With this change of weather I start getting muscular pains. My feet, my arms , my back everything pains in the coming winter season. How can I cure it?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreInflammation can happen in any part of the body. Weather changes are just a trigger. Winter causes alkalinity in the body inducing elimination. It’s a pressure that is created from inside. When body is accumulating toxins, pains can occur anywhere. It’s the body trying to correct the issue but unable to correct due to the constant eating and other activities that the body is busy with. If you relieve it from it’s major duties, it will fix your pain in few days too.
I suggest that you try this
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Drink only fruit juices upto 3-4 lts a day and just rest. Drink, pass urine / potty and rest. Don’t do anything else. Don’t eat anything for 3 days.
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Keep an alternating warm and cold wet towel on the pain area if its severe for few hrs if you have someone to help you.
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Add fruits to the diet along with juices for 4,5,6,7th day
This must ease some discomfort in the chest area. But the problem will not be eliminated yet.
Follow this lifestyle and the problem won’t return again and will gradually be eliminated fully
Follow this :-
Morning on empty stomach
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Celery juice 500 ml filtered / ash gourd juice / cucumber juice/ Green juice with any watery vegetable like ashgourd / cucumber / ridge gourd / bottle gourd / carrot / beet with ginger and lime filtered/ tender coconut water or more pure veggie juice
Continue juicing all morning
Afternoon from 12 :-
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A bowl of fruits - don’t mix melons and other fruits. Eat melons alone. Eat citrus alone
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Followed by a bowl of veg salad
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Dinner 2-3 hrs before sleep with Gluten free, oilfree , 30% unpolished grains or dals and 70% veggies
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Include some exercises that involves moving all your parts ( neck , shoulder, elbows, wrist , hip bending twisting , squats, knees, ankles )
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See if u can go to the morning sun for sometime in a day 30 mins atleast.
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Ensure that you are asleep between 10-2 which is when the body needs deep sleep.
What to Avoid :-
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Avoid refined oils, fried food , packaged ready to eat foods, dairy in any form including ghee, refined salt and sugar , gluten , refined oils meat eggs fish coffee tea alcohol , oils in any form
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Avoid mental stress by not thinking about things you cannot control. Present is inevitable. Future can be planned. Stay happy. Happiness is only inside yourself . The world around you is a better place if you learn to stay happy inside yourself. Reach us if you need more help in this area. Emotional stress can cascade the effects. Thank your body and love it
Be blessed.
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
Hi,
Cold weather during winter causes muscles to lose more heat and contract, causing tightness throughout the body. This is due to the reason that the blood doesn't circulate properly in the body parts, which causes pain and stiffness in the muscles, bones and joints. This causes more damage to the muscle tissue and can result in increased soreness.
Take a proper and Balanced Diet: Foods enrich with Vitamin D, C and K are good for muscles. Add orange, cabbage, spinach, tomatoes in your diet as they are good and help to relieve muscle pains.
Keep hydrated – During winters, we tend to reduce our water consumption but it is necessary because the cartilage between the joints has to be smooth and in order to maintain the right amount of friction, the body needs to be hydrated.
Keep Active: Do regular active exercises, like walking, jogging, etc. to improve the muscle activity and metabolism which relieves muscle pain and keep the body warm.
Calcium Intake: Foods enrich with calcium are great for your muscles, joints and bones.
Wear proper warm clothes and be safe from cold weather.
Avoid smoking and alcohol.
Avoid junk foods and fatty food items. Always take healthy diets.
Consume more seasonal vegetables and fruits available.
Do Yogasanas, like surya namsakara and other asanas be active.
Do pranayama like surya bhedhana, bhastrika and kaphala bhati.
Namasthe!
नमस्ते,
सर्दी मे वायुमंडलीय दबाव कम हो जाता है। इससे जोड़ों में सूजन की आशंका बढ़ने लगती है, ये जोड़ टखने, घुटने, नितम्ब, रीढ़, उंगलियों या शरीर के किसी भी हिस्से के हो सकते हैं,कई बार ये सूजन अंदरूनी होती है। सूजन आने से नसों में खिंचाव पैदा होता है। वे नाजुक हो जाती हैं। यही खिंचाव दिमाग को दर्द का संकेत देता है, जिससे हमें शरीर में दर्द महसूस होता है,
गर्मी में चीजें फैलती हैं और ठंड में सिकुड़ती हैं। अगर जीवनशैली सुस्त है तो जोड़ों के ऊपर ठंड का असर ज्यादा पड़ता है। उनकेआसपास की कोशिकाएं और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। जोड़ कठोर हो जाते हैं। उनके लचीलेपन में कमी आती है, इससे हिलने-डुलने पर जोड़ों को अपना काम करने में परेशानी होने लगती है। यही दर्द का कारण बनता है। यूं भी उम्र बढ़ने के साथ कार्टिलेज घिसने लगते हैं, ऐसे में हड्डियों के आपस में टकराने से भी दर्द होता है। जो लोग बेहद चुस्त कपड़े पहनते हैं, उनको परेशानी अधिक होती है। ज्यादा तंग कपड़े पहनने से उस हिस्से के जोड़ों व मांसपेशियों के मुड़ने में समस्या होने लगती है।
सर्दी के दौरान खून की धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह सामान्य ढंग से नहीं हो पाता। शरीर के विभिन्न अंगों तक खून,पानी व ऑक्सीजन की पूर्ति कम हो जाती है। इसकी वजह है कि खून में हिमोग्लोबिन होता है, जो ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाता है,ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर शरीर की तंत्रिकाओं में तनाव पैदा हो जाता है, जिससे दर्द की अनुभूति होने लगती है।
आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-
- खाने में उन चीजों को शामिल करें, जो शरीर को गर्म रखें और वजन न बढ़ने दें। वजन बढ़ना, जोड़ों पर अधिक दबाव डालता है। मसालों में काली मिर्च, हल्दी, दाल चीनी शरीर को गर्म रखते हैं। अखरोट, पिस्ता,काजू, किशमिश, मूंगफली और बादाम मिला कर एक या दो मुट्ठी सूखे मेवे खाना भी फायदेमंद रहेगा। कम मात्रा में ही शरीर को ज्यादा कैलरी मिलती है, शरीर गर्म रहता है और रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है।
- -मौसम्बी, संतरा, कीनू जैसे मौसमी फल और ब्रोकली, हरी सब्जियां या साग जैसे पालक, सरसों या राई का साग जरूर खाएं। इससे गठिया या जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है। दिन में तीन से चार अलग-अलग तरह के फल खाना बेहतर रहेगा।
- -जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वालों को विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन डी ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए। संतरा, पालक, पत्तागोभी और टमाटर खाएं। ये तीनों कार्टिलेज की सेहत के लिए भी बेहतर होते हैं। कैल्शियम को बेहतर सोखते हैं।
- -हर रोज गुड़ खाएं। यह शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद करता है।
- -खजूर में विटामिन ए और बी के अलावा पोटैशियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। खजूर शरीर को अंदर से गर्म रखने के साथ उसे मजबूत भी बनाता है।
- -बाजरे का सेवन ठंड में फायदेमंद होता है। बाजरे की तासीर गर्म होती है, इसमें फाइबर और कैल्शियम भी भरपूर होते हैं।
- -नियमित हल्दी और तुलसी मिलाकर उबाला हुआ पानी लेना सूजन व दर्द में आराम पहुंचाता है। खाने में लहसुन व अदरक की मात्रा भी बढ़ा सकते हैं।
- सर्दियों में प्यास कम लगने से पानी कम पिया जाता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी भी जोड़ों और मांसपेशियों को सख्त बना देती है। बेहतर है कि गुनगना पानी पीते रहें। पानी की पूर्ति भी होगी और संक्रमण का असर भी कम होगा।
- एक सूती कपड़े में बालू ,सेंधा नमक एवं सरसों मिलाकर पोटली बना लें, तवे पर सरसों का तेल डालकर गर्म करें गर्मा गर्म पोटली से प्रभावित जगह पर सेकाई करें। (अवधि 10 से 15 मिनट)
- शरीर की समस्त जोड़ों को ऊपर -नीचे ,दाएं -बाएं ,दक्षिणावर्त एवं वामावर्त दिशा में घूमाएं( प्रत्येक 10 बार )शरीर की मांसपेशियों में मजबूती लाते हैं, रक्त संचार बढ़ता है।
हेलो,
कारण - शरीर में अम्ल के अधिकता से रक्त संचार में दोष उत्पन्न होता है। रक्त संचार ठीक प्रकार से ना हो तो शरीर के किसी भी हिस्से में inflammation पैदा होता है और वह दर्द का कारण बनता है। दोष पुर्ण आहार से अम्ल अधिक बनता है। तनाव के कारण बार बार खाना खाने से पाचन क्रिया में अवरोध पैदा होता है। अनिद्रा के कारण खाना पचता नहीं है और निष्कासन में अवरोध पैदा होता है। शारीरिक शिथिलता से रक्त संचार ठीक प्रकार से नहीं होता है।
समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ। सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन
पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें।अपने मेरुदंड को उस पर रखें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो। दौड़ लगाएँ, सूर्य नमस्कार 5 बार करें।
जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।
जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के लें। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ
सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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