Hello everyone, I am 31 aged male I am suffering from allergic rhinitis and eczema on my eye pupils from more than 10 years I have been taking homeopathic medicine since 3 years but not decreasing, please suggest.
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHello Chandan,
Eczema on the eye pupils are caused due to infection happening in the body, the best way to treat this infection is by working on the immunity. Due to continuous exposure to pollutants in the environment, our low nutritive diet, and a sedentary lifestyle, our body's action becomes vulnerable, making it susceptible to infections. This eye infection can be very well taken care of in a natural way.
It is time to make changes in the diet and adapt an overall naturalistic lifestyle. A holistic measure is the only way you can treat this thing completely.
Eat:
The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins. The ideal diet would be to depend on fruits and raw vegetable intake and refrain from something which is oil-based. Have fruit salad in the afternoon time and vegetable salad as an evening snack this will be light on your stomach.
- A diet rich in Vitamin C will help in dealing with any immunity problem. Sources like lemons, oranges, mosumbi will help.
- Warm compression, three times a day, helps in increasing blood circulation in the area.
- Putting rose water in the eyes helps in keeping them moist.
- Wash your eyes regularly with warm water.
Exercise:
- Pranayam helps in detoxifying the body, practicing it early morning in an area which has good sunlight will help in improving blood circulation.
- Suryanamaskar daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.
- Tratak eye exercises help in improving eye muscle and keep you away from any eye problems.
Meditation:
In any kind of disease, stress comes complementary to it, but with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive.
Use a 15-minute relaxation technique before sleep, by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.
A positive attitude will help you to deal with everything in life.
Sleep:
Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.
Hopefully, these suggestions will help you.
Thank you
हेलो,
कारण -एलर्जी राइनाइटिस को नाक की सूजन के रूप में जाना जाता है। एलर्जी के हमले के दौरान एंटीबॉडीज मुख्यत इम्युनोग्लोबिन ई (IgE) ऐसी कोशिकाओं से जुड़ जाती है जो हिस्टामाइन नामक केमिकल को फेफड़ों, त्वचा और श्लेष्म झिल्ली (mucous membrane) में छोड़ती हैं। यह हिस्टामाइन रक्त वाहिकाओं को खोलता है और इससे त्वचा पर लालिमा और झिल्ली में सूजन होती है। ऐसा होने पर नाक बंद होती है और छींके आती है। यह ठीक प्रकार से शरीर में ऑक्सीजन का सरकुलेशन और शरीर के कई द्वार ब्लॉक होने की वजह से होता है।
स्वस्थ त्वचा नमी को बनाए रखने में मदद करती है और आपको बैक्टीरिया और अन्य एलर्जी से बचाती है। उस में बदलाव से त्वचा की सुरक्षा प्रदान करने की योग्यता में कमी आ जाती है। जिसके कारण एक्जीमा होता है।त्वचा हमारे शरीर का सहज ज़रिया है अम्ल (acid) को प्रतिबिम्बित करने का। शरीर (elimination)निष्कासन की प्रक्रिया में लगा है। हम उसको आहार शुद्धि से मदद करें।
होम्योपैथ से केेवल प्रतिक्रिया पर काम करने कि कोशिश की जाती है। मूल कारण पर काम करने से ही किसी भी बीमारी से छुटकाराा पाया जा सकता। प्राकृतिक चिकित्साा पद्धति में हम केेेेेेेेवल मूल कारण पर ही ध्यान देते हैं।
समाधान - 1. खीरा एलोवेरा का पल्प का पेस्ट वंहा लगाएँ जंहा परेशानी है। 20मिनट के लिए लगाएँ।
2. त्वचा को गुलाब जल बेसन और हल्दी से साफ़ करें। साबुन या कोई भी क्रीम का प्रयोग बंद कर दें।
3. नहाने के पानी में पुदीना का रस मिला सकते हैं।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
4. मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें।अपने मेरुदंड को उस पर रखें।
5. बार बार कुछ भी खाने से बचे फल के बाद 3 घंटे का अंतराल (gap) रखें। क्षार (alkaline) जूस के बाद 1घंटे का अंतराल रखें। कच्चे सब्ज़ियों के सलाद के बाद 5 घंटे का अंतराल रखें। अनाज और पकी हुई सब्ज़ी अगर तेल रहित (oil free) के बाद 8 घंटे का तेल घी का प्रयोग किया गया हो तो 12 से 13 घंटे का अंतराल रखें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
6. त्वचा या शरीर के किसी भी हिस्से को स्वस्थ प्रदान करने के लिए ज़रूरी है।सुबह लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
7. सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
8. सुबह ख़ाली पेट आधा खीरा 5 पुदीने या करी पत्ते के साथ पिस कर उसमें 100 ml पानी मिला कर पिएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। जूस को मुँह में रख कर एक बार सहज स्वाँस लें फिर घूँट अंदर लें।
2 घंटे बाद कोई भी एक तरीक़े का फल नाश्ते में लें।फल को ठीक से चबा कर खाएँ। कोई नमक या चाट मसला या चीनी, दूध मिक्स ना करें।
दोपहर 12 बजे सफ़ेद पेठे (ash guard) 20 ग्राम पीस 100 ml पानी मिला कर लें।
नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है।
सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
9.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
10. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
Hello Chandan,
Eczema is a condition in which the skin gets inflamed and becomes swollen, red and itchy. The main cause is the accumulation of toxins that triggers the disease. An incorrect lifestyle and wrong eating habits lead to the accumulation of toxins which triggers various health issues.
Reasons for eczema
- It may be due to an overactive response of the immune system.
- Genetic factors or family history may also be the reasons.
- Physical irritants such as detergents, soap may also lead to eczema.
Local application
- Take 1 tablespoon of turmeric and mix glycerin and water in it. Apply this to the affected area. Keep it for 5 minutes and then rinse it with plain water.
- Mix aloe vera gel and Gulab Jal. Apply the mixture on the affected area.
Diet
- Start your day with a glass of warm water with a few drops of lemon in it. This will help to flush out the toxins out of the body.
- Eat light, plant-based natural foods.
- Drink sufficient water during the day to be hydrated.
- Drink coconut water.
- Avoid dairy products like ghee, milk, paneer, curd, etc.
- Avoid animal foods.
- Avoid processed and packaged foods.
Physical activity
- Exercise or practice yoga daily as it is very important for a good metabolism as well as improves the blood circulation in the whole body.
- Do suryanamaskar daily, 12 sets a day.
- Practice tada asana, gomukha asana, trikona asana, vriksha asana.
- Take short walks after meals.
Meditation
It plays an important role in reducing stress and improving mental as well as physical health.
Practice meditation regularly for 15-20min.
Sleep
Sleep is very important for the whole body and mind. During sleep, cytokines are released which helps to fight against the diseases.
Hence, take proper sleep of 7-8hours daily. Avoid using electronic gadgets to improve the quality of sleep.
Thank you
Namaskar!
Thanks for sharing your query with us! We do appreciate your concern for your health condition.
As per Nature Cure, our body is designed to stay in a state of health and diseases/symptoms/discomfort are often an attempt to restore any imbalance inside the body. The imbalance is caused because of toxins - which are an output of metabolism and are also added due to unnatural lifestyle choices. Nature has equipped us with the measures of eliminating the toxins on a regular basis - through breathing, stool, urine, sweat, mucus depositions in the nose, eyes, and genitals, etc. A skin condition like eczema indicates that there is a lot of toxic waste in the body which it is unable to eliminate. Rhinitis is inflammation of the mucous membrane of the nose and is a result of un-eliminated toxins only. When the body gets clogged with toxins it causes inflammation of tissues. At this stage, we need to support the body to get rid of toxins instead of suppressing symptoms by restoring to quick-fixes like medicines, etc.
Adopting a natural lifestyle will help you reclaim not only your skin health but overall health. We suggest you take a personal consultation with our Natural Health Coach who can understand your background better & suggest the way forward. You can explore our Nature-Nurtures Program for the same. The Natural Health Coach will guide you on diet, sleep, exercise, stress, etc to correct your existing routine & make it in line with Natural Laws. Let us know if you are interested.
In the meantime you may refer to the following resources:
Blog - Toxins - the one and only cause of all diseases
Health Journeys of people who dealt with their skin issues naturally
Hope this helps!
Team Wellcure
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Dr. Khushbu Suthar
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