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Q&A
10:42 PM | 14-04-2020

How to cure sudden hearing loss due to vertigo? And is it possible to cure it even after fifteen years?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

10:20 PM | 15-04-2020

With consistency and if the cause is not structural, (injury of a part in-ear canal) then definitely on this forum it can be treated.

You can contact us and we will direct you to the naturopaths on this forum who will give you an appropriate diet and regime suiting your personal status.

Diseases can be effectively treated once we are ready to heal ourselves, inside out.

Thank you,

Take care.



04:35 PM | 15-04-2020

हेलो,

स्वास्थ्य की कमी को कभी भी दूर किया जा सकता है। वर्टिगो की समस्या ठीक होते ही सुनने की समस्या ठीक हो सकता है।
वर्टिगो में चक्कर आने के कारण आंतरिक कान का विकार- बेनाइन पैरॉक्सिज्मल पोजिशनल वर्टिगो (benign paroxysmal positional vertigo), मिनियर रोग (Ménière disease) (एक प्रगतिशील कान रोग), और वेस्टिब्यूलर न्यूरिटिस (vestibular neuritis; वास्टिबुलोकॉक्लेयर तंत्रिका की सूजन) सहित अन्य रोग हो सकते हैं। वर्टिगो सूचक है कि ऑक्सीजन और रक्त का संचार ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है। रक्त और ऑक्सीजन के संचार में कमी होने का मुख्य कारण पाचन तंत्र में अम्ल का बढ़ना है। जैसे वायुमंडल में हवा दूषित होने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है उसी तरीके से शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ने से ऑक्सीजन और रक्त की संचार में कमी आती है।

प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। जो एक दीर्घकालिक रोग है। इसको ठीक होने में 8 से 10 महीने का समय लग सकता है।

समाधान- 1. सर पर जब इस तरीके की समस्या देखी जाती है तो हमारी सलाह होती है कि सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ, नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें। 

कानों के पिछले हिस्से पर हल्का सा हाथ में नारियल तेल कपूर मिश्रित लगाकर अपनी एक उंगली से रोजाना मालिश करें घड़ी की सीधी दिशा में और घड़ी की उलटी दिशा में करें ऐसा 20 मिनट करने से बहुत लाभ होगा।

2. खानपान में मुख्य रूप से गहरे हरे रंग के पत्तों का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है। गहरे हरे रंग के पत्तों में क्लोरोफिल होता है और ऑक्सीजन की संचार में यह बहुत ही मददगार साबित होता है।

3. नमक की मात्रा कम ले दिन में एक बार ले और सेंधा नमक या काला नमक ही लें क्योंकि नमक ज्यादा रहने से भी सिर में  फ्लूइड में कमी आती है।  सिर में liquid रहता है  नमक  में सोडियम होता जो कि liquid को सोख लेता है।

4. मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा। जो कि हमारे सिर के नसों से कनेक्टेड रहता है।

5. लंबा गहरा श्वास अंदर लें रुको थोड़ी देर सांस को पूरी तरीके से खाली करें और फिर रुके थोड़ी देर ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा ऑक्सीजन की मात्रा ठीक हो जाएगी। सूर्य नमस्कार 10 बार करें सूर्य नमस्कार बहुत ही उपयोगी है हमारे सिर के हिस्से में रक्त संचार के लिए। पवनमुक्तासन अम्ल को कम करेगा शरीर में अम्ल के कम होने से सिर में ऑक्सीजन और रक्त का संचार होगा।

जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। कपूर मिश्रित नारियल तेल से पैरों के तलवे पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise) में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग, धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashgourd ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।  लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 7 बजे सलाद लें।

8. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

10:35 PM | 12-09-2020

Thanks

Reply


03:14 PM | 02-11-2020

Hello Jatinder,

Since the hearing loss is due the vertigo, it is necessary to cure it first and yes it can be treated even if it is some years old. Vertigo is a sensation of feeling off balance. Vertigo is often caused by an inner ear problem. It may also occur due to problems in some parts of the brain. Some cases of vertigo improve over time without treatment. However, some people have repeated episodes for many months or even years.

Depending on the cause of vertigo, there are things that you can do by yourself to get relief. 

  • Do some simple exercises or sukshma vyayama like rolling wrists and ankles clockwise as well as anti clockwise. 
  • Sleep with your head slightly raised on two or more pillows.
  • Get up slowly when getting out of bed and sit on the edge of the bed for a minute or before standing. 
  • Avoid bending down for picking up items.
  • Avoid extending your neck like for reaching out to a high shelf.
  • Move your head carefully and slowly while doing daily activities.

Apart from these tips, it is important to follow a correct lifestyle and diet also.

Diet-

  • Have only plant-based natural foods. 
  • Include sprouts, salads, beans, nuts, dry fruits in your diet. 
  • Have coconut water and fresh homemade fruit juices. 
  • Avoid dairy foods and also avoid animal products. 
  • Cook oil-free or use cold-pressed oil. 
  • Avoid tea and coffee. 
  • Include whole grains like barley, millets, oats in your diet. 
  • Avoid sugars, chocolates, carbonated drinks. 

Exercise 

Doing some physical activity is very important to be healthy.

  • Walk around 2,500 steps in the morning and the same in the evening. According to WHO, we should walk 8000 steps daily. Daily work may contribute to around 3000 steps and to complete them to 8000, walk 2,500 steps in the morning and evening. 
  • Perform yoga specially bhujanga asana, gomukha asana, trikona asana. 
  • Perform pranayam like kapalbhati, anulom-vilom. 

Sleep

Sleep always plays a vital role in the overall health of the body and mind.

Take proper sleep of at least 7-8hours daily. 

Sleep early at night and also wake up early in the morning at around 6 am.

Read books before sleeping to improve the quality of sleep. 

Thank you


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