I am taking clean diet. 11 am i eat fruits , 1pm i eat little cooked food less of all the spices and oil ghee or any dairy product, 5 pm a plate of fruits and 7 pm raw veggies. I completely avoid animal products but then also i am not getting results in varicocele. I take enema every day then also my constipation problem is not solving. What to do please suggest me?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreनमस्ते ,
वैरीकोसेल अंडकोष की नसों में सूजन आ जाने, वृषण को रक्त आपूर्ति करने वाले नसों के वाल्व के खराब हो जाने की वजह से होते हैं, इनकी वजह से शुक्राणुओंं की संख्या कम हो जाती है,प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव डालते हैं।
कब्ज अनियमित दिनचर्या ,खान-पान की गड़बड़ी, क्रोध, ईर्ष्या, चिंता ,तनाव, रात्रि जागरण, कम मात्रा में पानी पीने ,अधिक तली हुई चीजों का सेवन करने इत्यादि की वजह से होते हैं।
- नींद -रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होती है प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी एवं सहज एवं शहद का सेवन करें इससे आपकी दीवारें फैलती हैं दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं ।
- जूस -खीरा, लौकी के जूस का सेवन करें।
- भोजन -हल्के सुपाच्य 80% मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर सेवन करें इससे भोजन का पाचन अवशोषण एवं मल का निष्कासन आसानी से होता है , जैविक घड़ी के हिसाब से 9:00 से 11:00 के बीच भोजन कर ले इस समय जीवनी शक्ति अग्न्याशय एवं प्लीहा में रहती हैै, पर्याप्त मात्रा में पाचक रसों का स्राव होता रहता है ,भोजन का पाचन आसानी सेे हो जाता है !
- जल का सेवन -मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को प्यास लगने पर बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें ,दोपहर 1:00 से 3:00 के बीच या भोजन के 2 घंटे पश्चात जल के सेवन से भोजन का पाचन हो जाने के पश्चात अवशोषण होता रहता है एवं दूषित पदार्थों को बड़ी आपकी तरफ धकेला जाता है, जल का सेवन श्रेयस्कर है।
- प्रारंभ में 3 से 4 दिनों तक मौसमी फल या हरी पत्तेदार सब्जियों के जूस पर उपवास रहें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं ,पाचन अंगों को आराम मिलता है।
- प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में प्रसन्न चित्त होकर ओंस पड़े हुए घास पर नंगे पांव टहलें।
निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,वसायुक्त चीजें ,चीनी ,मैदे से बनी हुई वस्तुएं ,क्रोध ,ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव, रात्रि जागरण ,सोने से 2 घंटे पहले ,मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर का प्रयोग।
It’s not like your body is not detoxing, but it’s not at the rate you are expecting. I assume you know how natural cure works. Give the body more digestive rest. Hydrate your body more with bio available fluids from fruits and vegetables,majorly fruits - target 3-4 lts per day
Spider veins / varicose veins / varicocele - such similar issues such as the veins bulging inside the scrotum are majorly because of a high toxicity being carried in the blood. When the body has been fed with fats for all the three meals of the day, the blood eventually becomes toxic and viscous. Heart has to really work harder to pump that soup / jelly into the veins and arteries and suffers to pull it from lower extremities . That’s why people have it more in the legs and not in the hands. Typically such blood is usually dehydrated. Water component ( not H2O) tends to expand and make space when blood flows. But due to high amount of fat, lack of oxygen the toxins fill up the spaces. So however such slow work from the heart cannot continue to keep the person alive and body has been designed to be alive. So we have multiple such backup systems where the body finds a way to improve the blood rate to critical areas such as the brain. So the body tends to grow new cells/nerves to make up for the lack of speed. That’s when you see more and more mutations happening to make up for the situation. So it’s a temporary step the body takes and it must serve as a wake-up call to the person to start looking at a life that detoxifies their body and blood. This eventually stops further growth and might reduce existing ones over time. Atleast what will first happen is pain reduction over time
75% of the fluids are lymphatic and carry metabolic wastes. If you don’t hydrate enough to push these stubborn thick toxins and also to maintain 70% hydration in the body, you will probably heal after a long time.
Continue and add the fluids more in addition to your routine.
I suggest that you switch the cooked lunch to cooked dinner. We need to finish all raw and then start cooked in the day.
Focus on just juice feasting for one day of the week / two days for better effect.
Add the sunbathing to the routine
Rest of it looks fine
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
हेलो,
शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुबह ख़ाली पेट सुबह की धूप में खुली जगह पर ये आसन करें। सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन
पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।
अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो।
एनिमा से bowlmoment डिस्टर्ब कर रहें जो सही नहीं है आँत में inflammation के कारण मल सुख जाता है केवल anus तक water डालना है। सादा पानी 200 ml से अधिक ना लें।
वर्षों से जमी टॉक्सिन को निकालना ज़रूरी है। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार लें। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।
सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें।
दोपहर में 12 बजे फिर से कच्चे सब्ज़ी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डाले। ताज़ा नारियल मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator
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