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Q&A
09:59 AM | 06-01-2020

Kya 1-2 year Lgataar cardio exercise Karne se bp permanent cure ho skta hai. Medicine chhoot skti hai?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

08:06 PM | 06-01-2020

Not only exercise but with giving your diet a different style you can definitely go off medications. High BP, this is a journey you can take idea from to deal with High BP.

There are some home remedies also which you can try with it. Consuming raw garlic in the morning will help you in treating blood pressure problems.

Thank you



03:55 PM | 06-01-2020

ऐसे शोध निष्कर्ष सामने आए हैं कि उच्च रक्तचाप या उच्च रक्तचाप को कम करने में कार्डियो व्यायाम कारगर साबित हुआ है।

कार्डियोवस्कुलर, या एरोबिक, व्यायाम आपके रक्तचाप को कम करने और आपके दिल को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। उदाहरणों में चलना, टहलना, रस्सी कूदना, साइकिल चलाना (स्थिर या बाहरी), क्रॉस-कंट्री स्कीइंग, स्केटिंग, रोइंग, उच्च या कम प्रभाव वाले एरोबिक्स, तैराकी और पानी एरोबिक्स शामिल हैं।

कुछ साधारण जीवनशैली की आदतें उच्च रक्तचाप को बराबर रखती हैं, अर्थात्

  1. नियमित रूप से चलने और व्यायाम करने की आदत डालें। व्यायाम निम्न रक्तचाप के लिए सबसे अच्छी शारीरिक गतिविधि है।
  2. अपने सोडियम / नमक का सेवन कम करें।
  3. बहुत पानी पियो। उपभोग करने के लिए सबसे अच्छा चीनी युक्त पेय, धूम्रपान या शराब से बचें। परिष्कृत चीनी का सेवन कम करें।
  4. चाय या कॉफी से बचें
  5. ध्यान का अभ्यास (सरल रूप) और गहरी साँस लेने के व्यायाम के सरल रूप।
  6. पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों (केले, संतरे, खुबानी, अंगूर, पके हुए ब्रोकोली, पके हुए पालक आदि) का अधिक सेवन करें।
  7. कैल्शियम (हरी पत्तेदार सब्जियां, टोफू, बीन्स) और मैग्नीशियम (सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज) समृद्ध खाद्य पदार्थ खाएं
  8. कुछ शौक या आराम की गतिविधियों जैसे बागवानी, पालतू जानवर आदि में शामिल हों
  9. अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम करें।

स्टॉप मेडिकेशन का सुझाव

गंभीर नोट के साथ यह सबसे अच्छा सुझाव दिया जा सकता है कि आपका चिकित्सक जो आपसे परामर्श कर रहा है वह इस पर अंतिम कॉल करने के लिए सही व्यक्ति हो सकता है। हां, कभी-कभी अगर ये अभ्यास वास्तव में आपके बीपी के स्तर को कम करने में आपकी मदद कर रहे हैं तो इसे आपके परामर्श चिकित्सक की सूचित सहमति से रोका जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति पर प्रत्येक और हर उपचार एक अलग तरीके से काम करता है और यह आपके मामले में भी सफल हो सकता है।

कोशिश क्यों नहीं करते..सर्वोत्तम संभव परिणामों के लिए शुभकामनाएँ



09:51 PM | 06-01-2020

Dear health seeker Pankaj,

 The plain, simple and straight answer to your query is plain '"No".There are many physical culturists on the horizon claiming to resolve any health issues simply by a different set of physical exercise. But all these fads don't hold any water in the real sense not backed up scientific findings, here and there, there could be some stray cases but as per the eternal laws governing our organism, no disease can be set right without removing the cause. You must ponder over the question, why in the first place there is this disease of BP.

 As per natural law-there would be no need for special exercise for those that practice Vital Economy and eat a highly positive diet. The ordinary movement that is necessitated in the course of life without laziness, in which one does nearly everything by himself, would suffice to live a normal life without any disease.

 Like food, exercise is also a tax on vitality, and hence there is a limit beyond which exercise will fail to do good.

 Another snag in exercising is that it stimulates and sharpen the appetite for food and thus forms the habit of eating heavier meals. But when the habit of exercising is dropped, the eater doesn't take to eating less amounts of food and leads to some chronic disease later on. 

 Please switch on to a hygienic lifestyle to remain healthy. Short term measures doesn't work in the long term. 

 V.S.Pawar            Member Indian institute of natural therapeutics 1980



03:54 PM | 06-01-2020

हेलो,

कारण -  रक्त के गाढ़ा होने से उच्चरक्त चाप या निम्न रक्त चाप की समस्या होती है। शरीर में अम्ल की मात्रा अधिक होने से मिनरल की कमी हो जाती है। इसके कारण रक्त में अशुद्धि आती है। मुलकारण ख़राब हाज़मा है इसको ठीक करेंगे तो उच्च रक्तचाप बिना दवाई के ठीक हो जाएगा । cardio exercise से भी लाभ आहार शुद्धि और जीवन शैली में बदलाव करने पर होगा। तनाव और अनिद्रा को दूर करने के लिए आसन प्राणायाम करें। 

समाधान - सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, अनुलोम विलोम, पवन मुक्तआसन करें।

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

जीवन शैली - जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


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