I am 26yr old female suffering from anemia, hypothyroidism and low vit D levels. Kindly guide me. What to do?
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Read moreHello User,
All the three diseases which you have mentioned has a basic pathology of malabsorption, what does it mean and how does it affect? Hypothyroidism, as the name, suggests meaning, the slow function of our thyroid gland this happens when we are having 'tamasik' type of food which means that the food which causes our energy to becomes sluggish and our hormones do not get released at the right tie by our glands. That is why our food like cheese, rotten, highly spices, liquor and smoking make our body sluggish in action. Even the sedentary lifestyle and wrong sitting posture which we practice is also triggering the sluggish functioning of the body. A sluggish body will take time in absorbing iron and Vitamin D which again lead to deficiency. Hence we need to work on the overall lifestyle and treat the cause in a holistic manner.
That is why taking an initiative for holistic change can help you from within and treat you the best.
Eat:
Starting your day with something light in nature and easy to digest is what your breakfast should be. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.
- The diet rich in Vitamin C is what we should start with like oranges, mosumbi, lemon, berries are going to be very helpful in the case of iron absorption.
- A diet rich in selenium which we get from our nuts and dried fruit like peanut, gram etc will help in treating hypothyroid by accelerating their function.
- The next thing is consuming two dates, empty stomach early morning this will help in iron absorption and deal with anaemia.
- Have jaggery water with one tablespoon of lemon squeezed, two hours after your afternoon meal this will treat your vitamin and iron absorption.
- Refined sugar and salt, dairy product and gluten should be completely avoided in your situation.
Exercise:
- Surynamakar helps in increasing the blood circulation doing 12 sets will help, start with 6 if you are a beginner.
- A brisk walk in early morning sun from 30-45 minutes, helps in treating your body to its level best. Sun is the best source of Vitamin D taking brisk walk around 6-7 will help in getting your Vitamin D levels right.
Meditation:
In any kind of disease, stress comes complementary to it, but with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive.A positive attitude will help you to deal with everything in life. 15-minute relaxing meditation with the help of light music before sleep will help you in relaxing.
Sleep:
Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem, sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body.
Hopefully, these suggestions will help you
Thank you.
Hi,
Changing your lifestyle would help solve your health issues. A healthy gut is important to absorb the vitamins and minerals and proper functioning of all the hormones in the body. Increased levels of toxicity, an acidic ph. all interfere with the functioning of the body. All packed, processed, fried, sugary, all animal foods are acidic. The following changes would help you:
Short term measure
- Increase the quantity of all kinds of greens in your diet. Add vitamin C rich foods like tomatoes, all citrus fruits, broccoli, pineapple, amla, etc. This helps in better iron absorption. Wheatgrass juice on an empty stomach also helps.
- Avoid tea, coffee. They contain tannins which hinder iron absorption.
- Sit in the sunshine for at least 20 mins every day for Vitamin D.
Lifestyle changes
The following changes are recommended :
- Removal of wheat, dairy, and all animal foods. They are inflammatory to the body.
- Avoiding all processed, packed, sugary and oily foods. They all create a toxic load on the system.
- Managing stress either through meditation or yoga. When the body is relaxed and calm it can focus on healing.
- Involving in physical activity releases good hormones. This, in turn, helps the body to repair, heal and absorb.
- Proper rest and sleep. The body recovers and heals during this period.
- Removal of environmental chemicals like the use of harsh shampoos, body care products, household products, plastics, etc. They are all hormonal disruptors.
Kindly read the bloghttps://www.wellcure.com/body-wisdom/201/hypo-or-hyper-thyroid-correct-imbalance-naturally
You could also read the journeys of many individuals who have reversed their thyroid successfully.
https://www.wellcure.com/health-journeys/73/liberation-from-diabetes-blood-pressure-thyroid-obesity
Wishing you Good Health Always!
Thank you
Regards
हेलो,
कारण - थायराइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि (नलिकाहीन ग्रन्थियां) है, जो हार्मोन बनाती है। इस में विकार उत्पन्न होने से ऐसा होता है। हाइपोथायराइडिजम में हार्मोन का उत्पादन कम होता है। हाजमा खराब होने के कारण थायराइड ग्रंथि में विकार उत्पन्न होता है। रक्ताल्पता (रक्त अल्पता), का साधारण मतलब रक्त (खून) की कमी है। यह लाल रक्त कोशिका में पाए जाने वाले एक पदार्थ (कण) रूधिर वर्णिका यानि हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आने से होती है। हीमोग्लोबिन के अणु में अनचाहे परिवर्तन आने से भी रक्ताल्पता के लक्षण प्रकट होते हैं। हीमोग्लोबिन पूरे शरीर मे ऑक्सीजन को प्रवाहित करता है और इसकी संख्या मे कमी आने से शरीर मे ऑक्सीजन की आपूर्ति मे भी कमी आती है।
शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर शरीर के अंदर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है ठीक उसी प्रकार जैसे कि हवा में पॉल्यूशन से वातावरण दूषित होता है उसी तरीके से शरीर के अंदर अम्ल की अधिकता से शरीर के अंदर मौजूद ऑक्सीजन प्रभावित होता है। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखकर विटामिन डी और ऑक्सीजन के लेबल को बढ़ाया जा सकता है आहार शैली और जीवनशैली में परिवर्तन लाना आवश्यक है।
समाधान- 1. लंबा गहरा सांस अंदर ले रुके थोड़ी देर 10 गिनने तक फिर सांस को खाली करें खाली करने के बाद 10 गिनने तक रुके फिर लंबा गहरा सांस अंदर खींचें यह प्रक्रिया एक चक्र हुआ ऐसा 10 चक्र करें एक बार में और ऐसा दिन में तीन से चार बार करें बस इस बात का ध्यान रखें कि जब आप यह प्रक्रिया कर रहे हो तो आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
2. गहरे हरे रंग के पत्तों का जूस खाली पेट ले उसके 2 घंटे बाद फल का सेवन करें और उसके तीन से 3:30 घंटे बाद फिर से गाजर या चुकंदर का जूस लें ऐसा करने से शरीर पूरी तरीके से साफ हो सकेगा।
3. सूर्य की रोशनी जहां है वहां अंधेरा नहीं है उसी तरीके से जहां स्वास्थ्य है वहां रोग नहीं रह सकता सूर्य की रोशनी का हमारे आंतरिक शरीर पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है।
सूर्य की रोशनी में 5 मिनट सीधा 5 मिनट उल्टा 5 मिनट या 5 मिनट बाया लेटे सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक कर यह 20 से 25 मिनट सूर्य की रोशनी लेने से शरीर अंदर से रोग मुक्त होगा।
4. मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।
4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।
तिल के तेल से गले पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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