहार से अवगत हों।

दर्द वाले जगह पर धनिया + खीरा का पेस्ट लगाएँ 20 मिनट के लिए। दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में

और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

दर्द वाले भाग पर गीली मिट्टी लगाएँ या खीरा + धनिया + तिल पीस कर पेस्ट बना लें। लगाएँ 20 मिनट के लिए और फिर साफ़ कर लें। इससे दर्द में तुरन्त आराम मिलेगा।

जीवन शैली - आनंद बालासन (Happy Baby Pose)

यह आसन आपके पैरों और हाथों को काफी अच्छी स्ट्रेचिंग देता है।

इसी के साथ आपके बैक को भी आराम मिलता इस आसन को करने से।

इससे आपके हिप्स को दर्द से जरूर राहत मिलेगी।

इस आसन को करने के लिए आप पहले पीठ के बल लेट जाएं।

इसके बाद अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और अपने दोनों हाथो से अपने पैरों के पंजो को पकड़े।

इस आसन को करते समय सामान्य साँस लें।

और इस अवस्था में कम से कम 20 से 30 सेकंड तक के लिए जरूर रहे।

अब धीरे धीरे सामान्य अवस्था में लोट आएं।

अंजनेयासन (Low Lung Pose)

यह आसन करने से आपकी बॉडी को एक बहुत ही अच्छी स्ट्रेचिंग मिलती है और साथ ही बॉडी टोंड रहती है।

यह बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है साथ ही मांसपेशियों को रिलैक्स करता है।

यह आपके हिप्स के दर्द को भी कम करता है।

इस आसन को करने के लिए आपको पहले अधोमुख स्वानासन की अवस्था में आना पड़ेगा।

अब साँस छोड़ते हुए अपने पैर को सीधा हाथों के बीच रखे और ध्यान रहे कि पैर और पंजा दोनों सीधे हो।

इसके बाद दूसरे पैर के घुटने को ज़मीन पर रखे।

अब गहरी साँस ले और अपनी बॉडी को ऊपर उठाने की कोशिश करें।

अपने सिर को पीछे की ओर ले जाए और ऊपर देखें।

गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा ज़ोर ना डाले।

अर्धमत्स्येन्द्रासन (Half Spinal Twist Pose)

अर्धमत्स्येन्द्रासन करने से आपके सभी अंदरूनी बॉडी पार्ट्स भी रिलैक्स हो जाते है।

यह आसन करने से बॉडी से टॉक्सिक निकल जाते है और ब्लड फ्लो सही रहता है। साथ ही हिप्स पर भी खिंचाव पैदा करता है।

इस आसन को करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।

 

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और  नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



06:40 PM | 07-10-2019

नमस्ते,

 पर्याप्त पोषण ना मिलने ,व्यायाम का अभाव ,तनाव,गर्दन की हड्डियों के बीच स्थित गद्दी पर दबाव के कारण नसों पर दबाव ,अनियमित दिनचर्या, खानपान की गड़बड़ी की वजह से होते हैं।
 

  •  नींद -रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य ले सोते समय पतली तकिए का प्रयोग करें !

 

  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी नींबू एवं शहद का सेवन करें हाथों से दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं ।

 

 

  • जूस टमाटर या पालक के जूस का सेवन करें।

 

 

  •  भोजन में 80% मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करें ।

 

 

  • मिट्टी के बर्तन में रखें जल को जब भी प्यास लगे बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें।

 

 

  • 60 ग्राम सरसों के तेेल में लहसुन की 10 कलियों को लेकर उबालें जब हल्का गर्म रह जाए प्रभावित जगह पर दिन में तीन बार मालिश करें दर्द में आराम मिलेगा।

 

 

एक सूती कपड़ा ले लीजिए उसमें बालू, सेधा नमक व सरसों मिलाकर पोटली बना लीजिए तवे पर सरसों का तेल डाल कर गरम करिये गरमा गरम पोटली से प्रभावित जगह की सिकाई कीजिए!

 

  •  गर्दन का व्यायाम ऊपर -नीचे, दाएं -बाएं ,दक्षिणावर्त -वामावर्त दिशा में घुमाएं( प्रत्येक 10 बार)गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती है।

 

  • मुट्ठी बांधे -खोलें, मुट्ठी को दक्षिणावर्त -वामावर्त दिशा में घुमाएं ,हाथों को मोड़े -फैलाएं, दोनों हाथों की अंगुलियों को कंधे पर रखकर चारों तरफ घूमाएं, हाथ व कंधे की मांसपेशियां सक्रिय होती है, रक्त संचार बढ़ता है उनका लचीलापन बना रहता है।

 

 निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,चीनी व मैदे से बनी हुई चीजें, डिब्बाबंद पदार्थ ,क्रोध, ईर्ष्या, चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण, ऊंची तकिया,सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।


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