How can we get cure from depression without medication??
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreDear health seeker Nidhita, Every disease symptom is nothing more than a lower level of health, one has drawn heavy amounts of vitality from the reserve, the blood supply has been laid down with toxins and that the same poor quality of blood adulterates the brain and the patient gets the depressed state of health, but rest assured that Mother Nature has the power to reverse all diseases.
I have categorically written a blog on depression, anxiety please go through it
Thanks
V.S.Pawar
हेलो,
कारण - दर्दनाक या तनावपूर्ण घटनाओं का अनुभव से भी ऐसा हो सकता है।अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकार जैसे चिंता, डिप्रेशन, मादक द्रव्यों का सेवन से ऐसा हो सकता है। दोष पूर्ण आहार भी परेशानी का कारण है। सोने का चक्र (sleep cycle) के गड़बड़ होने से ये परेशानी बढ़ जाती है।
समाधान - भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन
वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
जीवन शैली - 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- 4 पहर का स्नान करें। सुबह सूर्य उदय से पहले, दोपहर के खाने से पहले, शाम को सूर्यअस्त के बाद, और रात सोने से पहले स्नान करें। नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग +धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ।इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
It is estimated by World Health Organization (WHO), that depression is one of the most common illness worldwide and the leading cause of disability. About 350 million are affected by this illness globally.
The causes of depression may include:
- genetics
- biological - changes in neurotransmitter levels
- environmental
- psychological and social (psychosocial)
Lifestyle changes are simple but effective and powerful tools in the management of depression.
Social support system . Strong social support could reduce isolation which is a key risk factor for depression. Keeping regular contact with friends and family or could even consider joining some class or social groups which could help in isolation.
Healthy Nutrition. Eating well and nutrition rich food is important for both well being of your physical and mental health. Eat in small, well-balanced meals throughout the day which keeps the energy up and could minimize mood swings.
Manage Sleep. Getting enough sleep has a strong influence on the mood. When you don’t get enough sleep then the mood changes might worse and could worsen. Hence getting sufficient sleep is very essential Sleep deprivation could increase irritability, moodiness, sadness, and fatigue.
Manage Stress Too much stress could increase depression and puts you at higher risk of depression complications.
Exercises & Yoga – Exercises like Yoga could be more powerful tools to enhance the mood factors. Regular exercises could keep your mood swings at pace and could help you as mind diversion therapy. Asanas, pranayamas could be effective tool to prepare yourself for higher practices like meditation.
Music Therapy – Many research studies have shown that Music therapy is an effective tool in the management of depression. Listening to music or playing an instrument have their own effect to manage the condition
नमस्ते ,
शरीर में कार्टिकोस्टेरान के स्तर बढ़ने एवं अधिक तनावग्रस्त रहने की वजह से एड्रीनलीन हार्मोन के स्तर बढ़ने एवं पर्याप्त नींद न लेने की वजह से कार्टिसाल के स्तर बढ़ने की वजह से नकारात्मक विचार आने लगते हैं व्यक्ति अवसाद ग्रस्त हो जाता है।
- नींद -रात्रि में कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर का तनाव कम होता है, कार्टिसाल का स्तर घटता है।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे आंतों में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं।
- प्रतिदिन सूर्योदय के पश्चात कम से कम 30 मिनट धूप में लेटें इससे शरीर की समस्त अंतः स्रावी ग्रंथियां सुचारू रूप से कार्य करते हैं ,रक्त संचार बढ़ता है।
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट मौन रहे ,इससे मन शांत होता है ।
- प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में नंगे पांव प्रसन्न चित्त होकर ओंस पड़ी हुई घास पर टहलें, इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।
- प्रतिदिन अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में कपालभाति, अनुलोम विलोम ,भस्त्रिका भ्रामरी प्राणायाम एवं ध्यान व योगनिद्रा का अभ्यास करें!
- प्रतिदिन मनपसंद सकारात्मक संगीत को मधुर आवाज में सुने।
Hi,
All problems first start either in the mind or the gut. The gut is sometimes even known as the " second mind". It is therefore important to eat healthy and maintain a healthy gut. Lets briefly understand this concept and how it impacts your mind.
When we are under stress the body produces the stress hormone called adrenaline, also known as the " fight or flight " hormone. Constant stress releases the production of cortisol, another stress hormone. This constant stress always puts the body in sympathetic mode, wherein the body is unable to repair and heal itself. These hormones are not only produced when under stress, but also when we consume too much caffeine. All this in turn effects the functioning of all your body organs, hormones, sleep etc. All of which impact your moods. Therefore lifestyle changes are important.
- It is extremely important that you consume a healthy diet rich in fruits and raw vegetables. Fruits and vegetables contain essential vitamins and minerals which are required for the normal functioning of many hormones, neurotransmitters and a whole lot of other bodily functions.
- Stay away from all sugary foods, animal foods and processed foods. They all on digestion produce free radicals which in turn disturb the hormonal cycle. Sugary foods produce sudden spikes in blood sugar levels, which in turn affect the homeostasis of the body.
- Proper sleep and physical activity are equally important. They induce the production of "happy hormones", melatonin and serotonin. This allows the body to repair and heal naturally.
- Spending time in nature, like gardening, exposure to sunlight is also helpful. All these activities induce the production of serotonin.
Apart from this meditation and deep breathing, focus on your breath are important tools to help you overcome anxiety, negative thoughts and depression.
You could also read this blog to help you understand further https://www.wellcure.com/body-wisdom/182/tension-anxiety-and-depression-deal-with-it-naturally
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Wishing you Good Health Always!
Thank you,
Regards
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