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Q&A
04:34 PM | 22-11-2019

Hello I m suffering from gastritis from last 2 yrs and I can't live without antacids a single day... If I don't take antacids, heart burning, stomachache , uneasiness and sleepiness starts.. Still I want to stop taking antacids because of its side effects. Casn you please suggest some 100% working and powerful natural remedy?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

07:36 PM | 22-11-2019

हेलो,

कारण- आँत में inflammation के कारण गैस बनने का प्रमुख कारण निर्माण होता है। इसके अलावा अत्यधिक भोजन करना, मानसिक चिंता, ऐसा भोजन जो पचने में कठिन हो, शराब पीना, और भोजन को ठीक तरीके से चबाकर न खाने से भी पेट में गैस बनती है।

कई बार कुछ बीमारियों जैसे - वायरल फीवर, किसी प्रकार का इंफेकशन, पथरी, ट्यूमर, अल्सर आदि के कारण भी पेट में गैस बनना स्वभाविक है।

दवाओं के सेवन से भी गैस बनने की समस्या हो जाती है। तीखा या चटपटा भोजन भी इसका एक प्रमुख कारण है।

समाधान- शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम करें।

 खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

पृथ्वी - सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का Iजूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



07:15 PM | 28-11-2019

 
नमस्ते,
गैस्ट्राइटिस वह अवस्था है जिसमें पेट के म्यूकोस सूजन जाती है। म्यूकोस में शामिल सेल एसिड और एंजाइमों का उत्पादन करते है, जो भोजन को पचाने में मदद करने के लिए भोज्य पदार्थ के बड़े अंश को छोटे-छोटे भाग में तोड़ने का काम करते है। यह म्यूकस का उत्पादन भी करता है जो एसिड की समस्या से बचाता है। गैस्ट्राइटिस एसिड, एंजाइमों और म्यूकस को कम उत्पादन की ओर ले जाता है। 

  • नींद -रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होती है।
  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबू एवं शहद का सेवन करें ,इससे आंतों की दीवारें फैलती हैं दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं
  •  प्रतिदिन प्रातः नारियल पानी का सेवन करें इसमें उपस्थित विभिन्न प्रकार के विटामिन व खनिज पदार्थ गैस्ट्राइटिस को ठीक करने में सहायक है।
  • गैस बनाने वाला भोजन न करें गैस्ट्राइटिस की समस्या का सबसे बड़ा कारण है गैस बनाने वाले भोजन का सेवन करना है जैसे- सेम, मटर, केक, कार्बोनेट युक्त सामग्री, खट्टा फल, फूल गोभी, बंद गोभी और सुपारी आदि। 
  • अनियमित रूप से भोजन करने से गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है,अक्सर लोग सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और दिन में एक साथ ज्यादा खा लेते है। यह गलत आदत है और इससे गैस्ट्राइटिस की समस्या पैदा होती है। इस तरह की समस्या से बचे रहने के लिए आपको नियमित रूप से भोजन करना चाहिए। 
  • कम मसालेदार खाना : ज्यादा तेल और मिर्च मसाले वाला तला हुआ गरिष्ठ भोजन भी गैस्ट्राइटिस का कारण होता है। इस तरह के खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करने से परहेज करें, जैसे कि बर्गर, न्यूडल, मनचूरियन आदि। 
  • कड़े परिश्रम युक्त शारीरिक और मानसिक कार्य नहीं किये जाने चाहिए तथा श्वसन व्यायाम, तैराकी, पैदल चलना किया जा सकता है
  • गैस्ट्रिक की समस्या अधिक हो तो गर्म पानी में अज्वाइन या जीरा खौलाकर पीने से भी तुरंत आराम मिलता है।
  • काली मिर्च के सेवन को गैस्ट्रिक समस्याओं का प्रभावी इलाज माना गया है। यह शरीर में लार और गैस्ट्रिक जूस की मात्रा बढ़ाती है जिससे पाचन आसानी से होता है और गैस्ट्रिक दिक्कतें दूर होती हैं। 

 

 



07:37 PM | 22-11-2019

Gastritis problem can be easily solved through natural ways. 

  • Avoid tea/coffee/dairy products/smoking/alcohol/non veg in any form/spicy foods. 
  • Eat simple easily digestable foods.
  • Tender coconut water/raw ash guard /carrot juices in empty stomach would help you. 
  • Take lot of water. 
  • Have lots of fruits and raw vegetables daily.
  • Practice cooling pranayams like sheetali/sheetkari/chandrabhedhana.
  • Place a wet cloth on the abdomen daily for 20 minutes in empty stomach.
  • Mud applications on the abdomen on the empty stomach also would help you. 

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