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Q&A
10:00 AM | 30-10-2019

Every year i suffer from breathing problem and chest infection in this climate change. Any home remedy you can suggest which can help?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

06:35 PM | 30-10-2019

Air pollution is something we need to live with it, no matter how rich are you and you live in Delhi or any other metros. Air pollution is in the highest count after the festivities like Diwali. It is increased during winter. Microscopic pollutants that are present in the air can penetrate into our body through the respiratory system and could damage ourbody’s defences, and could cause damage to our circulatory system, our lungs, heart and brain.

Some Natural ways to manage it are

Practice Yoga

Yoga exercises like Asanas and Pranayama could keep your respiratory system in a healthy condition. If one could practice each set of practice for at least two minutes each could have a tremendous health benefit on your respiratory system. Asanas like Bhujanghasana, Matsyasana, Padahastasana and Ardha Chakrasana could enhance the functioning of your lungs. Paranyamas like Kapalabhati and Anuloma viloma pranayama are found to be useful to increase your respiratory functions. It might be suggested that you practices these asanas or pranayama under a trained yoga therapist

Naturopathy Treatments

Whenever you find some slight symptoms like sneezing or nose blocks it might be suggested that you could take some steam inhalations with some Eucalyptus or basil oils which could eliminate the pollutants which irritate your respiratory tract. Steam inhalation with Tulsi leaves could also benefit. If you have access to a naturopathy hospital even it might be suggested you could avail steam baths or saunas baths which could help in the cleaning of the respiratory tract

Diet Tips

The basic tip may be to avoid too oily or spicy diet which could increase the mucus in your respiratory tract which could cause troubles combined with the pollution during winter, Simple bland diet which is warm in nature and temperature could be a basic tip. Avoiding non-vegetarian diets, alcohol, and smoking would be an added advantage to your preventive aspects. Some simple health drinks that could be suggested maybe,

  • Tulsi leaves ( 5-6 ) boiled in a container of water along with some dried ginger and palm jaggery could make it into a decoction which could actually a great drink substituting your coffee or tea during the winters. Tulsi, dried ginger and palm jaggery have their own health benefits. This decoction could also enhance your immunity
  • Tulsi with some black salt, lemon, and honey could also help in the congested respiratory tract. It could help in clearing your respiratory tract and facilitate to breathe normally and better.

Eat foods rich in antioxidants, Vitamin C and Vitamin E and Omega- 3 fatty acids which could help in enhancing your immunity levels. Eating the green leafy vegetables of the season, preferably grown in an organic way may be a better choice. It might be suggested that we boil water with cumin seeds or dried ginger and allow it to cool and then consume at frequent intervals.

Air pollution is something that can’t be avoided if you are living in this part of the country. It is always a better way to follow some simple steps to keep ourselves safe which could help us to keep our respiratory systems in an optimum state of health.



06:35 PM | 30-10-2019

नमस्ते,

 वातावरण में परिवर्तन के दौरान कुछ लोगों को श्वास संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, यह अधिकतर प्रदूषित वातावरण में रहने, एलर्जी ,धूल कणों, पराग कणों,अनियमित दिनचर्या एवं खानपान की गड़बड़ी वालों को होता है।

 

  •  नींद- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत होती है ।

 

  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं ।

 

  • भूख लगने पर हल्के सुपाच्य ताजे मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें ,इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता है, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं ।

 

  • प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें, इससे शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं ।

 

  • उपवास- सप्ताह में 1 दिन उपवास रहें, शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं ,शरीर के सभी अंगों की कार्य क्षमता बढ़ जाती है।

 

  • प्रतिदिन 10-12 तुलसी के पत्तों को चबा चबा कर सेवन करें ।

 

  • अदरक के कुछ टुकड़े लेकर एक गिलास पानी में उबालें जब आधा शेष रह जाए उसे उतारकर छान लें, पीने योग्य हो जाने पर उसका  दिन में तीन चार बार सेवन करें ।

 

 

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,ठंडे पेय पदार्थ ,चाय ,काफी ,रात्रि जागरण।

 



06:34 PM | 30-10-2019

हेलो,

 

कारण - पाचन क्रिया का स्वस्थ ना होने से आँत में प्रदाह (inflammation) होता और वह फेफड़ों में संक्रमण पैदा करता है। शरीर में मौजूद मिनरल दूषित होकर कफ में परिवर्तित होते जाते हैं और ऑक्सिजन की मात्रा में कमी आती है। जिस तरह हानिकारक गैस वातावरण को ख़राब करते है। वातावरण में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है पेड़ पौधे को लगाकर वातावरण को स्वच्छ बनाते है। वैसे ही शरीर के भीतर ख़राब हाज़मा के कारण अम्ल की अधिकता होती है तो शरीर में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है। शरीर के अंदर ऑक्सिजन की कमी होने पर फेफड़ों में संक्रमण होता है। कच्चे सब्ज़ी का जूस, सालाद, फल से शरीर के अंदर के वातावरण को शुद्ध बनाएँ।

समाधान - अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें। दुध या दुध से बना कोई चीज़ ना लें। नीम के पत्ते का और खीरा पेस्ट अपने पेट पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

शरीर को यह ज्ञान है कि ख़ुद को स्वस्थ कैसे रखना है। हम इस बात से अनभिज्ञ हैं। जब हमारी प्राणशक्ति हमें ऊर्जा दे रही होती है तो वह स्वास्थ्य की स्थिति है। जब हमारी प्राण शक्ति हमारे शरीर के अंदर विषाणुओं (toxic) को साफ़ ककिसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

जीवन शैली - आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और अंकुरित अनाज मिला दें। नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

धन्यवाद।

रूबी

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका  मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


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