I'm depressed. Phobia of death, anxiety se main pareshan hu. Kya kru?
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Read moreHello Vasant,
We can understand that depression can leave you with an unfruitful time, it can make you worry about things which are sometimes not even relevant. If you are having thoughts that do not allow you to grow and achieve things, obviously they should be replaced with an abundant positivity. Advice, when suffering from anxiety and depression is taking a natural way to treat it. Going the natural way will only help in treating the episode but will also help in preventing it. As the stressors in today's lifestyle have increased be it for a person working at home or corporate lifestyle everything needs to be tackled in a healthy manner. A lifestyle filled with green vegetables, fruits, exercise, and meditation. The episode of anxiety and feeling of depression can also be dealt with easily if you have a lifestyle with nutritious food and a healthy diet.
Eat:
Start the day with two-three glasses of warm water, this will help in flushing out the toxins and improve the state of metabolism by increasing it which energises your whole day.
The next thing is the inclusion of vegetable juice in your breakfast as this will help in giving the right amount of energy for the day. Going for a head massage, daily at night massage the head with coconut oil and aloe vera gel, this will help in soothing the nerves and reduce the episodes of anxiety. Increasing minerals in the diet will help in treating mood disorders, chia seeds, flax seeds, pumpkin seeds, walnuts, almonds are a good source of minerals.
Exercise:
Taking a brisk walk in the early morning sun rays helps in treating all the problems, as the sun helps in treating the mood and freshen us for the whole day. Early morning walk is recommendable. Suryanamaskar will help in treating the mental issues and will help in dealing with all problems, 12 sets a day is recommendable. If you are a beginner start with 6 and increase it. Work out routine like Zumba, aerobics which are normally dance-based will also help in enhancing your mood and make you feel refreshed for the day.
Meditation:
Stop using the gadget on hour before sleep, you can use a fragrant diffuser where you can use essential oils and then with the smell itself you will start feeling calm. Take 10 long deep breaths, and allowing your body to relax, any thought which comes let it go do not resist. Saying the affirmation, I am healthy and happy" release each breath. This will help a lot in calming you. Communicating with like-minded people always help, going to in groups make us not only share or idea and thoughts but motivate and learn something new.
Sleep:
The sleep is a very important part of treating any mental symptom, sleep cycle of 90 minutes should be completed in order to get a sound body. This sleep cycle should be repeated 5 times. This makes 7-8 hours of healthy sleep. This will make your body and mind strong and refreshing.
It is your time to make each and every day of your life fruitful and happy.
Hopefully, these suggestions will help.
Thank you
हेलो,
कारण - पाचन तंत्र के स्वस्थ ना होनेेेेेेे पर अम्ल की अधिकता शरीर में होती है। अम्ल की अधिकता शरीर मेंं पर मानसिक विकार उत्पन्न होता है। अम्ल की अधिकता होने पर मस्तिष्क में ऑक्सीजन और रक्त का संचार नहीं हो पाताा है जिसके कारण मानसिक बीमारी उत्पन्न होती है। प्राकृतिक जीवन शैली अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है।
समाधान - भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन
वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
जीवन शैली - 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।ह
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- 4 पहर का स्नान करें। सुबह सूर्य उदय से पहले सादे पानी से स्नान जिसमें नींबू या फिर कोई भी खुशबूदार ऑयल डालकर करें। दोपहर के खाने से पहले मेरुदंड स्नान करें। शाम को सूर्यअस्त के बाद हिप बाथ करेंऔर रात सोने से पहले स्नान करें। नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ।इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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