My baby boy is 2 n half years old but the problem of constipation he is facing since he was 6 months old. I was constantly giving him laxatives like Eva q ,smuth l,sodium picosulfate ,but without these laxatives his stool becomes very hard and very difficult to pass out then I take help of suppositories. Plz suggest some guidelines to avoid his constipation.
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHello User,
Diet plays a major role in dealing with this constipation. Your diet during pregnancy and his diet after birth both have played a role in bringing the result.
The normal range according to WHO is that if the kid is able to perform his stool from 1-7 times in a day, and remains active, it is considered as normal. If your kid is not active in playing or response, then passing stool becomes difficult.
Things to do:
During evening, give him half a glass of warm water which will help in releasing stool. The next thing is to start with fibre filled diet.
1. Rice water. After boiling the water, make them consume the rice water.
2. Make a powder of dal and rice by drying them in the sun. Add warm water, make the mixture and help them consume it. Include fruits like bananas and apple in the diet.
3. A glass of vegetable juices like carrots and spinach will help them in easing stools. Also give him a glass or half, according to his need, of coconut water.
4. Avoid milk and milk products.
5. Avoid gluten which makes us prone to constipation due to complex absorption.
6. Make them play and keep them active so that energy is used.
7. Make the baby sleep on time and keep them away from gadgets.
These things will definitely help in keeping your baby healthy and help in their development.
Hopefully, these suggestions will help.
Take care.
Hello,
A correct diet is very essential for a well functioning gut. For babies, a diet that they eat as well as the diet that you have eaten during pregnancy determines his health.
- Give him lemon juice or orange juice. This contains vitamin C and will help to improve his metabolism.
- Give him soaked raisins in the morning on an empty stomach.
- Give him a thin watery part of boiled toor daal.
- Give him fresh, seasonal, and locally available fruits and vegetables.
- Give him coconut water.
- Make him sleep early at night at around 9 pm and also wake him up early in the morning at around 6 am.
- Keep him away from electronic equipment.
- Make sure that he drinks sufficient water during the day.
- Indulge him in some physical activity like playing, running, etc.
Thank you
Namaskar,
We do appreciate your concern about your son's constipation problem. As is evident from your query, he seems to be in an uncomfortable condition at this young age. At the same time, it is good that you are open to finding a solution to his problem in a holistic way. Please try to look at the human body, its functioning and the problem of constipation from Nature Cure perspective - once the food is digested the undigested matter is passed onto the large intestine. All such matter (mainly matter which cannot be used by the body, consisting of chemicals, fibre etc) is eliminated in the form of stools. When our lifestyle choices are unnatural (like wrong food habits, lack of sleep, disturbed circadian rhythm etc.), the intestine gets blocked with this undigested matter. This causes gas and hardening of the stools or constipation. Some of the waste may even be absorbed into the blood causing toxins to circulate to other parts of the body and causes further problems.
Constipation can certainly be relieved by making appropriate lifestyle choices. This would include food as well as non-food elements (like stress management, emotional health, proper rest and exercise etc.)
You can explore our Nature-Nurtures Program that helps you in making the transition, step by step. Our Natural Health Coach will look into your son's daily routine in a comprehensive way and give you an action plan. She / he will guide you on diet, sleep, exercise, stress to correct your child's existing routine & make it in line with Natural Laws.
In the meanwhile, please also refer to the below resources.
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Blog - Take control of constipation
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Real-life natural healing stories of people who cured digestive issues just by following Natural Laws. This one would be of specific interest to you - My child's chronic constipation frequents sickness were resolved through nature
All the best!
Team Wellcure
हेलो,
कारण - कब्ज आँतों के परिवर्तन की वह स्थिति है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी गति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है।
मैं समझ सकती हूं क्योंकि बच्चों में अगर कब्ज की शिकायत हो तो वह काफी परेशान हो जाते हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है क्योंकि पेट साफ नहीं है। मेरी 1 महीने की बेटी है जिसको की कब्ज की परेशानी हो रही थी और तब प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार मैंने उसके डाइट में परिवर्तन किया।उसका पेट बिल्कुल साफ रहता है उसे 6 से 8 बार बहुत ही आसानी से मोशन होता है
स्वास्थ्य बेहतर से बेहतर हुआ है।
इसी आधार पर मैं यह कह सकती हूं कि आप भी अपने बच्चे को यह डाइट दे सकते हैं।
समाधान - बच्चा ढाई साल का हो चुका है तो लैक्सेटिव के रूप में उसे आप केले स्मूदी भी पिला सकते हैं केले और कोकोनट को पीस लें इसके इसमें थोड़ा पानी ऐड करना चाहें तो ऐड कर सकते हैं और इसमें मीठा के लिए आप पानी में भिगोकर खजूर ऐड करें और यह दिन में तीन से चार बार उसको दें इसके अलावा बादाम और दूर्वा ग्रास का जूस मिल्क दें। बादाम को पानी में भिगो कर दे 8 से 10 बादाम और उसमें हैंडफुल दूर्वा ग्राास पीसकर छानकर उसको पिला सकते हैं। बादाम का दूध बहुत ही टेस्टी लगता है मिल्क प्रोडक्ट जो है उसको बंद करके आप इसको शुरू कर सकते हैं सुबह की शुरुआत नारियल पानी तो करें। 2 घंटे बाद उसको बनाना स्मूदी विद कोकोनोट एंड खजूर के साथ दें । उसके अलावा कुछ सब्जियां सलाद में खाने की आदत डालें जैसे खीरा, गाजर, टमाटर, नारियल।
फल के बाद 3 घंटे का gap रखें। सलाद बाद 5 घंटे का अंतराल रखें। पका हुआ खाना के बाद 12 घंटा का अंतराल रखें।
जीवन शैली - शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह।
आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए।
पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें।
2 वायु तत्व- सभी कपडे उतार कर वायु स्नान करवाएं।
3 अग्नि तत्व- सूरर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है।
नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।
मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
पेट पर खीरा का पेस्ट 20 मिनट लगाएँ। फिर साफ़ कर लें। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5. पृथ्वी तत्व- कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर छान कर दें।
ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 80 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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anusha annamdevula
10:00 PM | 28-06-2020
Can you provide the answer in English
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