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Q&A
10:07 AM | 11-02-2020

Am 33 years old diagnosed with premature menopause since 6 years. Also have high cholesterol levels constipation issues and mild kidney issues. There is no estrogen production. What diet is to be followed?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

07:56 PM | 11-02-2020

Hi,

Your health issues suggest that there is a hormonal imbalance in the body. This could be due to various lifestyle factors ranging from stress, improper sleep, food, and insufficient physical activity. Consuming a Whole Plant-based diet would help you solve your health issues.

In mature females, every month the pituitary gland which is located at the base of the brain produces 2 female sex hormones. These hormones work in such a way to create a balance in the body which leads to either fertilization or if not fertilized leads to the monthly menstrual cycle. Estrogen and progesterone are hormones that regulate the menstrual cycle. If there is a hormonal imbalance in the body it leads to various menstrual issues, irregularity being one of them. Hormonal imbalance in the body occurs when the body is under constant high periods of stress. This signals the body to release cortisol, which is a stress hormone which in turn impacts the functioning of other hormones as well. High cholesterol, constipation also suggest that increasing your intake of fiber through fruits and vegetables and also increase your water intake. When elimination from the body is not complete it leads to toxin build-up in the system. This creates an imbalance in the pH. of the body as well. The body functions best in an alkaline mode. This is achieved by including more fruits and vegetables and zero sugar, processed, oily foods. There is no one diet that would solve your condition, except lifestyle changes. This would help solve your health issues.

  • Removal of all animal foods, including dairy, helps in reduction in the toxin load from the system.
  • Include lots of raw vegetables, fruits, nuts, and seeds. They all contain essential vitamins and minerals for the normal functioning of the body.
  • Try consuming plenty of vegetable juices and fruits till afternoon. This helps the body in eliminating the toxins which have been built up over a period of time.
  • Avoid excess of tea, coffee. This also triggers the production of cortisol. With this, the body gets a signal to store fat. Also tea and coffee hinder the absorption of iron in the body.
  • Exposure to sunshine and proper rest and sleep are also of prime importance. They release happy hormones, and in a relaxed state, the body can repair and heal.
  • Manage stress either by some physical activity or deep breathing. This calms the body down. This helps the body to understand that there is no urgency and it can repair and heal.
  • Adequate sleep. The body repairs and heals during sleep.

Wishing you Good Health Always!

Thank you

Regards



02:06 PM | 11-02-2020

हेलो,

कारण - आमतौर पर 40 50 की उम्र में औरतों के मासिक धर्म का बंद होना एक सहज प्रक्रिया माना जाता है मगर आजकल यह एक चक्र उम्र से पहले ही बंद हो जाता है।मासिक धर्म का समय से पहले बंद होना और कब्ज का आपस में जुड़ाव है। इसका मुख्य कारण है हमारे आहार में अशुद्धि और हमारे जीवन शैली में अशुद्धि मासिक धर्म का समय से होना है। लंबे समय से कब्ज का होना खराब हाजमा की निशानी है हाजमा खराब हो तो निष्कासन में अवरोध पैदा होता है। कब्ज के वजह से जो गंदगी हमारे शरीर में रह जाती है उससे हार्मोन असंतुलित होता है और कोलेस्ट्रोल बढ़ सकताा है। रक्त मेंं अशुद्धि, विभिन्न प्रकार के विकार शरीर में उत्पन्न होते हैं। जोकि शरीर स्वास्थ्य के प्रक्रिया में बाधा डालते हैं। प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर और आहार में शुद्धि करके हम इस समस्या का समाधान पा सकते हैं।

समाधान- एक गीला तोलिया ने छोड़कर पेट पर लपेटे इस प्रक्रिया को खाना खाने से घंटा पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद करें ऐसा 20 मिनट तक करें। इससे आपका हाजमा दुरुस्त हो जाएगा।2. जबकि हमारा पेट साफ ना हो तो  कई बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए अपने आहार शैली में कच्ची सब्जियों का जूस हरी पत्तियों का जूस लेना शुरू करें खाली पेट 200ml पालक का जूस हरे धनिए पत्ते का जूस पुदीने का जूस सफेद पेठे का जूस बेलपत्र का जूस ले।

 3. अपने गर्भाशय में हीरे और नीम के पत्ते का पेस्ट लगाएं 20 मिनट बाद स्पेस को साफ कर लें ऐसा करने से गर्भाशय का स्वास्थ्य बेहतर हो पाएगा।

4. रीढ़ की हड्डी की सिकाई बहुत ही फायदेमंद होगी एक गीला तौलिया करिए उसको बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछा लीजिए कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा उस गीले तौलिए पर रखिए 20 मिनट बाद वहां से उठ जाइए। यह शरीर में ऑक्सीजन और रक्त का संचार में वृद्धि करेगा।

जीवन शैली- जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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