What to do for fissure spasms and burning sensation radiating towards thighs?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHello Shama,
Fissure spasms can be painful and cause contractions at several levels making it difficult for us.
Our body starts having indigestion which leads to fissures, with the type of food consumes like milk products, gluten, packaged chemical-based products, highly spiced food, smoking, alcohol. In order to lead a healthier lifestyle by taking measures in all the directions and reaching towards a healthy health growth, we can get our ideal health. A lighter diet will help in accelerating thyroid gland function and our body can be back in harmony.
With a holistic way you can overall help yourself, that is why by taking a step towards holistic health you can effectively treat yourself in nature's way.
Eat:
Start the day with two-three glasses of warm water, this will help in flushing out the toxins and improve the state of metabolism by increasing it. The next thing is the inclusion of vegetable juice in your breakfast as this will help in giving the right amount of energy for the day. Keep at least two hours gap between your food and your sleep timing at night. You can also choose to have vegetable juice in your breakfast, it is an easier way to absorb all the nutrients.
- Have fennel seeds after meals, will aid in digestion and prevent fissures.
- Take one tablespoon of coconut oil and add one tablespoon of naturally extracted aloe vera gel and apply it on the rectal region at night. This will help in treating pain and fissure.
- Fill a tub with warm water and sit in it for 15-20 minutes, this will help in both relieving any cramps of the menstrual cycle and fissures and reduce the fissure spasms.
- For the burning sensation till the thigh, you can massage with aloe vera gel in the thigh region.
Exercise:
- Taking a brisk walk in the early morning sun rays helps in treating all the problems, as the sun helps in treating the mood and freshens us for the whole day, it stimulates our system and strengthens our immunity. An early morning walk is recommended.
- Vajrasana helps in digestion, practice it after every meal. This will even help in hastening the process of healing.
- Suryanamaskar will help in treating the health issues and will help in dealing with all problems, 12 sets a day is recommendable. If you are a beginner start with 6 and increase it.
Meditation:
Stop using the gadget on hour before sleep, you can use a fragrant diffuser where you can use essential oils and then with the smell itself you will start feeling calm. Rosemary and lavender oil will be helpful.
Take 10 long deep breaths, and allow your body to relax, any thought which comes, let it go do not resist. Say the affirmation, "I am healthy and happy" with each breath. This will help in curbing all your issues even in the long run.
Sleep:
The sleep is a very important part of treating any mental symptom, a sleep cycle of 90 minutes should be completed in order to get a sound body. This sleep cycle should be repeated 5 times. This makes 7-8 hours of healthy sleep. This will make your body and mind strong and refreshing. Make sure your room is gadget-free an hour before sleep.
Hopefully, these suggestions will help.
Thank you.
हेलो,
कारण - गुदा या गुदा नलिका में जब किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती है, तो उसे फिशर या एनल फिशर (Anal fissures) कहा जाता है। फिशर अक्सर तब होता है, जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल निकालते हैं। फिशर के कारण आमतौर पर मल त्याग करने के दौरान दर्द होना और मल के साथ में खून भी आता है। उत्तम स्वास्थ्य हेतु प्राकृतिक जीवन शैली को किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में अपनाएं।
समाधान- 1. मूली के पत्तों का रस पाइल्स में काफी उपयोगी होता है 20 से 25 ग्राम मूली के पत्ते को पीसकर 200ml पानी मिलाएं और इसे खाली पेट पियें। यह बहुत जल्दी राहत देगा।
सलाद में मूली गाजर चुकंदर ताजा नारियल का उपयोग करें नमक का उपयोग सलाद में ना करें तो यह औषधीय गुणों से भरपूर हो जाता है। साथ ही तली हुई चीजों से परहेज करें ध्यान रखें पेट आपका हमेशा साफ रहना चाहिए।
2. एक टब में नाभि तक पानी भर कर उस टब में बैठे 20 मिनट तक उसमें बैठकर संकुचन क्रिया करें।टब में नंगा होकर बैठ जाए। टब मैं पानी ताजा ठंडा होना चाहिए। (यानी आगे से गर्म किया हुआ ना हो ना बर्फ से किया हुआ ठंडा हो) पानी 4 या 5 इंच से अधिक गहरा ना हो यानी इतना सा गहरा हो कि चूतड़, पांव, और इंद्रियां आदि का अधिकांश भाग जल में डूबा रहे। सिर्फ पांव और चूतड़ पैंदे में टिके रहे और घुटने पानी से ऊपर उठे हुए रहने चाहिए यानी उकड़ू बैठना चाहिए। इसके बाद पांव, घुटने सीधे कर दिए जाएँ यानी फैला दिए जाएँ। इस तरह की तब के दोनों सिरों को छू जाए और एक हाथ से पानी पेडू पर जोर से फेंका जाए। दूसरे हाथ से जल्दी-जल्दी पेडू को बीच में व दोनों तरफ व ऊपर नीचे सब तरफ मलना चाहिए यानी एक हाथ से पेडू पर पानी फेंकते रहना चाहिए और दूसरे हाथ से पेडू व पेट के सभी हिस्से मिलते रहना चाहिएस्नान करने वाली स्त्री हो तो उसे चाहिए कि वह अपने गुप्त भागों को पानी के अंदर खूब मले और धोएँ। जंघा से ऊपर के व पेट के सभी भाग पानी में खूब अच्छी तरह मले व धोए जाए। इसी प्रकार पुरुष भी अपनी इंद्रियों को व गूदा व इंद्रिय के बीच के भाग को पानी में खूब धोए व मले। यह क्रिया 5 से 15 मिनट तक की जाए। इसके बाद सारे शरीर पर पानी डालकर स्नान कर डालना चाहिए और खूब हाथों से मल कर स्नान कर लेना चाहिए।
3. एक तौलिया गीला कर के निचोड़ लें और उसको पेट पर लपेट कर रखे। यह क्रिया भी 20 मिनट तक करें यह धूप में लेटे हुए किया जा सकता है 20 मिनट तक सूर्य की रोशनी को अपने शरीर में लगने दे यह काफी लाभकारी है।
4. मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
जीवन शैली - 1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।
4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।
कपूर मिश्रित नारियल तेल से पेट पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise) में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashgourd ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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