My name is Rekha. I have fibriods but periods are normal and regular. Right now I am medication for anxiety. And i am suffering from ring worm. It reoccurs again and again. The area around is turning black. Can you suggest some remedies?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreWhen the fungus invades a particular area of the body and it tends to the immunity of the body to decrease thus there is skin lesion occurring in that place. Making the surface abrupt and voluptuous itching be the part of it. The fungus can be invaded in all the type of areas the most common site to get affected is groins, hands, buttocks, face. Ringworm in a scientific manner is also referred to ad tinea. The fungus is known to be one of the stubborn things to handle. With the right diet and treatment, you can deal with fungus easily.
Home remedies for Ring worm:
Applying Garlic juice on the affected area, garlic is known to be one of the most anti-septic substance when applied regularly it will not only help you deal fungus but also they tend to help.
Aloe vera gel is soothing and also antibacterial in nature.
Coconut oil is again the solution to the problem, it makes sure that ringworm does not occur again.
Thank you
Most of the physical issues start with emotional issues. If you have a reason for your anxiety, you must work on getting back to normal naturally. If there are no reasons, then its also an issue related to toxins accumulation. Skin issues are also an effect of a stagnant lymphatic system that is not able to channel the wastes. Remember germs are friends and unwanted ones and worms become excess in the body if you are offering them wrong foods in the body that are acidic and dying / toxic/ rotten.
Stop eating dead and dehydrated foods like meat, eggs, fish which majorly attract worms and parasites. Your body will collect acidic wastes and feed the worms as they like decayed matter. The excreta of the worms have high concentration of uric acid that the body has to dispose off. That causes the blackening of the skin.
Underlying toxaemia or accumulation of toxins are some of the major reasons for anxiety attacks depression, insomnia, fear and similar issues. Correcting the food habits and living conditions is very important to bring improvement in these areas. Remove all kinds of dead animal products from your life such as dairy from the food that is meant for the calf and not for humans, meat and fish that is dead and lifeless, Eggs that attract viral activity in the body, refined sugar, refined salt, excessive consumption of grains in the entire day, Consumption of excessive oil in cooking, eating fried food can lead to accumulation of debris in the body which putrefies and rots giving rise to all kinds of viral and bacterial activity that can impact the sleep cycles and cause nervous issues such as anxiety. Everything in the body is based on electrical signals. If there are inflammations then short-circuiting can happen and messages can be misinterpreted by the brain.
Many conditions like fibroids are also another form of abnormal growth. Nature of the growths can be anything, but the growth is abnormal. This is not an autoimmune issue where body’s s attacking itself.It’s trying to protect you from other complications.
The extra estrogen potentially could be coming from animal products that are pumped with female hormones - dairy, eggs, meat, plastics, medications that you are taking to control this issue. Wherever there are toxins, there are pathogens scavengers attacking the body to feed it. Unless we remove the root cause and remove the toxins from building more, pathogens won’t die and will inflammate the uterus even more and cause all complications.
Lead a lifestyle with low fat high raw all day and gluten-free oilfree cooked in the night ( can be raw for dinner too ) .
Drink only veg juices all morning, have fruits and 3-4 cups of greens all afternoon and have veggies most of the evening only few spoons of cooked if hungry only at night. Have an early dinner by 7pm
Put a wet cloth and rest for 30 mins twice a day on the abdomen
Expose the abdomen to the sun and ask for blessings and express gratitude for 1 hr daily morning.
The more the raw, the sooner u heal. It will get corrected in a few months.
Eat plant-based and avoid all animal products such as dairy meat eggs fish and any packed foods. Everything must be made at home and eaten raw or juiced. Avoid oil, grease, wheat, refined flour, sugar etc
Skin takes longer to heal. Lots of fluids from fruits, veggies and greens consistently only will bring that under control over time.
Let us know if you have any questions
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
हेलो,
कारण - दर्दनाक या तनावपूर्ण घटनाओं का अनुभव से भी ऐसा हो सकता है।अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकार जैसे चिंता, डिप्रेशन, मादक द्रव्यों का सेवन से ऐसा हो सकता है।
अण्डाशयों की मुख्य भूमिका है अंडे बनाना और हर महीने इनको फ़ेलोपियन ट्यूब्स में छोड़ना ताकि यह अंडे शुक्राणु से मिलकर गर्भाधान कर सके ये अंडे अण्डाशय के अंदर एक कूप में बनते है | इस कूप में तरल पदार्थ होते है जो बढ़ते अंडे की रक्षा करते है | जब अंडे के निकलने का समय आ जाता है, तब यह कूप फट जाता है और अंडा निकल आता है | परन्तु कभी कभार कोई कूप फट नहीं पाता और अंडे को अंदर रख कर ही बढ़ा होने लगता है और ऐसे में सिस्ट बन जाता है | ये निष्कासन में अवरोध के कारण होता है। उचित जीवन शैली और आहार शुद्धि से मदद से इसको ठीक कर सकते हैं।
समाधान - पेट पर mud pack लगाएँ।
शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन
पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।
10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो। वर्षों से जमी टॉक्सिन को निकालना ज़रूरी है। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार लें। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।
त्वचा हमारे शरीर का सहज ज़रिया है अम्ल (acid) को प्रतिबिम्बित करने का। शरीर (elimination)निष्कासन की प्रक्रिया में लगा है।
दाद को मेडिकल की भाषा में टिनिया कहते हैं, इस त्वचा की बीमारी का नाम उस जगह संदर्भ में रखा जाता है जहां पर इसका संक्रमण शुरू होता है।
खीरा+नीम के पत्तों का पेस्ट वंहा लगाएँ जंहा परेशानी है। 20मिनट के लिए लगाएँ।
एलोवेरा पल्प + गुलाब जल के साथ काले पड़े त्वचा के ऊपर लगाएँ 20 मिनट बाद साफ़ करें।
20 g कच्ची हल्दी और आँवला पिस कर 100ml पानी मिला कर पीएँ।
त्वचा को गुलाब जल + बेसन और हल्दी से साफ़ करें। साबुन या कोई भी क्रीम का प्रयोग बंद कर दें
भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन, वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
जीवन शैली - 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- 4 पहर का स्नान करें। सुबह सूर्य उदय से पहले, दोपहर के खाने से पहले, शाम को सूर्यअस्त के बाद, और रात सोने से पहले स्नान करें। नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5 पृथ्वी- सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
Hi,
Here are a few resources to help you -
-
Read women’s Health-related stories in our Journeys section.
-
For anxiety - In our Body Wisdom section, we have an interesting read on how to deal with depression, tension, anxiety - naturally. Suggest you read the same!
Adopting a natural lifestyle will help you in reclaiming your health. You can explore our Nature-Nurtures Program that helps you in making the transition, step by step.
Fibroids need not necessarily cause any problem generally. No need to worry about it. For ring worm infection you can consider the following.
- Apply turmeric paste over the region.
- Apple cider vinegar also would help.
- Coconut oil application over the area would be beneficial.
For anxiety
- Have lots of fruits and raw vegetables.
- Drink lots of water.
- Do exercise/yoga daily for 30 minutes to 1 hour
नमस्ते,
दाद एक कवक त्वचा संक्रमण यह संक्रमित व्यक्ति से सीधे त्वचा के संपर्क के माध्यम से या अप्रत्यक्ष रूप से तौलिये, हेयरब्रश,पालतू जानवर,जूते और कपड़े साझा करने से फैलता है, दाद आमतौर पर त्वचा के नम क्षेत्रों में होता है जो आसानी से सूखते नहीं हैं जैसे- पैर की उंगलियों, खोपड़ी, हाथों और दाढ़ी के बीच में त्वचा की परतों में दरारें होती हैं।
लक्षण-
दाद घाव एक चक्र या एक अंगूठी के आकार में त्वचा पर लाल चकत्ते या विस्फोट के शामिल है , घाव के किनारों को उभरा रहता है, दिखने में लाल और सिल्वर स्केल होता है, वृत्ताकार घाव का मध्य भाग स्पष्ट और अप्रभावित रहता है।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी, नींबू एवं शहद का सेवन करें आंत से दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
- प्रतिदिन एलोवेरा, खीरा ,नारियल पानी या अनार के जूस का सेवन करें ,इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है, त्वचा की समस्या समाप्त हो जाती है।
- भोजन में 80% मौसमी फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करें इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है शरीर के समस्त अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं ।
- प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में जल की आपूर्ति होती है।
- सप्ताह में 1 दिन उपवास रहें शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, शरीर के समस्त अंगों को आराम मिलता है।
- दांद वाली जगह पर दिन में दो से तीन बार नारियल तेल लगाएं,नारियल तेल में जरूरी फैटी एसिड होते हैं, जो एंटीमाइक्रोबियल की तरह काम करते हैं,नारियल तेल दाद के इंफेक्शन को दूर करने में मदद कर सकता है , साथ ही साथ खुजली में भी राहत देता है।
- एलोवेरा त्वचा की हर समस्या के लिए कारगर होता है। इसमें मौजूद एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण दाद से राहत दिलाने में मदद करते हैं,एलोवेरा की हरी पर्वत को हटाकर सफेद मांसल भाग के रस को दाद वाली जगह पर दिन में दो से तीन बार लगाएं।
बचाव-
दाद और आसपास के क्षेत्रों को सूखा और साफ रखने के लिए कुछ उपाय करके दाद को आसानी से रोका जा सकता है। इसमें शामिल है:
- व्यायाम और खेल गतिविधि के बाद और गर्मियों के मौसम में दिन में दो बार स्नान करना त्वचा को साफ रखने में मदद करता है।
त्वचा को सूखा रखें, विशेष रूप से पैर की उंगलियों की त्वचा की सिलवटों में।
- साफ और सूखे कपड़े और अंडरगारमेंट पहनें।
- सूती कपड़े पसीने को सोखने और त्वचा को सूखा रखने में मदद करते हैं।
- दाद से संक्रमित पालतू जानवरों को संभालने के बाद दस्ताने और साबुन से हाथ-पैर धोना इसके प्रसार को रोकने में मदद करता है।
- जब आपकी प्रतिरक्षा कम हो, जैसे कि किसी बीमारी के दौरान या कीमोथेरेपी के बाद पालतू जानवरों को न संभालें।
- दूसरों के साथ, विशेष रूप से संक्रमित व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करें।
- सार्वजनिक बारिश, नम कमरे, और लॉकर कमरे नंगे पांव उपयोग करने से बचें।
- तंग फिटिंग के कपड़े, जूते या मोजे न पहनें, खासकर गर्मियों के मौसम में।
- मध्यम नियमित व्यायाम शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद करता है और त्वचा की परतों में दाद के संक्रमण को रोकता है।
- मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने से प्रतिरक्षा में सुधार और संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलती है।
- कपड़े और अंडरगारमेंट्स को हर दिन बदलना चाहिए और उन्हें फिर से पहनने से पहले अच्छी तरह से धोना चाहिए।
- संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रिंगवॉर्म के लिए पालतू जानवरों का इलाज किया जाना चाहिए।
- घर के जिन क्षेत्रों में अक्सर पालतू जानवरों द्वारा दौरा किया जाता है, उन्हें अक्सर साफ किया जाना चाहिए।
कुश्ती या फ़ुटबॉल जैसे खेलों में शामिल लोग जहां अन्य खिलाड़ियों के साथ निकट संपर्क रखते हैं, वहीं अन्य लोगों के साथ वर्दी या हेलमेट साझा करने से बचना चाहिए।
निषेध -जानवरों से प्राप्त, भोज्य पदार्थ,चाय, काफी, चीनी ,मिठाईयां ,ठंडेेे पेय पदार्थ, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ!
1 |
Dr. Khushbu Suthar
Level:
Natural Healing - Leader & Influencer
Points:721575
|
|
2 |
Ruby
Level:
Natural Healing - Leader & Influencer
Points:706530
|
|
3 |
Smitha Hemadri
Level:
Natural Healing - Leader & Influencer
Points:608610
|
|
4 |
Nikita Mishra
Level:
Natural Healing Guide
Points:342840
|
|
5 |
Hema
Level:
Natural Healing Guide
Points:330790
|
|
6 |
Dr.Rajesh Kumar
Level:
Natural Healing Advisor
Points:175005
|
|
7 |
Mohan M
Level:
Natural Healing Advisor
Points:165005
|
|
8 |
Anchal Kapur
Level:
Natural Healing Advisor
Points:156005
|
|
9 |
PSYsolution by Kalyan
Level:
Natural Healing Advisor
Points:124895
|
|
10 |
Asha Shivaram
Level:
Natural Healing Advisor
Points:123760
|
|
11 |
Wellcure
Level:
Natural Healing Advisor
Points:111405
|
|
12 |
Swatantra
Level:
Natural Healing Advisor
Points:96835
|
|
13 |
Dollie kashvani
Level:
Natural Healing Advisor
Points:95925
|
|
14 |
Vijai Pawar
Level:
Natural Healing Advisor
Points:94430
|
|
15 |
Sharan
Level:
Natural Healing Advisor
Points:86350
|
|
16 |
Dr.Elanchezhiyan Devarajan
Level:
Natural Healing Advisor
Points:68925
|
|
17 |
Priyanka Kaushik
Level:
Natural Healing Advisor
Points:67915
|
|
18 |
Anju Chhabra
Level:
Natural Healing Advisor
Points:66160
|
|
19 |
Shweta Gupta
Level:
Natural Healing Advisor
Points:62515
|
|
20 |
Mehak
Level:
Natural Healing Advisor
Points:60990
|
|
21 |
Dr Sangeeth Somanadhapai
Level:
Natural Healing Advisor
Points:56860
|
|
22 |
Asha Shivaram
Level:
Natural Healing Companion
Points:47295
|
|
23 |
Swati Dhariwal MA, ND,
Level:
Natural Healing Companion
Points:39870
|
|
24 |
Aishwarya Elavarasan
Level:
Natural Healing Companion
Points:36175
|
|
25 |
Pramod Pathak
Level:
Natural Healing Companion
Points:32380
|