I am having slight pain in my right side of abdomen what is reason for this pain?
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Read moreYou have not mentioned much details about the pain like type of pain whether pricking or dull etc and not mentioned about since how long the pain is present.
As per your complaint just application of wet cloth or a mud pack on empty stomach for 20 minutes daily should give you some relief. Oil bath once in a week also would help you.
Have lot of fruits/vegetables in real form would help you.
Avoid milk/tea/coffee and spicy foods.
नमस्ते,
पेट के दाएं तरफ गाल ब्लैडर की पथरी, अपेंडिसाइटिस या लीवर में सूजन की स्थिति में देखने को मिलता है , अनियमित दिनचर्या खानपान की गड़बड़ी, शराब इत्यादि नशीली वस्तुओं के सेवन की वजह सेे हो सकते हैं।
आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-
- एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़ लें और सुबह खाली पेट पिएं। इस प्रकार नींबू का प्रयोग पाचन को सही रखने वाले पेट दर्द में मदद करेगा।
- प्रतिदिन भोजन में 50% ताजे मौसमी फल 35% हरी पत्तेदार सब्जियां 10% साबुत अंकुरित अनाज एवं 5% सूखे मेवे का प्रयोग करें ये हल्के एवं सुपाच्य होते हैं जिससे इनका पाचन, अवशोषण एवं मल का निष्कासन आसानी से हो जाता है।
- सप्ताह में कम से कम 1 दिन उपवास रहें इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं पाचन तंत्र को आयाम मिलता है
- प्रतिदिन प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए पानी को मैं धीरे-धीरे सेवन करें,पानी भोजन पचाने में अहम भूमिका अदा करता है। पानी मल को मुलायम बनाकर मल निकासी की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसलिए जल की पर्याप्त मात्रा जरूर लें। पाचन को ठीक रखने के लिए आप रोजाना तीन-चार लीटर पानी पिएं।
- पांच ग्राम जीरा को तवे पर हल्का भून लें,दिन में दो-तीन बार चबा-चबाकर इसका सेवन करें,जीरे में मौजूद एंजाइम्स पाचन प्रक्रिया में सहायक की तरह काम करते हैं , अपच, पेट दर्द व गैस की समस्या से निजात पाने के लिए आप जीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं
- सोने का गलत तरीका भी पेट दर्द का कारण बन सकता है। हॉरिजॉन्टल दिशा में लेटने से पेट में एसिड नीचे से ऊपर की ओर सफर करती है, जिससे पेट और सीने में जलन होनी शुरू हो जाती है। पेट की समस्या से ग्रसीत लोगों को बाईं करवट लेकर सोना चाहिए।
- जिन लोगों को अक्सर पेट की शिकायत रहती है, उन्हें अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए। अल्कहोल को पचाना मुशहोता है, इसलिए पेट की समस्या के दौरान बिलकुल भी अल्कहोल का सेवन न करें। अगर किसी को उल्टी हो गई है, तो उसे धूम्रपान नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह टेंडर टिशू को प्रभावित कर सकता है, जो पेट के एसिड द्वारा पहले से ही संक्रमित हो चुका है।
- पेट की समस्या से ग्रसीत लोगों को भारी भोजन से परहेज करना चाहिए। भारी भोजन पचने में समय लगाते हैं, जो पेट दर्द का कारण बन सकते हैं। जितना हो सके हल्के भोजन का सेवन करें।
निषेध- नमक, नमकीन, ठंडे पेय पदार्थ ,डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ ,चीनी, मैदा ,वसा से बनी हुई चीजें ,क्रोध, ईर्ष्या, चिंता, तनाव ,रात्रि जागरण।
हेलो,
कारण - दायीं ओर पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं जिनमें ये मुख्य है। अपच, कब्ज
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (एक विकार जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है)
अपेंडिसाइटिस, पेट का फ्लू (वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस), फूड पॉइजनिंग, फूड अलेर्जी,
लैक्टोज असहिष्णुता (दूध और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाली प्राकृतिक चीनी शरीर द्वारा न पचा पाना)
अल्सर या फोड़ा, पेल्विक क्षेत्र की सूजन की बीमारी
हर्निआ, पित्ताशय की पथरी, एंडोमेट्रिओसिस
पाचन तंत्र की सूजन, अल्सरेटिव कोलाइटिस, मूत्र-पथ के संक्रमण।
समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। अनुलोम विलोम करें। सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, पवनमुक्त आसन करें।
पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।
जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से
घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ
सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
Possible causes are gallbladder stones / right Kidney is inflamed / appendix is inflamed / Overall gut is acidic. Abdomen houses lots of organs and what is inflamed beyond a point to pain is something that medical practitioners can tell you. But here the cause of all issues stems from excess acidity buildup in the body which leads to multiple symptoms including pains/stones etc. If the root cause is fixed, the symptoms will also disappear.
- To address the immediate issue - Stay on juices from veggies, fruits, and greens for 3 days. You can drink 3-4 liters.
- After that for lunch add fruits and for dinner add vegetables for 3 more days.
- All these 6 days, Place a wet cloth on your tummy for 30 mins daily to improve the blood circulation in the gut and heal faster.
By this time your pain might have been fixed if it's not a major issue.
Follow this lifestyle to avoid severe issues in the future and in turn helping the body to clean itself.
Morning on an empty stomach;
- 500ml filtered / ash gourd juice/cucumber juice.
- Followed by Green juice or fruit / any watery vegetable like ash gourd /cucumber/ridge gourd/bottle gourd/carrot/ beet with ginger and lime filtered.
- More hunger - tender coconut water or more pure juice.
Afternoon from 12:-
- A bowl of fruits - don’t mix melons and other fruits. Eat melons alone. Eat citrus fruits alone
- Followed by a bowl of veg salad if needed or more fruits are fine.
- Dinner 2-3 hrs before sleep with Gluten-free - millets rice quinoa, oil-free, unpolished grains or dals 30% and 70% veggies.
- Include some exercises that involve moving all your parts (neck, shoulder, elbows, wrist, hip bending twisting, squats, knees, ankles). Join a yoga or gym and sweat out. We need to eliminate it via skin also.
- See if u can go to the morning sun for sometime in a day 30 mins at least. It’s very important for healing.
- Ensure that you are deep asleep between 10-2 which is when the body needs deep sleep.
- Place a wet cloth on your tummy for 30 mins daily if time permits, to improve the blood circulation in the gut and heal faster.
What to Avoid:-
- Avoid refined oils, fried food, packaged ready to eat foods, dairy in any form including ghee, refined salt, and sugar, gluten, refined oils, cooking with oil.
- Avoid mental stress by not thinking about things you cannot control. The present is inevitable. The future can be planned. Stay happy. Happiness is only inside yourself. The world around you is a better place if you learn to stay happy inside yourself. Reach us if you need more help in this area. Emotional stress can cascade the effects. Thank your body and love it.
Thanks do let me know if you have any questions
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