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Q&A
12:07 PM | 16-04-2020

What is remedy for blocked Fallopian tubes? Please help!


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

03:32 PM | 17-04-2020

Hello User,

Once the disease enters the body, it is the whole body that needs to heal and not just that part and this is what natural cure is all about.

Blocked fallopian tubes can be due to two reasons: structural or functional. In functional, there is the intervention of inflammation process resulting in the block. In case it is prolonged, I would like to advise you to visit our naturopathy experts. Structural reasons can be an injury. When an infection is not treated for long, it causes scar in between the tube resulting in blockage. 

Guidelines for a functional block of Fallopian tubes:

A disease of the reproductive system starts with the high fat and chemical-based diet that we are loading our gastrointestinal tract with. Any disease can make you pre-dispose to another, because of your lifestyle continuation. If you take care of your lifestyle at this moment, then there are definite chances that you get yourself treated well and your menstrual cycle will regularise, if its not, with your inflammation getting cured.

But we have to treat our body on the whole so that we can even stop any future problems with our reproductive tract. In any case, the cure remains the same, which is a holistic cure in nature's way.

Eat:

  • Start with food items like jaggery, dates, sprouts, green leafy vegetables which help in increasing iron content which helps in treating inflammation and releasing blockage.
  • One inch of ginger boiled in two cups of water with a tablespoon of lemon helps in treating inflammation, consume it during the evening.
  • Vitamin C addition helps in easy-iron absorption, for example adding lemon in dals. Vitamin C keeps our cells activated by absorbing the iron in the body.
  • Cumin water acts as a coolant and helps in enhancing the reproductive cycle.

Exercise:

  • Sleep on your back, raise your one leg and start rotating in a circular motion for 5 times and place it back, repeat the same with another leg. This will elevate your uterine muscles.
  • Squats are another exercise to improve uterine health. Do it 15-20 times at one time.
  • Sit and take 10-15 long deep breaths from the abdomen, to release all the toxicity from the body, helping us to gain back our normal menstrual cycle and healthy reproductive system.
  • Warm baths, by sitting in a tub with lukewarm water, it will dissolve and help in dilating blood vessels and releasing the blocks.

Meditation:

While sleeping, take a bowl of water. Put two-three essential oil drops like lavender or orange and inhale it. It will help in calming nerves and automatically our body will start getting the rhythm back. Listen to music for 15 minutes by closing your eyes and deep breathing.

This will help in controlling anxiety during stress.

Massage your pelvis with coconut oil, this will help in healing blood circulation.

Sleep:

Sleep should be of 7-8 hours, sound. This will help in releasing all stress and treat all the issues in a healthy manner. It is time to get yourself healthy and wise.

Hopefully, these suggestions will be helpful

Thank you.



04:34 PM | 16-04-2020

हेलो,
कारण - गर्भाशय और अंडाशय के बीच पेट में स्थित फैलोपियन ट्यूबों को गर्भाशय ट्यूब भी कहा जाता है। गर्भाशय के दोनों तरफ दो फैलोपियन ट्यूब हैं। ये ओव्यूलेशन के दौरान अंडाशय से फुटे हुए अण्डे को निषेचन में एवं तत्पश्चात् भ्रूण को गर्भाशय तक पहुँचाने में मदद करती है।  यदि गर्भाशय और अंडाशय के बीच के कनेक्शन में रुकावट है, तो इसे अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां संक्रमण के कारण पेल्विक क्षेत्र में सूजन हो जाती है। यह एक संक्रमित बीमारी है जो आपके फैलोपियन ट्यूबों को ब्लॉक कर देती है। शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर संक्रमण का संभावना सबसे अधिक रहता है यह संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए आप प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाएं।

समाधान-1. एक टब में पानी भरे और उसमें 500ml नीम की पत्तियों का  रस डालें। उसमें 20 मिनट के लिए बैठे और संकुचन क्रिया करें। 

2. हरे पत्तों में आप पालक के पत्ते धनिया के पत्ते पुदीने के पत्ते तुलसी के पत्ते दूब घास बेलपत्र या  सफेद पेठे का जूस ले सकते हैं। प्रतिदिन इसका सेवन सुबह खाली पेट डेढ़ सौ ई-मेल से दो से मृतक करें दोपहर में खाना खाने से घंटा पहले इसका सेवन डेढ़ सौ से 200 ml तक करें डिनर के 1 घंटे पहले इसका सेवन 200ml तक करें।

3. खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

जीवन शैली - 1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

कपूर मिश्रित नारियल तेल से पेट पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise) में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग, धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashgourd ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद, नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू, बादाम, अखरोट, मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।  लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ, 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1 कटोरी चावल या 1 रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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