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Q&A
10:10 AM | 15-01-2020

Getting ear pain after one or two days of persistence, it shifts to headache and I feel heaviness in chest. Calf muscles also start paining & breathing issue also happens. Once I press or massage calf muscles of my left leg, it passes the gas and after few of it get relief. But this happens regularly. Also I observe little shivering unnecessarily sometimes. Took medicines but after few days symptoms reappeared. Shall I get checked with anything related to kidney, lungs or neuro related issue?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

11:34 AM | 16-01-2020

We suggest you take a personal consultation with our Natural Health Coach who can understand your background better & give you an action plan. You can explore our Nature-Nurtures Program for the same.  



11:34 AM | 16-01-2020

हेलो,

कारण - शरीर में अम्ल की अधिकता से शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होता है क्योंकि अम्ल के कारण रक्त और ऑक्सिजन के संचार में दोष उत्पन्न होता है।

ये शरीर के सभी समस्याओं का कारण बना है।आहार शुद्धि और जीवन शैली में परिवर्तन से फ़ायदा होगा।

प्राकृतिक जीवन शैली अपनाने से सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

समाधान - लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें।

जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 

 



03:05 PM | 15-01-2020

Dear health seeker,

Please understand that your health has been relegated on account of heavy drugging abuse, misuse, overuse for a prolonged time frame. Most of the diseases are 'Iatrogegenic 'means drug-induced. Every dose of medicine is a drag on your vitality. There is no drug in the entire world. Every single drug has side effects and after-effects. The only way out of this logjam is to convert to hygienic lifestyle follow the eternal laws of nature governing our organism and are long you will as healthy as you were never before in your life. You may take a cue from my life at the age of 22 I had multiple diseases and life was quite burdensome, but nature cure made me quite healthy and ever since I enjoy a disease-free life. You may read my journey on Wellcure.

Please follow as under:- 
Umpteen cases of earaches have been restored back to normalcy by Divine science of nature cure, follow it with utter obedience and it will provide your daughter freedom from all pain ear aches including. You may take heart that basic nature cure, a drugless healing system based on eternal laws of life governing our organism can safely treat your ear pain. All you have to do is to follow the eternal laws of nature, supplying the body the right type of nutrition provided by the kingdom of plants.

  • Consume fruits and vegetables raw and cooked to the extent of 80%and rest 20%from among from cereals such as brown rice, millet, ragi, jowar, oats.
  • Bask in the early morning sun for 30 minutes 
  • Drink some alkaline herbal juices either of ash gourd, banana stem, 
  • For the earache apply a wet cloth over your head, cold water has magical properties of relieving all pain, in fact, this application has a salutary effect for relieving earache. 
  • Weather permitting,  a head wash twice to regulate the blood supply (avoid if weather is cold). This application is of prime importance please follow it. 
  • The earache is the result of suppression of cold cough or acute fever, etc. by medicine earlier or maybe the result of vaccinations in childhood.  
  • Needless to mention that avoid all enervating foods and devitalising foodless foods like tea, coffee cola drinks, sweets, namkeen, biscuits, chocos, chocolates, bread, milk and its products. 
  • There would be a healing crisis in the form of cold and cough, fever etc  which will  clean the body from the toxins and in the process all your health issues will be taken care of 
  • Please also avoid any food supplements, even synthetic vitamins pills 
  • No need to go for any diagnostic tests they are hazardous.

Be healthy and happy!

V.S.Pawar                               Member Indian institute of natural therapeutics 


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