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Q&A
01:39 PM | 25-11-2019

आख में मोतियाबिंद की शुरूवात है । बाईं आख । कया करना चाहिए?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

08:01 PM | 25-11-2019

Hi. You should get in touch with School for Perfect Vision, Coimbatore. Have heard great things about them. -http://schoolforperfectvision.com/index.php

Or Mumbai based Sanjeevan -https://sanjeevan.in/.

Also, refer to the below resources to understand more about eye-related issues & Nature Cure.

  1. Blog - It’s Time to Eye Five – Take Good Care of Your Eyes Naturally: What to Eat & What to Do

  2. Blog - Taking responsibility for your eye health in this era of technology



08:00 PM | 25-11-2019

हेलो,

कारण - आँखों में प्रदाह (inflammation) के वजह से ऐसा हो सकता है।

ख़राब पाचन तंत्र के कारण शरीर में अम्ल की अधिकता के कारण हो सकता है।

दुध या दुध से बने किसी भी भोज्य पदार्थों का प्रयोग ना करें।

आँखों की समस्या मिनरल की कमी को दर्शाता है।आँखों का व्यायाम करें।

समाधान - आँखों को दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ करें गर्दन हिलाएँ नहीं। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। अब आँखों को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करें गर्दन को हिलाना नहीं है। 5 बार करें फिर आँख बंद करें।घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में

और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में घुमाएँ फिर आँखों को बंद कर के आराम दें। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। जल्दी जल्दी आँखों को खोलें बंद करें 5 बार फिर आँख को बंद कर के खोले अब त्राटक क्रिया करें।अपने नाक के सीधी दिशा में एक मोमबत्ती जलाएँ। एक हाथ की दूरी रखें अब उस लो को देखें 5 मिनट तक फिर देखें फिर आँख बंद करके आराम करें। ऐसा दिन में दो बार करें। उसके आँख पर गुलाब जल की गीली पट्टी रखें। उसके ऊपर खीरा और धनिया पत्ता का पेस्ट रखें। 20मिनट बाद हटा लें। 

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

जीवन शैलीजीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



06:24 PM | 27-11-2019

नमस्ते,

मोतियाबिंद का कारण-

  • प्रोटीन के कारण लैंस में धुंधलापन आना।
  • घाव या चोट।
  • रेडियेशन।
  • स्टेरॉयड ।
  • धूम्रपान।
  • पराबैंगनी विकिरण।
  • मधुमेह या ग्लूकोमा।
  • प्रदूषण युक्त वातावरण में रहना।

लक्षण-

  • धुंधला नजर आना।
  • रंग फीके दिखाई दे सकते हैं।
  • गाड़ियों की हेडलाइट्स, लैंप या धूप चमकदार दिखाई दे सकती है।
  • रोशनी के आसपास एक धुंधला-सा गोला दिखाई दे सकता है।
  • रात के समय कुछ ठीक से नजर न आना।
  • डबल विजन दिखाई देना। यह स्पष्ट लक्षण हो सकता है, क्योंकि इस समय मोतियाबिंद आंखों में फैल जाता है।
  • आपके चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर बार-बार बदलना।

आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

  • प्रतिदिन प्रात गुनगुने पानी में नींबू एवं शहद का सेवन करें,नींबू में साइट्रिक एसिड की मौजूदगी के कारण इसका नियमित उपयोग आंखों में जलन और अन्य लक्षणों को शांत करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • प्रतिदिन एक गिलास पालक के जूस का सेवन करें,पालक में ल्यूटन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है और मोतियाबिंद से आंखों की रक्षा करने में भी कारगर हो सकता है ।
  • प्रतिदिन नारियल पानी का सेवन करें,नारियल पानी मोतियाबिंद के लिए कारगर हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आपकी आंखों को तुरंत पोषण प्रदान कर सकते हैं। यह आपकी आंखों के लेंस को पोषण देने के साथ ही तेजी से ठीक करने में मदद कर सकता है। लेंस को पोषण देने से यह न्यूक्लियर मोतियाबिंद को दूर करने में कारगर हो सकता है।
  • विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन ए व विटामिन बी एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, और बादाम  मोतियाबिंद से आंखों की सुरक्षा करने में कारगर हो सकते हैं। इन विटामिन्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन आंखों के कई रोगों को दूर कर सकता है। 
  • लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह आंखों में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले प्रभाव को कम कर मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकता है ।
  • आंखों का व्यायाम आंखों को ऊपर नीचे, दाएं बाएं ,दक्षिणावर्त एवं वामावर्त दिशा में (प्रत्येक 10 बार )घुमाना चाहिए इससे आंख की मांसपेशियों में लचीलापन आता है ।
  • प्रतिदिन प्रातः ओंस पड़ी हुई घास पर नंगे पांव प्रसन्न चित्त होकर टहलें, आंखों के लिए फायदेमंद है!

निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चाय ,काफी, चीनी ,वसा, मैदा से बनी हुई चीजें, डिब्बाबंद, मसालेदार भोज्य पदार्थ , क्रोध ,ईर्ष्या, चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण ,सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन, कंप्यूटर का प्रयोग, तीव्र प्रकाश, बिना चश्मा ,हेलमेट के मोटरसाइकिल चलाना ।


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