Loading...

Q&A
09:46 AM | 14-01-2020

I have high diabetic range 300-400. Can you please guide me?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

Read more
Post as Anonymous User
4 Answers

07:45 PM | 14-01-2020

हेलो,

कारण -प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार शुगर कोई बीमारी नहीं है। ख़राब हाज़मा और ग़लत खान पान के वजह से शरीर इस रूप में प्रतिक्रिया कर रहा है। शरीर को नहीं अपनी आदतों को जाँचे। जब तक प्राण सकती है तब तक शरीर के अंदर का कोई भी अंग जो की निष्क्रिय हो गया वो सक्रिय हो सकता है। सही खुराक जो की शरीर की ज़रूरत है। 

समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन

पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

10% कच्चे हरे पत्ते और सब्ज़ी का जूस बिना नमक निम्बू के लेना है।30% कच्चे सब्ज़ी का सलाद बिना नमक निम्बू के लेना है।10% ताज़ा नारियल सलाद में मिला कर लेना है। 20% फल को लें। पके हुए खाने को केवल एक बार खाएँ नमक भी केवल एक बार पके हुए खाने लें। पके हुए खाने में सब्ज़ी भाँप में पके हों और तेल घी रहित होना चाहिए सब्ज़ी की मात्रा 20% और millet या अनाज की मात्रा 10% हो।  वर्षों से जमी टॉक्सिन को निकालना ज़रूरी है। किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार लें। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।ओ

शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।

आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।

पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।र

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें।

दोपहर में 12 बजे फिर से कच्चे सब्ज़ी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डाले। ताज़ा नारियल मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



02:44 PM | 14-01-2020

The range of sugar might show alarming figures but a proper lifestyle and some basic natural therapies could bring the levels down. I would also like to state that in some people though the levels of sugar has been constantly in a higher range it might not harm much until and unless there was a sharp spike in sugar levels which must be taken on a serious note.

The global prevalence of Diabetes Mellitus among adults over 18 years of age has risen from 4.7% in 1980 to 8.5% in 2014 as per WHO reports. This health condition is very much leaned towards the South East Asia Region due to wrong or faulty lifestyles. Diabetes prevalence has been rising more rapidly in middle- and low-income countries.

Diabetes is a major cause of blindness, kidney failure, heart attacks, stroke, and lower limb amputation if not taken care of at the early stages.

There are various types of diabetes but the most common are type 1, type 2 and gestational (during pregnancy).

Type 1 diabetes: here the body’s immune system is not functioning properly and attacks the beta cells of the pancreas that produce insulin. This type of diabetes is often seen in families.

Type 2 diabetes: cells that respond to insulin become resistant (desensitized) to it. Insulin is what safely transports the sugar into our cells, so this means that diabetics who are untreated will have elevated blood sugar. Here the inflammation could be found in almost all systems, namely nerves, kidneys, and the cardiovascular system will be the first organ systems to get damaged, but in some cases, it could involve another system too and could be dangerous as well. Here damage to insulin-producing cells due to Pancreatitis is a common feature.

Gestational: whereby a woman becomes diabetic during her pregnancy this is more common than you’d think because women often crave sugar when they’re pregnant.

The main objective in naturopathic treatment of diabetes is to reduce high levels of glucose in the blood and ensure the overall well-being of the patient utilizing natural therapies such as diet, exercise, nutritional supplements and herbs.

Diabetes, as you know, is a metabolic disorder that should be treated with a strict diet regime along with a considerate amount of physical activity or exercises. Following a healthy plant-based diet can effectively help control your blood sugar.

• Always go for a whole plant-based diet which includes ample fruits, vegetables, seeds, and nuts. High fibrous fruits and vegetables such as peas, beans, broccoli, spinach, and dark leafy vegetables should be included in one's diet.

Also, pulses with husk and sprouts are a healthy option and should be part of the diet. Brans, cereals, oats meals, millets, seeds should be an essential part of your diet.

• Omega 3 fatty acids should be consumed as they have a beneficial effect on blood sugar and many other cardiovascular diseases. Natural sources for these are flaxseed, chia seeds, and walnuts, etc. These are also low in cholesterol and are trans fat-free.

• One teaspoon of fenugreek seeds (methi) soaked overnight in 100 ml of water is very effective in controlling diabetes. Fenugreek seeds are high in soluble fibre, which helps lower blood sugar by slowing down digestion and absorption of carbohydrates.

• You may also consume some almonds (soaked overnight) which is also helpful in keeping a check on diabetes.

• Never skip your breakfast. Add whole grains, cereals, along with some herbal tea or juice for your breakfast.

• Bittergourd juice; Make fresh bitter gourd juice and drink it two times a day.

• Exercise is very important in order to maintain the blood glucose level. Utilize an hour or two on physical activity or exercises daily such as walking, jogging, brisk walk, etc.

• Some yogasanas and pranayama recommended for diabetes are dhanurasana, mandukhasana, ardhamatsyndrasana, naukasana, navasana, kapalabhati, ujjayi and bhramari pranayama. Practice them under the guidance of a qualified practitioner.



11:40 AM | 14-01-2020

Hi. We would like to guide you to a few resources - 

  1. Read the journeys of people who dealt with diabetes naturally

  2. Read these blogs listed in our Body Wisdom section –

Adopting a natural lifestyle will help you in reclaiming your health. Wellcure’s Nature-Nurtures Program helps you in making the transition, step by step. You may read more about it here.



11:39 AM | 14-01-2020

Hello,consume raw lady's finger soaked water (250 ml) in empty stomach during early morning.


Scan QR code to download Wellcure App
Wellcure
'Come-In-Unity' Plan