I am facing problem of Dizziness (Chakkar). Can you kindly give me Home Remedy?
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Read more🙏 नमस्ते धनश्रीजी
दिमाग में खून पर्याप्त मात्रा में न पहुंचने पर चक्कर आते हैं। इसके अलावा रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) का ज्यादा या कम होने पर भी चक्कर आते हैं। कान के बीच में सूजन होने पर भी चक्कर आते हैं। पुरानी कब्ज, गर्मी, खून की कमी, धूप में घूमना, मासिक धर्म (एम.सी) की खराबी और अधिक थकावट आदि कारणों से भी चक्कर आते हैं ।गर्दन में दर्द होने के कारण चक्कर आ सकता है।डर लगने के कारण भी चक्कर आ सकता है।धमनियों के कठोर हो जाने पर चक्कर आने लगता है।सर्विकल स्पाडोलाइसिस का स्नायुओं पर दबाव पड़ना।
आइए चक्कर आने वाली समस्या से कैसे बाहर आये , घरेलू ईलाज कैसे अपनाए ।
★ धनिया एवं आँवलों को बराबर हिस्से में 1 चम्मच लेकर अधकूटा पीसकर, रात्रि को पानी में भिगोकर, सुबह छानकर उसमें मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है ।
★ लगभग 4 या 5 मुनक्के को पानी में मथकर पीने से चक्कर आना बन्द हो जाते हैं।
★ तुलसी के पत्तों का रस 5 बूंद और चीनी एक चम्मच आधा कप पानी में मिलाकर सेवन करने से लू के मौसम में चलने वाली गर्म हवा नहीं लगती है तथा चक्कर नहीं आते हैं।
★ चाय,काफ़ी और तली गली मसालेदार चीजों से परहेज करना आवश्यक है। इनके उपयोग से चक्कर आने की तकलीफ़ में इजाफ़ा होता है।*
★ कभी-कभी नमक की मात्रा शरीर में कम होने पर भी चक्कर आने लगते हैं। नमकीन चीज जैसे की चाट मसाला डालके मोसंबी या संतरा खाने से लाभ होता देखा गया है।
★ अनुलोम विलोम प्राणायाम से चक्कर आने की व्याधि से हमेशा के लिये छुटकारा मिल जाता है।
★ तरबूज के बीज की गिरि और खसखस इन दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें. रोज सुबह-शाम एक चम्मच खाली पेट पानी के साथ सेवन करें. यह प्रयोग करीब एक महीने तक नियमित रूप से जारी रखें ।
★ अदरक लगभग 20 ग्राम की मात्रा में बारीक काटकर पानी में उबालें आधा रह जाने पर छानकर पीयें। अदरक का रस भी इतना ही उपकारी है।सब्जी बनाने में भी अदरक का भरपूर उपयोग करें। चाय बनाने में अदरक का प्रयोग करें।अदरक किसी भी तरह खाएं चक्कर आने के रोग में आशातीत लाभकारी है।
धन्यवाद 🙏
Dizziness is about our body going into dehydration and blood does not reach our brain at the right time, the best thing which can be done at this point is to take care of the episode right at the place and take immediate treatment.
- For short term treatment, make the patient lie down and keep the legs beneath the pillow so that the blood circulation can reach the brain.
- The next thing is to have a lot of water, water mixed with lemon is essential for balancing electrolyte.
- For long term treatment, consume Gud ka Paani daily it will help a lot in improving your state.
Thank you
Hi
- Dizziness happens in many conditions like any ear problem, poor circulation, improper diet, dehydration, low blood pressure, intake of certain medication, caffeine intake, stress etc.
- To Prevent dizziness avoid caffeine-rich tea, coffee and other beverages.
- Take healthy diet. Include nuts and dry fruits in your diet. Eat more fruits and vegetables.
- Include iron-rich dates, beans, green leafy vegetables, cereals etc. To prevent dizziness related to Anaemia.
- Drink more water and keep your body hydrated.
- Take proper sleep and reduce stress.
- Drinking herbal tea or ginger helps in case of dizziness.
- Drink lemon honey juice regularly helps to prevent dizziness.
- In case of dizziness just lie down and avoid sudden position change.
- Avoid vigorous work or heavy physical activity.
- Warm compress on face and on upper back also more beneficial.
Namasthe!
हेलो,
कारण - सिर में ऑक्सिजन ना पहुँच पाने और मिनरल की कमी से ऐसा होता है। शरीर में ऑक्सिजन और मिनरल की कमी दोष पुर्ण आहार के कारण होता है।
प्राकृतिक चिकित्सा कोई घरेलू औषधि नहीं है यह प्राकृतिक उपायों के माध्यम से स्वास्थ संबंधी समस्या दूर करने की पद्धति है।
समाधान - अनुलोम विलोम, आंतरिक कुंभक और बाह्य कुंभक करें। अर्धशीर्षआसन करें। सर्वांगआसन और सूर्य नमस्कार 5 बार करें। दुध या दुध से बना कोई चीज़ ना लें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
जीवन शैली- 1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।
4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से
घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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