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Q&A
10:07 AM | 13-11-2019

What should one apply for burns, afters the burning sensation has subsided?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

02:08 PM | 13-11-2019

It depends on the degree of the dermis which is involved. The things which we have to take care of how much is our skin involved. A first-degree burn is mild the uppermost layer is affected and can be healed easily with two weeks. The second-degree burn includes pain redness and also blister formation. It becomes very painful. The third-degree burn leads to nerve damage and internal organ damage is common.

After the pain is subsided the scar is only remaining which can be dealt with easily.

1. Aloe vera gel: Aloe vera gel helps in removing the pigmentation and scar can be easily lightened.

2. Lemon acts as anti-bleach which helps in taking the scar away.

3. Reduce the exposure towards the sun, to protect the area from getting affected.

4. If there is any sort of blister formation make sure you do not pop it as it can lead the scar to remain for it. 

Thank you



02:08 PM | 13-11-2019

नमस्ते,

खाना बनाते वक्त, गर्म पानी से या फिर बिजली के किसी उपकरण से जल जाने पर त्वचा पर फफोले हो जाते हैं!


बचाव-

  • बटर, आटा या बेकिंग सोडा आग पर कभी नहीं डालना चाहिए।

 

  • क्रीम, लोशन या तेल को ट्रीटमेंट के तौर पर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए,

 

  • कभी भी कोई भी घाव को खोदना या छीलना नहीं चाहिए।

 

 

  • जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक किसी भी घाव को न छेड़ें और न ही उसे हैंडिल करने की कोशिश करें,

 

 

  • कभी भी शरीर पर जले कपड़ों को निकालने की कोशिश न करें।

 

 

 

  • आजकल अधिकतर कपड़े सिंथेटिक रेशे से बने होते हैं जो टॉफी की तरह पिघलते हैं और त्वचा पर चिपक जाते हैं। यदि आप उन्हें हटाने की कोशिश करेंगे, तो आप त्वचा को ही अनावश्यक दर्द पहुंचाएंगे और संक्रमण को आमंत्रित करेंगे। जले हुए कपड़ों को कीटाणुमुक्त करना होगा और उसे अकेले छोड़ देना अच्छा है।

 

  •  शांत रहकर, पीड़ित व्यक्ति जो सदमे में और डरा हुआ है उसे प्रोत्साहित करते रहना चाहिए, उसके साथ सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार करें और यथाशीघ्र उसे उचित सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश करें।

 

  • अंगूठी, हार, जूते और तेज फिटिंग वाले कपड़ों को जल्द से जल्द हटा दें क्योंकि बाद में सूजन बढ़ने के कारण उन्हें निकालना मुश्किल हो सकता हैं।

निम्नलिखित उपचार इसमें सहायक सिद्ध होंगे-

  • जब एक बार त्वचा और रेशे जल जाते हैं तो द्रव्य की गंभीर कमी हो सकती है, प्रभावित कोशिकाएं गर्मी को अपने भीतर संजो लेती हैं और बाद में ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं, इसलिए प्राथमिक इलाज का उद्देश्य जलन से छुटकारा पाना है।

 

 

  • जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना चाहिए या तब तक जब तक कि दर्द होना बंद न हो जाए। यदि घायल हिस्से (उदाहरण के लिए चेहरा) को पानी के नीचे लाना कठिन हो,  मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं और घायल हिस्से पर इसे रखें, लेकिन इसे रगड़ें नहीं, दोबारा इसे दोहराएं (ठंडे पानी में फिर से भिगोकर), लेकिन जले को रगड़े नहीं। यह ऊतकों की गर्मी को बाहर करने में मददगार साबित होगा और ऐसा करने से आगे और नुकसान नहीं होगा और यह दर्द को कम कर देगा।

 

  • जले हुए स्थान पर आलू का पेस्ट या आलू का छिलका लगाकर रखने से भी जलन से राहत मिलेगी और ठंडक मिलेगी, आलू को दो भागों में काटकर उसे जख्म पर रखें,जलने के तुरंत बाद यह करना काफी फायदेमंद होता है।

 

शहद का प्रयोग भी जले हुए स्थान पर करने से लाभ होता है,  यह एक अच्छा एंटीबायोटिक होता है, यह घाव के कीटाणुओं को खत्म करने में सहायक होता है, इसके लिए शहद को पट्टी पर लेकर पट्टी को घाव पर रख दें और इस पट्टी को दिन में दो से तीन बार जरूर बदलें।  

 

 

  •  एलोवेरा के गूदे का प्रयोग जले हुए स्थान पर किया जा सकता है, पानी से घाव को धोने के बाद एलोवेरा को जले हुए स्थान पर लगाएं। 

 

  • तुलसी के पत्तों का रस जले हुए हिस्से पर लगाएं, इससे जले हुए भाग पर दाग होने की संभावना कम होती है।
  •  

नोट -जलने की अवस्था में तुरंत पीड़ित व्यक्ति को उपचार हेतु चिकित्सक के पास ले जाना सर्वोत्तम है।

 

 

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ ,चाय, काफी ,चीनी ,मिठाईयां ,नमक ,नमकीन ,वसा युक्त भोज्य पदार्थ ,डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, नशीली वस्तुएं ,तली भुनी चीजें ,अधिक मिर्च मसाला।



06:32 PM | 13-11-2019

Hi, 

Burns are categorized by their severity.

1. First-degree burn is considered the least severe because it only affects the outer layer of skin. It usually only causes mild pain, redness, and swelling.

2. Second-degree burns affect deeper layers of the skin and cause blisters and white, wet, and shiny skin.

3. Third-degree burns involve damage to all layers of the skin.

4. fourth-degree burns may involve the joints and bones. Third- and fourth-degree burns are considered severe and needs medical attention. 

  • Mild burns will take a week or two to completely heal and usually don’t cause scarring. The aim of burn treatment is to reduce pain, prevent infections, and heal the skin faster.
  • Cold compress will help to reduce pain and swelling. Avoid too cold it will cause more pain.
  • Apply Aloe Vera gel. It will help to heal faster and reduces the pain and prevents inflammation.
  • Apply coconut oil. It will help to heal faster and reduces dryness and soothens the burned skin.
  • Apply honey on the burnt area, honey is an anti-inflammatory and naturally anti-bacterial and anti-fungal.
  • Drink more water and keep body hydrated.
  • Avoid touching on the blisters and burns area. Avoid /reduce exposure to sun. It may cause pain
  • Take proper healthy diet. Include more fruits and vegetables. Especially rich in Vitamin C tio increase the immunity and heal faster. 
  • Take more pulses, legumes, and cereals to get more protein.
  • Avoid tea, coffee and other artificial beverages.
  • Avoid non vegetarian food items. 

Namasthe!



02:08 PM | 13-11-2019

हेलो,

 

कारण - शरीर में अम्ल की अधिकता के कारण कोई भी समस्या अधिक समय तक और अधिक तकलीफ़देह होती है। 

समाधान - जलन या चोट या किसी और प्रकार के समस्या को कम करने के लिए आहार में कच्चे सब्ज़ी का juice और कच्चे सब्ज़ी का सलाद खाएँ और फल खाएँ। नमक कम लें केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जले हुए जगह पर खीरा और एलोवेरा पल्प को पीस कर छान कर उसका जूस लगाएँ। दिन में 5 से 6 बार इस रस को लगाएँ।

जले हुए जगह को खुला छोड़ें धूप हवा लगने दें।

जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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