I have varicose veins since last many years. I feel numbness on my left thigh. I get itching on the bloated nerves in my left leg below the knee. Little part of my left leg skin has turned black and I get itchiness many a times. Pl advise how can it be cured?
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Read moreSpider veins / varicose veins / varicocele - such similar issues such as the veins bulging inside the scrotum are majorly because of a high toxicity being carried in the blood. When the body has been fed with fats for all the three meals of the day, the blood eventually becomes toxic and viscous. Heart has to really work harder to pump that soup / jelly into the veins and arteries and suffers to pull it from lower extremities . That’s why people have it more in the legs and not in the hands. Typically such blood is usually dehydrated. Water component ( not H2O) tends to expand and make space when blood flows. But due to high amount of fat, lack of oxygen the toxins fill up the spaces. So however such slow work from the heart cannot continue to keep the person alive and body has been designed to be alive. So we have multiple such backup systems where the body finds a way to improve the blood rate to critical areas such as the brain. So the body tends to grow new cells/nerves to make up for the lack of speed. That’s when you see more and more mutations happening to make up for the situation. So it’s a temporary step the body takes and it must serve as a wake-up call to the person to start looking at a life that detoxifies their body and blood. This eventually stops further growth and might reduce existing ones over time. Atleast what will first happen is pain reduction over time
Best is to first go off all forms of fats such as animal foods from dairy, meat, fish, egg,s wheat, maida and packaged foods
Drink only lemon water cucumber juice , green juice made from greens lime ginger and veggies,veggie juices like ashgourd in the morning till 12
Have fruits for lunch and vegetables for the rest of the day and a millet based oilfree ( no oil in tadka ) dinner for the rest of your life if you want to see relief with this over time.
Sleep for a period that makes u feel rested
Exercise as much as possible and as ur body heals exercise more
Practice pranayama and meditating to improve the oxygen supply to ur cells
Be blessed
Smitha Hemadri ( Educator of natural healing practices)
हेलो,
कारण - आपकी नसें अपना लचीलापन खो सकती हैं जिससे उनमें खिंचाव पड़ सकता है। आपकी नसों का वाल्व कमज़ोर हो सकता है और दिल की ओर बढ़ने वाला रक्त उलटी दिशा में बढ़ने लगता है। इससे नसों में रक्त इकठ्ठा हो जाता है और नसें फूलकर वैरिकोज वेन्स बन जाती हैं।
कुछ गर्भवती महिलाओं को वैरिकोज वेन्स हो सकता है। गर्भावस्था में आपके शरीर में रक्त का अधिक उत्पादन होता है लेकिन आपके पैरों से श्रोणि की तरफ रक्त का प्रवाह घटता है। यह संचार परिवर्तन बढ़ते भ्रूण के लिए होता है, लेकिन इससे वैरिकोज वेन्स हो सकता है।
यदि आप लंबे समय के लिए एक ही स्थिति में रहते हैं तो आपका रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है, जिससे वैरिकोज वेन्स हो सकता है।
महिलाओं को वैरिकोज वेन्स होने की सम्भावनाएँ अधिक होती हैं। गर्भावस्था, मासिक धर्म के पहले या रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले हॉर्मोन परिवर्तन वैरिकोज वेन्स के जोखिम कारक हो सकते हैं क्योंकि यह हार्मोन वेन्स की दीवारों को शिथिल करते हैं। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या गर्भनिरोधक गोलियां लेना भी वैरिकोज वेन्स का खतरा बढ़ा सकते हैं।
त्वचा पर खुजली होना काला पड़ जाना फ़ंगस के कारण हो रहा है।
समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन
पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।
त्वचा जंहा खुजली और कालापन पड़ गया है वंहा नीम के पत्ते + खीरा+एलोवेरा का पल्प का पेस्ट वंहा लगाएँ जंहा परेशानी है। 20मिनट के लिए लगाएँ।
नीम के तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
त्वचा को गुलाब जल + बेसन और हल्दी से साफ़ करें। साबुन या कोई भी क्रीम का प्रयोग बंद कर दें।
10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो। वर्षों से जमी टॉक्सिन को निकालना ज़रूरी है। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार लें। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।
3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें।
दोपहर में 12 बजे फिर से कच्चे सब्ज़ी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डाले। ताज़ा नारियल मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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