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Q&A
04:34 PM | 24-03-2020

My Wife who is 45 years old has a Acute problem of Acidity resulting in Low Hemoglobin of 8. Kindly suggest a good diet plan which can help her increase Hemoglobin and reduce Acidity.


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

10:06 PM | 24-03-2020

Hello Sandeep,

Our normal pH of the stomach is between 1-3.5 which is in the acidic ranges, the kind of food which we consume becomes harmful. Our body is constructed simply and can handle the digestion of light food. When we add on things like a high-fat diet and do not make it proportional to exercise by living into sedentary what it causes is indigestion, acidity, etc.

Anaemia and acidity are co-related as iron in the food are not absorbed because of our nutrients not properly reaching into the blood, this causes a deficiency of iron leading to anaemia. The kind of diet that we suggest should be extremely light and easy.

The main thing here is it should be about everything, food, meditation, sleep and exercise which amalgamates for good health.

Eat:

The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.

The ideal diet would be to depend on fruits and raw vegetable intake for at least one month and refrain from something oil-based.

  • Food rich in iron is very helpful like dates, jaggery water, spinach are very much helpful. With iron consumption, things that have vitamin C for example, putting lemon in legumes will be helpful as they help in absorbing iron well.
  • During the evening, one tablespoon of flaxseeds soaked in one glass of water with one tablespoon lemon will help treat iron deficiency and the lemon balances the acid-alkaline balance, making it an hour before dinner will be helpful.
  • Fennel seeds consumption after meals aid indigestion.
  • Have fruit salad in the afternoon time and vegetable salad as evening snack this will be light on your stomach.

​​Exercise:

  • Pranayam helps in detoxifying the body. Practising it early morning in an area which has good sunlight will help in improving blood circulation.
  • Suryanamaskar, daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.
  • Vajrasana after every meal helps in treating digestive tract problem.

Meditation:

In any kind of disease, stress comes complementary to it. But with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleeping with the help of music to stay positive. In a room take a bowl of water and add two-three drops of orange or lavender essential oil. This will help in soothing you and the aroma will relax you and keep you away from any kind of disease.

Use a 15-minute relaxation technique before sleep by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.

A positive attitude will help you to deal with everything in life.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.

Hopefully, these suggestions will help you.

Thank you.



10:19 PM | 24-03-2020

Hi Sandeep

 Acidity is caused because of wrong food habits as well as stressful situations and negative emotions. By becoming mindful and taking corrective action to get our body back in-sync with nature in terms of right food, sleep, rest, etc. the balance is automatically restored. And one can expect to get freedom from discomfort due to acidity.

You can explore our Nature-Nurtures Program that can help your wife in making the transition, step by step. Our Natural Health Coach will look into your routine in a comprehensive way and give you an action plan. She / he will guide you to correct your existing routine & make it in line with Natural Laws. Please let us know if you are keen to explore.

Regards

Team Wellcure



10:07 PM | 24-03-2020

हेलो,
कारण - खाना जो देर तक पचता नहीं है और शरीर के अंदर काफी लंबे समय तक सड़ रहा होता है उसके वजह से अम्ल की अधिकता हो रही है। शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर रक्त में अशुद्धि आती है। लंबे समय तक खराब हाजमा और कब्ज के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है। प्राकृतिक चिकित्सक के देखरेख में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर आप पूर्ण रूप से स्वास्थ्य पा सकते हैं।
समाधान- 1. जितना हो सके कच्चे हरे पत्तों का जूस छानकर पिए। जैसे पालक, दूब घास, बेलपत्र, धनिया पत्ता, तुलसी का पत्ता इन्हें अलग-अलग टाइम पर पीसकर 200ml पानी मिलाकर छानकर पीएं खाली पेट इन पत्तों का जूस बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है। यह रक्त को शुद्ध करेगा। हीमोग्लोबिन बढ़ेगा।
2. सूर्य की रोशनी में अपने शरीर को रखें सिर और आंख को किसी सूती कपड़े से ढक करके 5 मिनट बैक 5 मिनट फ्रंट 5 मिनट लेफ्ट 5 मिनट राइट साइड धूप लगाए। धूप लेट कर लगाने से ज्यादा फायदा करता है। हाजमा ठीक होगा।

 3. पेट के ऊपर एक गिला कपड़ा लपेट कर रखें 20 मिनट तक उसको लपेटे रखें इससे आंत को ठंडक पहुंचेगी और विषाक्त कणों को निष्कासन में मदद मिलेगा।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


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