How to get vitamin d and vitamin b12 naturally? Are there organic supplements for them?
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Read moreHello User,
Due to regular consumption of a high-fat diet, the basic nutrients a get difficult to absorb. The best thing is to keep your eating habits fixed, and the food, light in nature in order to the nutrients to get completely absorbed in the body. These are some guidelines which will help you deal with deficiency problem in an effective manner.
Eat:
Start your day with something light in nature and easy to digest. Your breakfast should be of the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins. The next thing is including a fibre-rich food item which helps in adding bulk to the stools, for example having apples, bananas, nuts, etc. which has a good amount of fibre in them.
Seeds are a good source of vitamins. Flax seeds, chia seeds, pumpkin seeds are easily available. At evenings, one tablespoon of chia seeds soaked in water with one tablespoon of lemon juice will be a rich combination for vitamin absorption.
Exercise:
- A brisk walk in early morning sun from 30-45 minutes helps in treating your body to its level best. Sun is a great source of Vitamin D which will also help us effectively in absorbing nutrients in the body that is why walking in the sun and connecting with the sun also help in activating our cells and rejuvenate us for the whole day.
Meditation:
In any kind of disease, stress comes complementary to it. But with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive.
A positive attitude will help you to deal with everything in life.
Sleep:
Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem, sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body.
Hopefully, these suggestions will help you
Thank you.
हेलो,
कारण - विटामिन बी और विटामिन b12 की कमी नहीं है बल्कि आमिर की अधिकता है। हमारे शरीर का बनावट इस तरीक़े से है कि कोई भी विटामिन की कमी नहीं हो सकती है। शरीर में अम्ल अधिक होने से ऐसा होता है। जो भी खाना देर तक पचता नहीं हैं वह शरीर के ऊर्जा और मिनरल को अधिक ख़र्च करता है। शरीर में अधिक अम्ल बनाता है जो की शरीर में मौजूद विटामिन पर एक आवरण बना लेता है जैसे संघनन की क्रिया से पानी का भाँप बादल बन जाता है आसमान में तो सूर्य को भी छुपा देता है। प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य पाया जा सकता है।
समाधान - 1.सूर्य नमस्कार करें। पवन मुक्त आसन करें।
सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे। हमारे प्राकृतिक संसाधनों में विटामिन डी के लिए सूर्य की रोशनी आवश्यक है।
2. विटामिन b12 के लिए गहरे हरे रंग के पत्तों का सेवन आवश्यक है कच्चे रूप में, खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashgourd) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। मिनरल मिलेंगे। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें।
फल, सूखे फल नाश्ते में लें। दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ लें। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू, बादाम, अखरोट, मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। एक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।ओ
सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
3 .मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। मेरुदंड को प्रतिदिन सूर्य स्नान लेट कर करवाएँ।शलभासन, सेतुबंध आसन, भुजंग आसन, अधोमुख आसन, स्वानआसन करें।लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
ऐसा करने से शरीर में ऑक्सीजन और रक्त संचार की वृद्धि होगी।
4. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
5. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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