I hav been suffering from severe neck,low back,abdomen,leg /cough muscle pain,fingers pain,knee pain,upper foot pain for the past ten years and nothing was diagnosed. In last some time, doctors assumed it is fybromyalgia. This affects my daily life and I cant walk,stand,sit because of severe pain always. Is their anything to lower my pain?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHi. We would like to guide you to a few resources -
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Read this blog - Do you understand pain?
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Real-life natural healing stories of people who cured their aches & pains just by following Natural Laws.
Adopting a natural lifestyle will help your wife in reclaiming her health. Wellcure’s Buddy Program helps you in making the transition, step by step. If you would like to know more, please email us at info@wellcure.com.
नमस्ते ,
फाइब्रॉमाएल्जिया मांसपेशियों एवं हड्डियों का दर्द है इसमें कमर के नीचे व ऊपर की मांसपेशियों में दर्द होता है,
चोट लगने ,ऑपरेशन के समय बेहोशी के इंजेक्शन के कारण, मस्तिष्क आघात ,अधिक तनाव , पर्याप्त नींद ना लेने इत्यादि वजह से होते हैं।
- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य ले इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं शरीर का तनाव कम होता है ।
- प्रात: गुनगुने पानी नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं ।
- खीरा नारियल पानी लौकी के जूस का सेवन करें ।
- भोजन -हल्के सुपाच्य मौसमी फल ,हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर सेवन करें ,इससे भोजन का पाचन होता है।
- जल का सेवन मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर जब भी प्यास लगे धीरे-धीरे सेवन करें।
- उपवास- सप्ताह में 1 दिन शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- सप्ताह में 1 दिन एप्सम नमक युक्त गुनगुने जल से स्नान करें दर्द में आराम मिलेगा।
- एक सूती कपड़ा ले लीजिए उसमें बालू ,सेंधा नमक एवं सरसों मिलाकर पोटली बना ले, तवे पर सरसों का तेल रखकर गर्म करके गर्मागर्म पोटली से प्रभावित जगह की सिकाई कीजिए।
- योगिक सुक्ष्म व्यायाम -शरीर के समस्त हाथ पैर के जोड़ों को ऊपर नीचे, दाएं बाएं ,दक्षिणावर्त एवं वामावर्त दिशा में घूमाएं इस शरीर की समस्त हड्डियों एवं मांसपेशियों में लचीलापन बना रहेगा !
- प्राणायाम -अनुलोम विलोम, कपालभाति भ्रामरी; शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं।
- प्रतिदिन लंबा गहरा श्वास लीजिए व छोड़िए।
नोट -समस्त योग की क्रियाएं योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में ही करें।
निषेध -जानवरों से प्राप्त पदार्थ, चीनी से बने हुए भोज्य पदार्थ ,डिब्बाबंद ,मसालेदार भोज्य पदार्थ ,रात्रि जागरण, सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल ,टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।
It can be both fibromyalgias and when you are mentioning so many of joints I can see the hint of your bones becoming weak. It is difficult while going through so much pain every time and not doing your daily activities with ease.
Here is some pointer which you need to follow are:
- Massage here is one thing which you need to start doing as it will increase the process of blood circulation in the body.
- Start eating food which is rich in calcium, green leafy vegetables are one of the high calcium-rich sources.
- Hot and cold fomentation at the affected part regularly helps a lot.
Thank you
Whatever may be the name of the problem, it’s majorly because of a sluggish lymphatic system, sluggish excretory organs, thicker blood and viral infection that is majorly because of lifestyle. Even if they name and medicate you, that will add more fuel to the fire and nothing else.
Before you got to this stage of the problem with chronic fatigue and fibromyalgia like conditions , you might have had various other simple issues like cold cough sore throat rashes somehwre in the body etc. these were body’s signs to tell you that you are vulnerable to viral attacks for the toxins you have created or piled up in the body. It takes few months to yrs to get to this stage and it takes 3-6 months on a healthy regime and 2 yrs for complete recovery even if you can’t see the symptoms yet.
Please stay on a high fruit meal for majority of your day, vegetables and vegetable juices and greens and avoid all the following
Toxins creators - diary meat eggs sugar jaggery soy corn fermented foods, chocolate, packaged foods from outside, gluten, refined oils and foods with refined oils, any form of oils or grease for cooking or in your food, sugar
Remove the following for 1 month
Grains rice wheat millets corn etc , salt from your diet
Make the following your breakfast lunch and dinner or snacks and stay on raw for atleast one month - three months for best results
Start with green juices 250-300ml ( greens, ginger lime and some vegetable filtered and juiced)
fruits for breakfast
vegetable juice greens And vegetables without salt
fruits for dinner
try to expose your body to the morning sun for 1 hr daily.
after one month, add steamed vegetables to ur diet and a pinch of pink salt if needed.
You need to have atleast one veg juice and 2-3 tender coconuts daily / 3-4 lts of juices including water in a day
Enema for one month daily and slow down the freq post that. Consult an expert for advice
thanks and be blessed. Let us know if you have any questions. The only way to heal is to starve the virus / invaders that came to eat the filth. Filth removal happens when the body becomes stronger and has enough vitality to clean you up.
Be blessed.
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
हेलो,
कारण - शरीर में दर्द का कारण प्रदाह inflammation है। ये प्रदाह शरीर में अधिक अम्ल बनने से होता है।
समाधान - किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तंत्र के स्वास्थ के लिए नीचे दिए गए जीवन शैली को अपनाएँ।
आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
ग्सूर्य की रोशनी लें।
अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाएँ।
दर्द वाले जगह पर धनिया + खीरा का पेस्ट लगाएँ 20 मिनट के लिए। दिन में दो बार तिल के तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में
और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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