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Q&A
10:22 AM | 20-11-2019

Hi, I have migraine since 2years. Taking tablets for migraine made my weight gain so pls suggest me which treatment is good for permanent solution. I mean homeopathy or ayurveda or English medicine? Pls help me to know which one is good for migraine to vanish permanently.

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

08:12 PM | 29-11-2019

नमस्ते,

सिरदर्द की समस्या हर किसी को कभी न कभी होती है। लेकिन यह ज्यादा बढ़ जाएं तो माइग्रेन का कारण बन सकता है। माइग्रेन में सिरदर्द की समस्या सबसे ज्यादा होती है। इसमें असहनीय दर्द होता है। माइग्रेन का दर्द 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रहता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। माइग्रेन के कारण दिमाग का खून का संचार तेजी से होने लगता है। जो कि सिरदर्द का कारण बनता है।

माइग्रेन में कभी सिर के दाएं तो कभी बाएं हिस्से में अचानक उठने वाला दर्द को कहा जाता है। जिसे हम माइग्रेन कहते हैं गर्मी, मानसिक तनाव और कम नींद के कारण होने वाली यह समस्या पुरुषों की बजाए महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। इस रोग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें दिन में अचानकक कभी भी तेज दर्द उभर आता है। 

माइग्रेन के कारण

 हाई ब्लड प्रैशर,ज्यादा तनाव लेना,नींद पूरी न होना,मौसम में बदलाव के कारण,दर्द निवारक दवाईयों का अधिक सेवन!

लक्षण

  • *सिर हमेशा फडफड़ाता रहना।
  • *जिन्हें माइग्रेन की समस्या होती है। उन्हें आंखो में दर्द, मतली या फिर उल्टी की समस्या होती है।
  • *लाइट, आवाज से भी समस्या होना।
  • *दिनभर बेवजह उबासी आना।
  • *सवेंदना में कमी या फिर सुई चुभना जैसा महसूस होना।
  • *नींद अच्छे से न आना।
  • *माइग्रेन में मूड पलभर में बदल जाता है। कभी उदास तो कभी बहुत खुश।
  • *माइग्रेन होने से पहले खाने का अधिक मन होना।
  • *बार-बार पेशाब आना।
  • *सुबह उठते ही सिर पर तेज दर्द होना।
  • *माइग्रेन होने का कारण
  • *हार्मोनल परिवर्तन
  • *तनाव के कारण
  • *कैफीन का सेवन अधिक करना।
  • *वातावरण में बदलाव
  • *शराब का सेवन

आपको निम्नलिखित जीवनशैली का पालन करना चाहिए -

  •  नींद- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होती है, तनाव कम होता है!
  • रोज सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें, माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए यह काफी असरदार तरीका है।
  • भोजन में 50% मौसमी फल 35% हरि पत्तेदार कच्ची सब्जियां 10% साबुत अंकुरित अनाज एवं 5% सूखे मेवे का प्रयोग करें,शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त होता है, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप सेे अपना कार्य करते हैंहरी पत्तेदार सब्ज‍ियों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशि‍यम पाया जाता है. माइग्रेन के दर्द में मैग्नीशियम बहुत ही कारगर तरीके से काम करता है. अनाज, सी-फूड और गेंहूं में भी भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है
  • प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठ कर  धीरे धीरे-धीरे सेवन करें,इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में जल की आपूर्ति होती है, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं।
  • एक चम्मच अदरक का रस और शहद को मिक्स करके पीएं। इसके अलावा माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए आप अदरक का टुकड़ा भी मुंह में रख सकते हैं। अदरक का किसी भी रूप में सेवन माइग्रेन में राहत दिलाता है।
  • सुगंधितत पुष्पों से युक्त बगीचे में  प्रसन्नता पूर्वक ओस पड़ी हुई घास पर नंगे पांव टहलें इससे मान शांत होता है।
  • हस्तपादासन, सेतुबंधासन, मर्जरासन, शिशु आसन पश्चिमोत्तानासन, पद्मासन, शशांकासन, हलासन, मत्स्यासन और शवासन कपालभाति ,अनुलोम विलोम एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है ,मन शांत एवं तनाव मुक्त होता है,माइग्रेन में विशेष लाभ पहुंचाते हैं।

 

सभी योग के अभ्यास अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में ही करें 

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चीनी, मैदा,वसा  से बनी हुई चीजें ,ठंडे पेय पदार्थ, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, चाय ,काफी ,मिठाईयां, नमक ,नमकीन, ठंडे पेय पदार्थ ,क्रोध ,ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल ,टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।



05:59 PM | 20-11-2019

हेलो,

कारण - माइग्रेन की समस्या आँत में अधिक inflammation के कारण होता है।

तनाव, अनिद्रा, सिर में ऑक्सिजन का ना जा पाना रक्त संचार में कमी और अधिक अम्ल का बनना भी कारण हो सकता है।

समाधान - सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, अनुलोमविलोम,

भ्रामरी प्राणायाम, शीतलि प्राणायाम करें।

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

जीवन शैली - आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator



05:45 PM | 20-11-2019

Hi. Migraine can be taken care of, naturally. We would like to guide you to a few resources - 

Adopting a natural lifestyle will help you in reclaiming your health. You can explore our Nature-Nurtures Program that helps you in making the transition, step by step. We will guide you on diet, sleep, exercise, stress to correct your existing routine & make it in line with Natural Laws.   

Regds
Team Wellcure



03:58 PM | 20-11-2019

Migraine is caused due to stress and excess of heat with which is head is exposed to. This migraine can be dealt when the body is not under stress, one-sided pain in the head which causes symptoms like nausea, vomiting, fatigue and faintness is a migraine.

The best cure instead of relying on any external medicative source is to depend on our body to get relieved from all sort of diseases. Make some changes in your diet and regime and you will get your complete cure for migraine. Include sources like almonds, walnuts, figs and raisins to improve your brainpower and blood circulation. Consuming food on time helps you relieve from symptoms of migraine.

Try these Home remedies for better results:

1. Consuming ginger at the time of migraine episode helps you relieve pain.

2. Applying lavender oil or smelling it helps in improving the symptoms.

3. Peppermint oil is another solution for migraine.

Thank you


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