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Q&A
02:23 PM | 04-05-2020

I have a sprained wrist. Any natural remedies?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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1 Answer

11:24 AM | 05-05-2020

हेलो,
कारण - कलाई के अंदर के लिगामेंट हाथ को सही स्थिति में बनाए रखते हैं। लिगामेंट कलाई व हाथ के हिलने ढुलने की गति को नियंत्रण में रखते हैं। पट्टी जैसे मजबूत तथा लचीले ऊतकों को लिगामेंट्स कहा जाता है, जो जोड़ के अंदर दो हड्डियों को जोड़कर रखते हैं। जब कलाई में मौजूद लिगामेंट्स में अधिक खिंचाव आ जाता है या फिर ये क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। शरीर को क्षारइये अवस्था में रखा जाए तो दर्द कम होगा। पाचन तंत्र को ज्यादा  उर्जा ना लगाना पड़े खाने को पचाने में  ऐसा भोजन ले। फल सब्जी सलाद का इंटेक बढ़ाएं।
शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द का मुख्य कारक होता है शरीर में बढ़ा हुआ अम्ल शरीर का हाजमा खराब होने पर हमारे शरीर में अम्ल की अधिकता हो जाती है शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर रक्त संचार में कमी आती है और यह दर्द का कारक बनता है।

समाधान- 1. लंबा गहरा सांस अंदर ले रुके थोड़ी देर 10 गिनने तक फिर सांस को खाली करें खाली करने के बाद 10 गिनने तक रुके फिर लंबा गहरा सांस अंदर खींचें यह प्रक्रिया एक चक्र हुआ ऐसा 10 चक्र करें एक बार में और ऐसा दिन में तीन से चार बार करें बस इस बात का ध्यान रखें कि जब आप यह प्रक्रिया कर रहे हो तो आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। दौड़ लगाएं। ऑक्सीजन और रक्त का संचार ठीक प्रकार से हो पाएगा।

2. दर्द वाले स्थान पर mud pack या हर्बल पैक लगाएं।

20 मिनट बाद इसे साफ कर लें।

3. सूर्य की रोशनी जहां है वहां अंधेरा नहीं है उसी तरीके से जहां स्वास्थ्य है वहां रोग नहीं रह सकता सूर्य की रोशनी का हमारे आंतरिक शरीर पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है।

सूर्य की रोशनी में 5 मिनट सीधा 5 मिनट उल्टा 5 मिनट या 5 मिनट बाया लेटे सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक कर यह 20 से 25 मिनट सूर्य की रोशनी लेने से शरीर अंदर से रोग मुक्त होगा।

4  1सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

 

 

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Gui


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