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Q&A
09:35 PM | 31-12-2019

Tinnitus kabhi thik ho skta hai kya


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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5 Answers

09:19 PM | 01-01-2020

Yes, tinnitus can be treated very well. The simple causes of tinnitus are a high amount of stress or irregular habits. Tinnitus can be treated very well with the home remedies.

Home remedies like:

1. Consuming zinc helps in treating tinnitus, sources of zinc are seeds and nuts contains a high amount of zinc.

2. Mindful meditation should be your answer to deal with tinnitus, meditating helps in relaxation which helps in treating tinnitus.

3. Other things like yoga, acupuncture, essential oils helps in treating Tinnitus a lot.

Thank you

 

 

 



02:38 PM | 02-01-2020

नमस्ते,

उपर्युक्त लक्षण बताते हैं कि यह मेनियार्स की बीमारी हो सकती है, लेकिन आगे के मेडिकल परीक्षण और जांच इसे मान्य कर सकते हैं।

उस भोजन से बचना जो लंबवत ट्रिगर करता है, सबसे अच्छा विकल्प है जो टिनिटस के लिए समान है - ध्वनियों से बचता है जो इसे ट्रिगर करता है।

अपने आहार में साबुत अनाज, मौसमी फल और हरी सब्जियों को शामिल करके एक स्वस्थ खाने की आदत का पालन करें।

अदरक को चक्कर या चक्कर और मतली के इलाज में प्रभावी उपाय के लिए जाना जाता है। अदरक की कुछ स्लाइसें जोड़ें और इसे 5 से 10 मिनट के लिए पानी में उबालें। इसे दिन में दो बार पियें।

लैवेंडर, युकलिप्टस और अदरक जैसे आवश्यक तेलों का उपयोग वर्टिगो के इलाज में प्रभावी परिणाम है और यह एक जैसे लक्षण हैं। आप इसे अरोमाथेरेपी के रूप में उपयोग कर सकते हैं या उन्हें शीर्ष पर लागू कर सकते हैं।

सिर का चक्कर लगाने के लिए निर्जलीकरण एक कारक जिम्मेदार हो सकता है। हाइड्रेटेड रहना।

सोडियम के आहार का सेवन कम करें, शराब, निकोटीन, कैफीनयुक्त पेय और अन्य पेय पदार्थों से बचें।

एक्यूप्रेशर से चक्कर और टिनिटस के इलाज में बहुत मदद मिलेगी ताकि आप किसी भी योग्य प्राकृतिक चिकित्सक के पास जा सकें और मदद ले सकें।

नींद या अशांत नींद की कमी से चक्कर आ सकते हैं या बिगड़ सकते हैं। पर्याप्त मात्रा में नींद लें।

तनाव एक कारक है जो वर्टिगो और टिनिटस की स्थिति को खराब कर सकता है इसलिए तनाव प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम, योग आसन और श्वास व्यायाम के साथ अपने शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखें।



09:27 PM | 01-01-2020

Dear health seeker Priya, you are sounding quite pessimistic about your disease symptoms, in fact, there is no disease only lower level of health which can be reversed back to health provided you follow the eternal laws governing our organism. Your health issues of tinnitus in which there are undesirable sounds in the ear can be radically cured pipped to the post in a very short period to be precise in a month or two please follow as under:- 

  1.  Ensure to eat only when sufficient true hunger is there to digest the food eaten. We must  eat to  live  and not  live to eat 
  2. As a  start drink any alkaline juice either of the following, ash gourd, bilva patra banana pith. 
  3.   Sunbathing in the early morning sun for  25 minutes, followed by a spinal bath or  full bath 
  4.  Some simple yogic asanas. 
  5. A  wet  pack over the abdomen for 20 minutes 
  6. Fruit salads or vegetable salads in  breakfast 
  7. Conservatively  cooked  vegetables and  raw  salads with  enough  coconut scrappings in lunch 
  8. Fruit  juice  at or  around 4 PM if  there's  a  sufficiency of  hunger, if not then avoid 
  9. Conservatively  cooked  vegetables plus  one or two roti or small quantity of rice in dinner 
  10. Abdomen wet pack for 20 minutes twice in the day 
  11. Weather permitting (if you are from the south where the climate is warm) you must give a head wash of a bucket full of cold water to disperse the heat in the head. 
  12.  Needless to  mention that  avoid all  enervating foods tea and  coffee, processed, manufactured,preserved foods, habits 

All your health issues  tinnitus will be radically cured within a short period 


   V.S.Pawar            Member Indian institute of natural therapeutics 
    



09:20 PM | 01-01-2020

Yes, theek ho saktha hai.

It is a problem related to blood circulation in that area. Blood is toxic due to bad diet and lifestyle. Blood gets toxic mainly due to heavy oil foods, fibreless foods like meat, dairy, eggs, fish, non-veg and refined grains.

Shift to a whole foods plant-based diet.

If more detailed advice needed, contact info@wellcure.com to get in touch with a health coach



09:20 PM | 01-01-2020

हेलो,

कारण - कान में वैक्स इकट्टा होना भी इसका एक कारण है। कभी कभी हमारे कानों में अतिरिक्त मात्रा में मोम जम जाता है, जो टिनिटस की समस्या को जन्म दे सकता है। कान के हड्डी का बढ़ना भी इसका प्रबल कारक रहा है। प्राकृतिक जीवन शैली में स्वास्थ को बेहतर से बेहतर बनाने की सम्भावना हमेशा रहता है।

समाधान - दुध या दूध से बना कोई भी चीज़ का सेवन ना करें। पूर्ण रूप से शाकाहारी भोजन लें।

लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें।

कान में लौंग का तेल डाल कर रुई से 1घंटे के लिए बंद रखें।

जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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