I was having right ovarian cyst but it gets resolved in one cycle. But now I m having infection at the opening of the uterus and it is inflamed and my right pelvis pains a lot. So what should I do for that?
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Read moreHello Prachi,
Once the disease enters the body, it is the whole body that needs to heal and not just the part and this is what natural cure is all about.
A disease of the reproductive system starts with the high fat and chemical-based diet that we are loading our gastrointestinal tract with. Any disease can make you pre-dispose to another, because of your lifestyle continuation, if you take care of your lifestyle at this moment than there are definite chances that you get yourself treated well and your menstrual cycle will regularise with your inflammation getting cured.
But we have to treat our body on the whole so that we can even stop any future problems with our reproductive tract. In any case, the cure remains the same, which is a holistic cure in nature's way.
Eat:
- Start with food items like jaggery, dates, sprouts, green leafy vegetables which help in increasing iron content which helps in treating inflammation.
- One inch of ginger boiled in two cups of water with a tablespoon of lemon helps in treating inflammation, consume it during the evening.
- Vitamin C addition helps in easy-iron absorption, for example adding lemon in dals. Vitamin C keeps our cells activated by absorbing the iron in the body.
- Cumin water acts as a coolant and helps in enhancing the reproductive cycle.
Exercise:
- Sleep on your back, raise your one leg and start rotating in a circular motion for 5 times and place it back, repeat the same with another leg. This will elevate your uterine muscles.
- Squats are another exercise to improve uterine health. Do it 15-20 times at one time.
- Sit and take 10-15 long deep breaths from the abdomen, to release all the toxicity from the body helping us to gain back our normal menstrual cycle and healthy reproductive system.
- Hot fomentation on the area of the right pelvis will help in the dilation of blood vessels which helps in treating pain.
Meditation:
While sleeping, take a bowl of water. Put two-three essential oil drops like lavender or orange and inhale it. It will help in calming nerves and automatically our body will start getting the rhythm back. Listen to music for 15 minutes by closing your eyes and deep breathing.
This will help in controlling anxiety during stress.
Massage your pelvis with coconut oil, this will help in healing blood circulation.
Sleep:
Sleep should be of 7-8 hours, sound. This will help in releasing all stress and treat all the issues in a healthy manner. It is time to get yourself healthy and wise.
Hopefully, these suggestions will be helpful
Thank you.
हेलो,
कारण - गर्भाशय में संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होते हैं लेकिन कभी कभी यह फंगस और वायरस द्वारा भी फैलता है। यह संक्रमण ऑक्सीजन की कमी और रक्त संचार की कमी के कारण होता है। इसकेेे कारण पेल्विक क्षेत्र में दर्द और असहजता महसूस हो रहा है।
पाचन तंत्र स्वास्थ्य ना रहने पर हमारे शरीर में अम्ल की अधिकता हो जाती है। अम्ल की अधिकता से ऑक्सीजन और रक्त के संचार में कमी आती है। कोई भी संक्रमण शरीर में तभी फैलता है जब उसको शरीर के अंदर अम्लीय पोषण मिलता है। अतः पाचन तंत्र को स्वस्थ कर सभी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर हम पूर्ण स्वास्थ्य पा सकते हैं।
समाधान- 1. किसी भी संक्रमण के स्तिथि में मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा।
2. पेट पर एक गीला तोलिया निचोड़ कर बांधे 20 मिनट बाद उसको हटाए ऐसा करने से पाचन तंत्र की स्वास्थ्य में सुधार की शुद्धि आएगी। शरीर में अम्ल का प्रभाव कम होगा।
3. बेलपत्र और दूब घास का जूस सुबह खाली पेट ले 4 से 5 बेलपत्र को पीसकर 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसको मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए।
ऐसा करने से आप का संक्रमण ठीक हो जाएगा ऐसे ही दूब घास भी 20 ग्राम लेकर मिक्सी में पीस लें 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसे भी मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए। यह यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।
फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।
2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।
3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।
4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।
तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6.सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
8. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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