Sir/ma'am,I have a problem of h. Pylori and am still having issues with my tummy which is now affecting my eyesight seeing is blur sometimes, pls. Help!
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Read moreHell Badur Abdulrahman,
Having an eye problem due to h. pylori infection is very common as nutrients are not easily absorbed hence the immunity weakening and new problems arising. Regular consumption of fatty diet and highly spiced food leads to indigestion which causes constipation. Toxins are the primary cause of gastric trouble. Our sedentary lifestyle also plays a role in this picture. What needs to be taken care of now is the fact that a major change in lifestyle and diet will be the cure of the problem.
In digestive problems with the consumption of this kind of food, the problem is, from the oesophagus to rectum everything is disturbed. The toxins are in the body, call it to stomach ulcers or gastritis, they relate to the same cause. With a healthy change in routine, what makes a major difference is by changing lifestyles, that we are not only curing the disease at this stage but also preventing future relapses.
Now let us understand what changes we can make:
Eat:
Starting your day with something light in nature and easy to digest is what your breakfast should be. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.
- Including a fiber-rich food item that helps in adding bulk to the stools, for example having apples, bananas, nuts, etc. which have a good amount of fiber in them.
- One tomato with black pepper in the evening time an hour before dinner, tomato also helps in improving iron content.
- During evening time, take an inch of ginger and boil in two cups of water with half a teaspoon of turmeric honey, this will help in beating inflammation caused by indigestion.
Exercise:
- Sitting in the position of Vajraasana will help in the treatment of indigestion. After your meals practice, this poses for better digestion and easy stools.
- Suryanamaskar daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.
- Tratak eye exercises help in improving eye muscle and keep you away from any eye problems.
Meditation:
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In any kind of disease, stress comes complementary to it, but with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive.
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Use a 15-minute relaxation technique before sleep, by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.
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A positive attitude will help you to deal with everything in life.
Sleep:
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Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.
Hopefully, these suggestions will help you.
Thank you
Hello Badur,
Weak eyesight may result due to H.pylori infection. Accumulation of toxins is the main reason for gastric issues. Lifestyle changes, improper eating habits may result in the accumulation of toxins. By making certain changes in lifestyle and eating habits, gastric issues can be cured.
Diet
- Drink a glass of warm water with few drops of lemon juice in it. This will help to improve the metabolism in the morning.
- Eat sprouts, nuts, salads, and beans in your diet.
- Have one amla daily. It will keep your digestion good.
- Drink freshly prepared homemade fruit juices with fibers. Also, have fresh, seasonal, and locally available fruits and vegetables. This will add fibers to the stool and will also ease in the movement of the stool.
Foods to avoid-
- Avoid processed and packaged foods.
- Avoid deep-fried foods, spicy foods, and preserved foods.
- Avoid dairy products like ghee, milk, paneer, curd, etc.
- Avoid animal foods.
Exercise
- Practice 10 sets of suryanamaskar daily.
- Do anulom-vilom pranayam.
- Do tratak eye exercise. This will help to improve muscle strength.
- Sit in vajra asana for 10 minutes after meals.
Sleep
Proper sleep is important for a good digestive system. Take proper sleep of at least 7-8 hours daily. Sleep early at night at around 10 pm and also wake up early in the morning at around 6 am.
Thank you
हेलो,
कारण - पाइलोरी एक आम प्रकार के बैक्टीरिया होता है, पाइलोरी" भी कहा जाता है। पाइलोरी पेट व आंतों में संक्रमण पैदा कर देता है, जिससे आंतों व पेट में अल्सर बनने लगते हैं। यह आंतों में इन्फ्लेमेशन के कारण होता है। खाना जो देर तक पचता नहीं है और शरीर के अंदर काफी लंबे समय तक सड़ रहा होता है उसके वजह से यह संक्रमण होता है। विषाणु को पनपने के लिए शरीर में अम्लीयता होना जरूरी होता है। शरीर मेंं अम्ल की अधिकता होने पर आंखों में
प्रदाह (inflammation) के वजह से ऐसा हो सकता है।
आँखों की समस्या मिनरल की कमी को दर्शाता है। आँखों का व्यायाम करें।
आहार शुद्धि और प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे छुटकारा पाया जा सकता है।
समाधान - 1. आँखों को दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ करें गर्दन हिलाएँ नहीं। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। अब आँखों को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करें गर्दन को हिलाना नहीं है। 5 बार करें फिर आँख बंद करें।घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में
और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में घुमाएँ फिर आँखों को बंद कर के आराम दें। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। जल्दी जल्दी आँखों को खोलें बंद करें 5 बार फिर आँख को बंद कर के खोले अब त्राटक क्रिया करें।अपने नाक के सीधी दिशा में एक मोमबत्ती जलाएँ। एक हाथ की दूरी रखें अब उस लो को देखें 5 मिनट तक फिर देखें फिर आँख बंद करके आराम करें। ऐसा दिन में दो बार करें। उसके आँख पर गुलाब जल की गीली पट्टी रखें। उसके ऊपर खीरा और धनिया पत्ता का पेस्ट रखें। 20मिनट बाद हटा लें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।
2. हरे पत्ते का जूस आपको बहुत फायदा करेगा कोई भी हरा पत्ता दूब घास, बेलपत्र या पालक के पत्ते का जूस खाली पेट में 200 ml पिएं।
3. खाना खाने से घंटा पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद पेट पर गिला कपड़ा लपेटकर रखें ऐसा करने से हाजमा दुरुस्त होगा।
गर्भाशय के ऊपर हर्बल पैक लगाएं खीरा और धनिया पत्ता का पेस्ट गर्भाशय वाले हिस्से पर पूरा लगा करके छोड़ दे 20 मिनट के बाद इसको साफ कर लें इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
हफ्ते में 3 दिन एकदम में पानी भरे नाभि तक वह पानी रहना चाहिए उसमें बैठे 20 मिनट बाद उसे बाहर निकले यह आपके गर्भाशय को स्वच्छ करने में मुख्य भूमिका निभाएगा।
हफ्ते में 3 दिन मेरुदंड स्नान करें एक गीला तोलिया बिनानी निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और अपनी रीढ़ की हड्डी से लेकर कंधे तक का हिस्सा यानी अपनी पूरी रीढ़ की हड्डी को गीले तौलिए पर रखें 20 मिनट बाद वहां से उठ जाए।
4. दौड़ लगाएं। सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, अनुलोम विलोम, पवन मुक्तआसन करें। पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें। हार्मोन को संतुलन करने में लाभ मिलेगा।
5. सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं।दुख हमेशा लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। सूर्य नारी मंद होने पर इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए। इसे हाजमा ठीक होगा।
6. सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashguard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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