My sister is suffering from asthma can you please suggest some natural remedies for its cure?
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Read moreहेलो,
कारण - पाचन क्रिया का स्वस्थ ना होने से आँत में प्रदाह (inflammation) होता और वह फेफड़ों में संक्रमण पैदा करता है। शरीर में मौजूद मिनरल दूषित होकर कफ में परिवर्तित होते जाते हैं और ऑक्सिजन की मात्रा में आती है।
समाधान - अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें। दुध या दुध से बना कोई चीज़ ना लें।
खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। ( ये जूस बहुत लाभ देगा सुबह ख़ाली पेट 21 दिनों तक लें। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर पीएँ।) खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। पालक पत्ता 10 + 1/2 पान एक साथ पीस कर 100ml पानी मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।
नीम के पत्ते का और खीरा पेस्ट अपने पेट पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।
शरीर को यह ज्ञान है कि ख़ुद को स्वस्थ कैसे रखना है। हम इस बात से अनभिज्ञ हैं। जब हमारी प्राणशक्ति हमें ऊर्जा दे रही होती है तो वह स्वास्थ्य की स्थिति है। जब हमारी प्राण शक्ति हमारे शरीर के अंदर विषाणुओं (toxic) को साफ़ ककिसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।
पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।I
खुली हवा में बैठें या टहलें।
3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
दोपहर में 12 बजे फिर से इसीI जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। इसी प्रकार हरा गोभी, बंद गोभी, गाजर, चुकन्दर भी कद्दूकस करके डालें। हर दिन मुख्य सब्ज़ी किसी एक की मात्रा अधिक बाँकि सब थोड़ा थोड़ा डालें। ताज़ा नारियल पीस कर मिलाएँ। कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ। नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की मात्रा दोपहर के खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती है। रात का खाना 8 बजे खाएँ।एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं।
ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ का सेवन करें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें और 2 घंटे बाद सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
Hi,
Asthma can be taken care of, naturally. Asthma is the blocking of air passages due to mucus formation. When we consume wrong foods, or the body is trying to get rid of toxins may be due to excess pollutants, stress etc, the body creates more mucus to protect the lining of the tissues. You could learn Pranayam and yoga to help you relax mentally and also help activate the lymphatic system to remove the toxins. Apart from this consume more raw vegetables and fruits. Avoid all kinds of animal foods, dairy, oily and sugary foods. They all create lot of acidic toxic waste build up in the system.
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Read this blog -A Natural Approach for the Treatment of Asthma
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You could also read health journeys of people who got rid of asthma by following nature's laws.
Triumph over asthma living a medicine-free life
I connected with my body overcoming asthma digestive issues was a bonus
You could work with any nature cure healers on this platform.
Wishing you Good Health Always!
Thank you
Regards
What is Asthma??
Asthma is a respiratory disease which is characterized by narrowing of the airways. This happens when the body responses to a trigger such as exposure to cold air, allergens in the air, emotional stress or heavy exercise. When the airways narrow, patients show symptoms such as tightness of the chest, wheezing noise while breathing, coughing and shortness of breath.
Causes:
Environmental and lifestyle factors also play a role in asthma. Consuming cold or stale foods are not easy to digest and lead to the formation of toxins thereby causing blockage in the respiratory channel and difficulty in breathing.
Symptoms
Cough
Chest pain
Tightness in breathing
Wheezing
Shortness of breath
Diet & Lifestyle Advice
Pulses like old rice (rice which is stored for at least one year is called old), wheat, barley, kulattha, mung beans, arhar beans, etc . should be consumed.
Honey, warm drinks like herbal teas, spice teas are also okay.
Sprouts, nuts and seeds can be taken in moderate amount.
Yoga and Pranayama can be helpful by learning from trained professionals.
Natural Remedy:
Prepare a mixture of powdered dried ginger root, black pepper and long pepper in equal amounts and store in an airtight container. Have ½ teaspoonful of this powder mixed with ½ teaspoonful of honey twice a day with lukewarm water.
Boil cumin seeds in water and inhale the steam. It helps dilate the bronchial passage.
Take 5 gm of ginger, black pepper, cardamom, clove, cinnamon, turmeric and 30 gm of sugar. Grind the mix to a powder. Take half to one teaspoonful and mix it nicely with honey. Take it twice a day.
Avoid:
Milk products like cheese, curd, butter milk, creams forever.
In addition, try to avoid cold foods, cold drinks and other refrigerated things.
This helps to overcome toxins accumulated in lungs.
Take care!!!
Hi,
Difficulty in breathing or shortness of breath may be simply termed as Asthma.
Bronchial Asthma is a chronic inflammatory disease of airway. It leads to recurrent episodes of wheezing, breathlessness, tightness of chest and cough particularly at night or early morning. As per Indian medicine it is mainly caused by the Vata and Kapha doshas.
Do’s and Don’ts:
- Caused due to irregular improper of food.
- Avoid excessive Intake of black gram, beans, sesame causes mucus and disturbance in kapha.
- Avoid milk and milk products and non vegetarian foods.
- Avoid mucus forming fruits and vegetables.
- Avoid drinking cold water and direct exposure to cold weather/climate.
- Sip lukewarm mater regularly.
- Exposure to pollutants like dust, smoke.
- Suppression of natural urges also cause respiratory diseases.
- Avoid coffee, tea and other artificial beverages.
- Use mask to prevent pollution.
- Avoid fatty, oily fried items.
Natural remedies:
- Taking hot water mixed with honey daily will help you to get rid of wheezing.
- When there is mucus/phlegm accumulation in the chest, taking inhalation of steam is good and relieves congestion.
- Garlic also taken in a glass of water and the water is heated on a moderate flame for few minutes and then that water can be taken daily to avoid wheezing.
- Take 1 betel leaf and 5 - 6 basil leaves (Tulasi) boil it in half glass of water for 5 min. Strain the water and add 1 teaspoon of honey, Mix and take this mixture everyday once or twice.
- Chewing basil leaves (Tulsi) daily helps to get rid of Wheezing, Asthma and other respiratory problems.
- Diets and fruits containing vitamin C and E are to improve the immunity. Add more fresh fruits and vegetables. Add more green leafy vegetables.
- Good balanced diet should be taken in regular interval.
- Put few drops of eucalyptus oil in a bowl of boiling water and take its steam. This helps in opening up any nasal blockages and facilitates easy breathing.
Yoga:
Practice Yoga regularly, Yoga stretching and breathing helps to boost flexibility and increase overall fitness.
Yogasana:
· Gomukhasana
· Vajrasana
· Ustrasana
· Sasakasana
· Bhujangasana
· Vakrasana
· Ardha Matsyendrasana
Pranayama:
- Nadi Shuddhi
- Surya Bhedhana
- Bhramari
- Ujjayi
- Deep breathing techniques and Sectional breathing like abdominal breathing, clavicular breathing etc. helps to cure asthma.
- Pursed lip breathing: Inhaling slowly through the nose and then exhaling through pursed lips, or exhaling slowly like whistling, helps in case of asthma attack .
Namasthe!
नमस्ते,
- गलत खानपान की आदतों , प्रदूषित जगह पर रहने की वजह से सांस की नली में सूजन आ जाती है व सिकुड़ जाती है जिससे हवा पर्याप्त मात्रा में फेफड़े तक नहीं पहुंच पाती जिससे सांस लेने की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
- नींद- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद से अवश्य लें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं ,कोशिकाओं की मरम्मत होती है
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे आंतों में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- प्रतिदिन केला, सेव या अनानास के जूस का सेवन करें!
- भोजन- मौसमी फलों एवं हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर सेवन करें, इससे भोजन का पाचन आसानी से होता है, शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त होता है ।
- उपवास- सप्ताह में 1 दिन मौसमी हरी पत्तेदार सब्जियों के जूस पर रहें, इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं ,शरीर के अंगों को आराम मिलता है ।
- एक गिलास पानी में चौथाई चम्मच हल्दी अच्छी तरीके से मिला लें, इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होता है जिससे सांस की नली में सूजन को कम करता है एवं करक्यूमिन सांस की समस्या को ठीक करता है ।
- प्रतिदिन भोजन के साथ प्याज का सेवन करें!
- प्रतिदिन अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करें इससे पर्याप्त मात्रा में शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है ।
- प्रसन्न चित्त रहें, खुलकर हंसे।
निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, क्रोध ,ईर्ष्या, चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण ,चाय ,काफी ,चीनी, मिठाइयां ,नमक ,नमकीन ,ठंडे पेय पदार्थ , नशीली वस्तुओं का प्रयोग,रात्रि जागरण, सोने से पहले मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर का प्रयोग।
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