Loading...

Q&A
03:52 PM | 07-04-2020

How can I get rid of my ear infection happening due to water getting into my head?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

Read more
Post as Anonymous User
2 Answers

07:01 PM | 07-04-2020

Hello Alen,

Ear infections happen when the immunity is becoming low, by our body not getting a good amount of nutrients due to our exposure to complex diet and sedentary lifestyle. So the first thing is to make sure our immunity is strong enough to keep us away from recurrent infection.

Here are some guidelines which can help you in treating the problem of ear infection.

Eat:

The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.

  • Vitamin C rich diet like oranges, mosumbi, lemons, sprouts, bell peppers are healthy in increasing immunity.
  • Daily after your afternoon meal, have one inch of ginger boiled in one cup of water and add 5-6 basil leaves continuously to keep your immunity high.
  • Warm compression on the affected ear will help in treating the pain from an ear infection.

​​Exercise:

  • Pranayam helps in detoxifying the body. Practicing it early morning in an area that has good sunlight will help in improving blood circulation.
  • Suryanamaskar, daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.

Meditation:

In any kind of disease, stress comes complementary to it. But with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleeping with the help of music to stay positive. In a room take a bowl of water and add two-three drops of orange or lavender essential oil. This will help in soothing you and the aroma will relax you and keep you away from any kind of disease.

Use a 15-minute relaxation technique before sleep by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.

A positive attitude will help you to deal with everything in life.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.

Hopefully, these suggestions will help you.

Thank you.



07:07 PM | 07-04-2020

हेलो,
कारण - कान के परदे (Eardrum) के पीछे एक छोटी सी जगह होती है, जिसे 'मध्य कान' कहा जाता है। यूस्टेचियन ट्यूब के माध्यम से हवा आमतौर पर नाक के पीछे से जाती है और मध्य कान को हवादार बनाती है। इसके कारण कान का यह हिस्सा साफ और सूखा रहता है। यूस्टेचियन ट्यूब के बंद हो जाने पर मध्य कान को पर्याप्त ताजी हवा नहीं मिल पाती है, जिसके कारण वह हिस्सा आद्र, निष्क्रिय व गर्म हो जाता है और जीवाणुओं के पनपने के लिए उचित स्थान बन जाता है। आंतों में इन्फ्लेमेशन के कारण होता है।  खाना जो देर तक पचता नहीं है और शरीर के अंदर काफी लंबे समय तक सड़ रहा होता है उसके वजह से यह संक्रमण होता है। विषाणु को पनपने के लिए शरीर में अम्लीयता होना जरूरी होता है। आहार शुद्धि और प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे छुटकारा पाया जा सकता है।

समाधान- 1. जितना हो सके कच्चे हरे पत्तों का जूस छानकर पिए। जैसे पालक, दूब घास, बेलपत्र, धनिया पत्ता, तुलसी का पत्ता इन्हें अलग-अलग टाइम पर पीसकर 200ml पानी मिलाकर छानकर पीएं खाली पेट इन पत्तों का जूस बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है। यह रक्त को शुद्ध करेगा।

 2. 20 मिनट सूर्य की रोशनी में अपने शरीर को रखें सिर और आंख को किसी सूती कपड़े से ढक करके 5 मिनट बैक 5 मिनट फ्रंट 5 मिनट लेफ्ट 5 मिनट राइट साइड धूप लगाए। धूप लेट कर लगाने से ज्यादा फायदा करता है।

ऐसा करने से शरीर में पल रहे विषाणु मूर्छित हो जाएंगे।

 3. पेट के ऊपर एक गिला कपड़ा लपेट कर रखें 20 मिनट तक उसको लपेटे रखें इससे आंत को ठंडक पहुंचेगी और विषाक्त कणों को निष्कासन में मदद मिलेगा।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

 


Scan QR code to download Wellcure App
Wellcure
'Come-In-Unity' Plan