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Q&A
09:47 AM | 31-01-2020

Is it good to consume raw garlic first thing in the morning after waking up or is it good to consume raw garlic on empty stomach?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

04:39 PM | 31-01-2020

Hello Pankaj,

Let us understand why Raw garlic and BP is connected, whenever there is high blood pressure in the body because the regular flow of blood is not coming in a smooth direction. This can happen due to the arteries becoming thickened or any kind of obstruction in the valves. High BP is highly depended on the lifestyle which we have, a sedentary lifestyle with a low intake of nutritive diet is what it causes. Our main focus should be on getting back to the ideal state of health.

Now let us understand the usage of garlic in this picture?

The nutritive reaction like the presence of certain enzymes which is activated with the help of garlic helps in lowering down the blood pressure. Instead of eating raw garlic first thing in morning you can have it two hours after your lunch, as the body is in rest after that time and consume anything after that period. The first thing in the morning should be having something liquid like water which helps in flushing out the toxins. Start with consuming 2-3 glasses of warm water. 

Hopefully, it will help you.

Thank you.



02:12 PM | 31-01-2020

Onion and garlic are not primary foods for humans. They are in a way taste enhancers only. During healing focus on fruits, juicy, non-starchy vegetables and plenty of greens. Typically people use onions and garlic only to enhance the taste of a vegetable salad. While healing tastes really don't help. What matters is how much bioavailable liquids and enough fibre is being consumed without adding too many additives. Adding herbs like coriander, mint and taste improvers like citrus is far better.

If you still want to use garlic, consume in moderation with food post 12 PM as they are not as bad as animal foods or processed junk and in the morning its best to stick to juices and fruits ONLY.

Be blessed

Smitha hemadri(Holistic lifestyle coach)



04:39 PM | 31-01-2020

हेलो,

कारण - ख़ाली पेट लहसुन लेने की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के आहार शैली में परामर्श नहीं दी जाती है।

लहसुन अम्लीय स्वभाव के श्रेणी में आता है। सुबह ख़ाली पेट इसको लेना उचित नहीं है। लहसुन क्लीनिंग process को तीव्रता प्रदान करता है। लहसुन शरीर के नमी को soak कर लेता है। 

शरीर cleaning का कार्य रात को 10 से सुबह 4 बजे तक ही करता है। सफ़ाई के बाद उसे मिनरल की ज़रूरत सभी ऑर्गन को नमी प्रदान करने के लिये पड़ती है। जो अमृत तुल्य जल से पूरा हो सकता है।

समाधान - ये जल कच्चे सब्ज़ी के जूस से मिल सकता है। 

सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।

जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



04:38 PM | 31-01-2020

Dear health seeker Pankaj.

Pure nature cure doesn't find any use for garlic in any form let alone in raw form. In fact, it has no use in alleviating any dis-ease or disease symptoms. Nature cure doesn't use any specific for any specific disease symptoms, these specifics don't act on the disease rather the body acts on these and disease symptoms get suppressed or changed to other forms, no permanent relief is obtained only a semblance of relief from your symptoms. 
 We try to improve the overall health of the patient by eight principles of nature cure, by following which any and every disease are being cured radically. It is Taamasic food having quite a bad odour and not conducive to health. Refrain from using it in any form.

V.S.Pawar             Member Indian institute of natural therapeutics 


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