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Q&A
01:55 PM | 20-11-2020

My teeth are sensitive to sourness,can you suggest remedy for it!


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

12:17 PM | 24-11-2020

Hello Rakesh,

Teeth sensitivity has many reasons, usually it is due to improper foods and liquid intake. Unhygienic oral conditions also lead to tooth destruction and sensitivity. 

To follow-

  • Brush with a soft bristle toothbrush. 
  • Maintain oral hygiene. 
  • Rinse your mouth with saltwater. 
  • Apply turmeric paste-mix 1 tablespoon of turmeric with half tablespoon of salt and mustard oil and then use this paste for oral application. 
  • Use fluoridated toothpaste. 

To avoid- 

  • Avoid tea, coffee. 
  • Avoid carbonated drinks. 
  • Avoid excessive cold or excessively hot foods and beverages. 

Thank you 


Anonymous User
12:16 PM | 24-11-2020

Start oil pulling following with salt mix sarso oil gums massage with finger



12:16 PM | 24-11-2020

हेलो,
कारण - ओरल प्रॉब्ललम का सीधा लिंक हमारे लिवर सेे है। लिवर को स्वस्थ करते ही दातों के संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। प्राकृतिक जीवन शैली के अनुसार दांत मसूड़े यह सभी अस्वस्थ से पाचन तंत्र के वजह से कमजोर होते हैं या विकार ग्रस्त होते हैं। दांतो को कमजोर करने में एक और भूमिका हमारे टूथब्रश और टूथपेस्ट का होताा है। टूथ ब्रश टूथपेस्ट के जगह पर अमरूद के पत्ते याा आम के पत्ते कोो अच्छे सेे चबाकर अपनी उंगलियों के मदद से धोएं। जीवनशैली में परिवर्तन करें। इससे आपकी समस्या का समाधान हो सकता है।

जीवन शैली- 1. सुबह खाली पेट हर्बल जूस लें। जैसे कि नारियल पानी, सफेद पेठे का जूस, दुर्वा ग्रास का जूस, बेलपत्र का जूस, खीरे का जूस और बनाना स्टैं म का जूस ले सकते हैं।

2. सूर्य के रोशनी शरीर में लेट कर लगाएं। सिर और आंख को सूती कपड़ा से ढक लें। ऐसा 20 मिनट करें। सूर्य उदय के एक घंटे बाद का धूप या सूर्य अस्त के एक घंटे 1 का धूप बहुत अच्छा होता मगर धूप यदि सिर और आंख को ढक कर लें तो किसी भी वक़्त धूप ले सकते हैं।

3. नाश्ते में केवल मौसम के फल केवल एक प्रकार के लें।

4. दोपहर में सलाद बिना नमक नीबू के लें।

सलाद को अकेले पूर्ण खुराक के रूप में लें। उसके साथ या बाद में पका हुए भोजन को ग्रहण ना करें। सलाद का पाचन समय 5 घंटा है तो पांच घंटे के बाद रात का भोजन लें।

रात के भोजन में 70% सब्जी डालें और 30% अनाज या millet लें। पका हुआ भोजन 35 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिन में केवल एक बार पका हुआ भोजन का सेवन करना चाहिए। यदि स्वास्थ में किसी प्रकार का कमी हो तो एक वक़्त का पका हुआ भोजन भी नहीं लेना उत्तम होता है। ये जीवन शैली में अनिवार्य रूप से उतारने से स्वास्थ उत्तम होता है।

5. पानी को या जूस को मुंह में घूंट भर कर रखे फिर घूंट को अंदर लें इससे आपका मुंह का लार जूस में मिल कर सुपाच्य प्रोटीन का निर्माण करता है जो कि शरीर की जरूरत है।

फल या सलाद को खूब चबा कर खाएं। ऐसा करने से शरीर 

को इन के पोषक तत्व ठीक प्रकार से मिल पाते हैं। फल और सलाद ठीक प्रकार से चबाने से हमारा लार उसके साथ मिलकर के कई विटामिन और कई मिनरल्स खुद से क्रिएट करता है जो कि हमारे शरीर का अहम घटक है।

6. हफ्ते में एक दिन उपवास करने से शरीर को मौका मिल जाता है स्वता ही पूरे शरीर की आंतरिक सफाई का जो कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है।

उपवास का मतलब यह है कि आपका 2 बार का भोजन ना लें जैसे सुबह का नाश्ता दोपहर का खाना ना लेकर सीधा शाम को ले या हो सके तो पूरे दिन का उपवास रखें शाम को भी कुछ ना ले। प्यास लगने पर पानी घूंट भर कर रखें फिर अंदर गट करें।  पानी पेट भरने के लिए ना पीएं केवल प्यास बुझाने के लिए,  मुंह में घूंट भरते ही दो से तीन घूंट आपके प्यास को बुझा देगा।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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