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Q&A
03:06 PM | 19-01-2021

I am a boy, I have jock itch in my groin area. How to cure naturally & how to prevent it from happening again?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

12:13 PM | 20-01-2021

Hello,

Itching in the groin area is mainly due to some infection like fungal infection.
Fungal infection can occur anywhere in the body and it is common throughout much of the natural world. Fungal infection on the body occurs when an infecting fungus takes over an area of the body and is too much to fight for the immune system.

Whenever a fungal infection occurs on the skin, it results in changes in the skin including red and possibly cracking or peeling skin, itching, etc.

What can be done?

  • Make a paste of garlic and mix it with coconut oil. Apply it on the area of infection. Cover it with gauze and leave for 2 hours. After 2 hours, rinse it with water. If there is any sensitivity to the skin like redness then wash the paste immediately. 
  • Take fresh aloe vera gel and apply it on the affected area. Aloe vera and antibacterial, antimicrobial and anti-inflammatory properties.
  • Apply coconut oil on the affected part.
  • Any microbial infection mainly results due to unhygienic conditions. So, keep the body clean. Use soap with warm water to wash the infected area of the skin.

Use turmeric

Turmeric is a popular spice and it is also known for its anti-inflammatory properties. 

Take turmeric in the diet in the form of tea. You can also add turmeric to your meals to reap the benefits. 

For external applications, mix turmeric with water or coconut oil and apply it on the affected part. Leave it to dry and then rinse it off.

Some other tips

  • Never share your clothes, towel and utensils with anyone.
  • Take a shower immediately after sports or any exercises.
  • Keep toenails and fingernails clipped and clean.
  • Diet
  • Always eat natural plant-based foods in your diet.
  • Avoid processed, packaged, oily and spicy foods as this may increase the skin problem.
  • Have turmeric tea and add turmeric in meals.
  • Drink coconut water.
  • Drink plenty of water throughout the day. 

Thank you 



11:24 AM | 21-01-2021

हेलो,

कारण - गरोइन्न एरिया में बार बार खुजली का कारण शरीर म्यूकस संक्रमण हो सकता है। इसका इंटरनल हाइजीन से जुड़ाव है। संक्रमण ऑक्सीजन की कमी और रक्त संचार की कमी के कारण होता है। पाचन तंत्र स्वास्थ्य ना रहने पर हमारे शरीर में अम्ल की अधिकता हो जाती है और अम्ल की अधिकता से ऑक्सीजन और रक्त के संचार में कमी आती है। प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर हम पूर्ण स्वास्थ्य पा सकते हैं।

समाधान- 1. किसी भी संक्रमण के स्तिथि में मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा। हफ्ते में 3 दिन हिप बाथ  करें। 1 टब में नाभि तक पानी भरकर उसमें बैठे। पानी में नीम का रस 100ml मिलाएं। 20 मिनट तक संकुचन क्रिया करते हुए इस टब में बैठे रहे।

2. पेट पर एक गीला तोलिया निचोड़ कर बांधे 20 मिनट बाद उसको हटाए ऐसा करने से पाचन तंत्र की स्वास्थ्य में सुधार की शुद्धि आएगी। शरीर में अम्ल का प्रभाव कम होगा।

3. बेलपत्र और दूब घास का जूस सुबह खाली पेट ले 4 से 5 बेलपत्र को पीसकर 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसको मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा। रोजाना दौड़े इससे ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक होगा।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।
रूबी, 
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



12:16 PM | 20-01-2021

Namaskar!

Thanks for sharing your query with us! Jock itch is a type of fungal infection. We would want you to understand this from Nature Cure perspective.

As per nature cure, the human body works towards maintaining its pH or acid-alkaline balance. It functions optimally when the pH of the blood is slightly alkaline (around 7.36-7.42). As per nature cure, most symptoms/diseases are caused because of increased acidity. Acidic residues get built up because of wrong food habits as well as non-food elements. Stressful situations and negative emotions may be acid-producing in the body. By becoming mindful and taking corrective action to get our body back in-sync with nature – food, sleep, rest, react, etc. the balance is automatically restored. And one can expect to get freedom from discomfort/disease.

Fungal infection is caused by an acid-alkaline imbalance in the body. As you start making changes to support the body healing happens from within and the external symptoms/discomfort is also taken care of. You can also take a personal consultation with our Natural Health Coach who can understand your background better & suggest the way forward. You can explore our Natural Health Coaching Program for the same.  

In the meanwhile, please read this blog to understand more - Do You Know About The Body’s Acid Alkaline Balance? It will also give you tips on what to do to address your issue at the root cause. 

Wishing you good health!

Team Wellcure


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