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Q&A
04:32 PM | 30-10-2019

My age 29, I have 4mm umblical hernea and suffering from gas and indigestion. What to do?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

06:34 PM | 30-10-2019

नमस्ते,

 शरीर में कुछ अंग खाली  स्थान में स्थित गुहा में एक झिल्ली द्वारा ढके रहते हैं, कभी-कभी  झिल्ली ढीली हो जाती है या फट जाती है परिणाम स्वरूप अंग थोड़ा बाहर की तरफ उभरकर दिखाई देने लगते हैं समस्त प्रकार की हार्निया में ऑपरेशन ही सर्वोत्तम है।

 

  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे आंतों में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं ।

 

  • प्रतिदिन एलोवेरा, नारियल पानी या आंवला के जूस का सेवन करें ।

 

  • भूख लगने पर ताजे मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों को भोजन में अधिक मात्रा में शामिल करें व खूब चबा चबाकर सेवन करें, इससे इनका पाचन, अवशोषण एवं मल का निष्कासन आसानी से होता है।

 

  •  सप्ताह में 1 दिन उपवास रखें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं शरीर के सभी अंगों को आराम मिलता है ।

 

  • प्रतिदिन पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करें।

 

 निषेध- जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ , चाय ,काफी, चीनी मैदे वसा से बनी हुई चीजें ,क्रोध ,ईर्ष्या, चिंता, तनाव, रात्रि जागरण।



04:18 PM | 31-10-2019

Dear health seeker Gayatri, I may tell you the eternal truth governing our organism and for that matter other things in the life--"that  any thing which has a birth is destined to die one day and anything which is eternal and has not been birthed will remain eternal and will have no  end "As  such our health is eternal and will be with us till our death, but since the disease was not there at the time of our birth and we  contracted it afterwards due to  unhygienic way of living, as such disease has an end but for that you will have to live a hygienic life following the eternal laws of nature and health. If you are ready to do penance and prayshchita for your acts of commission and omission ,mother Nature (God) will surely resurrect you all the health and  the disease symptoms hernia will  be pinned to the post and can be reversed back to health 

If you are to follow the rules governing our organism and rest assure you will be healthy again 

Please feel free to contact on this platform 

Thanks,
V.S.Pawar  Member Indian institute of natural therapeutics 1980



04:18 PM | 31-10-2019

हेलो,

कारण - जब एक मासपेशी या ऊतक में किसी छेद के माध्यम से अंदर का अंग उभरकर बाहर आने लगता है, उसे हर्निया कहते हैं। जैसे - आंत, पेट की अंदरूनी परत में किसी कमजोर जगह में छेद करके बाहर की तरफ उभरने लगे।

ख़राब हाज़मा और ग़लत खान पान के वजह से शरीर इस रूप में प्रतिक्रिया कर रहा है। 

समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो।  वर्षों से जमी टॉक्सिन को निकालना ज़रूरी है। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार लें। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।

आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें।

दोपहर में 12 बजे फिर से कच्चे सब्ज़ी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।

सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ।

शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला।

2 घंटे तक कुछ ना लें। 

 

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

 एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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